भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी का प्रकाशन पार्टी जीवन पाक्षिक वार्षिक मूल्य : 70 रुपये; त्रैवार्षिक : 200 रुपये; आजीवन 1200 रुपये पार्टी के सभी सदस्यों, शुभचिंतको से अनुरोध है कि पार्टी जीवन का सदस्य अवश्य बने संपादक: डॉक्टर गिरीश; कार्यकारी संपादक: प्रदीप तिवारी

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सोमवार, 13 फ़रवरी 2012

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की ओर से सदरूद्दीन राना का चुनाव प्रसारण

उत्तर प्रदेश के मतदाता भाइयों और बहिनों,
16वीं विधान सभा के चुनाव का घमासान मचा हुआ है। प्रदेश और देश में भ्रष्टाचार व्याप्त है। सभी राजनैतिक पार्टियां एक दूसरे पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा रही हैं। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी को छोड़कर सभी पार्टियां भ्रष्टाचार में लिप्त हैं। 2-जी स्पेक्ट्रम घोटाला जैसे न जाने कितने घोटाले यदि कांग्रेस के नाम हैं तो स्पेक्ट्रम घोटाले की शुरूआत भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने ‘पहले आओ-पहले पाओ’ की नीति अपना कर की थी। इस नीति को सर्वोच्च न्यायालय ने रद्द कर दिया। भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस में सरकारों में से किसने अधिक भ्रष्टाचार किया, ये बता पाना कठिन कार्य है।
आपको याद होगा कि वर्ष 2007 में समाजवादी पार्टी के गुण्डा राज और भ्रष्टाचार से प्रदेश की जनता निजात चाहती थी और जब चुनाव की घोषणा हुई तो बहुजन समाज पार्टी ने नारा दिया था कि ”चढ़ गुण्ड़ों की छाती पर, मुहर लगाओ हाथी पर“। सपा के भ्रष्टाचार, गुण्डाराज और परिवारवाद से तंग आकर प्रदेश के मतदाताओं ने बहुजन समाज पार्टी की सरकार बनवाई। सरकार बनते ही नारा बदल गया। बसपा का अघोषित नारा हो गया ”चढ़ दलितों की छाती पर, गुण्डा बैठा हाथी पर“। बसपा सरकार भी सपा सरकार की राह पर चलती रही। आय से अधिक सम्पत्ति का मुकदमा यदि मुलायत सिंह पर चल रहा है तो मायावती पर भी यही मुकदमा चल रहा है। भ्रष्टाचार में ये दोनों एक दूसरे को पछाड़ने में लगे हैं। सपा-बसपा सरकारें बारी-बारी प्रदेश की जनता को लूटती रहीं। अब देश और प्रदेश में भ्रष्टाचार नहीं हो रहा है बल्कि सरकारी धन की लूट मची हुई है। प्रदेश और देश से भ्रष्टाचार को मिटा दिया जाये तथा कुछ नीतियों में परिवर्तन कर दिया जाये तो प्रदेश में खुशहाली आम जनता को मिल जाये। आम जनता की चिन्ता बसपा, सपा, कांग्रेस और भाजपा किसी को नहीं है। भाजपा को ‘फील गुड’, ‘शाइनिंग इंडिया’ एक दशक पहले से दिख रहा है। दूसरी तरफ कांग्रेस को गरीबी दिख ही नहीं रही है। गरीबी का मजाक उड़ाया जा रहा है। प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह की अध्यक्षता वाले योजना आयोग ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि गांव में रहने वाले प्रति व्यक्ति की प्रतिदिन की आय 26 रूपया तथा शहर में रहने वाले प्रति व्यक्ति की प्रतिदिन की आय 32 रूपया है तो वह गरीबी की रेखा से ऊपर है। देश की इस हालत पर प्रदेश की जनता बस यही कह रही है:
”अपने चेहरे की लकीरों को छुपाऊं कैसे?
उनके मर्ज़ी के मुताबिक नज़र आऊं कैसे?
घर सजाने का तसव्वुर तो बहुत बाद का है,
पहले यह तय हो कि इस घर को बचाऊं कैसे?“
आप सभी महंगाई से परेशानहाल है। खाने-पीने के सामान का दाम पिछले दो-तीन सालों में कई गुना बढ़ चुका है। डीजल और पेट्रोल के दामों को तो सरकार ही महीने में दो-बार बढ़ा देती है। सरकारी एवं सार्वजनिक क्षेत्र में रिक्त पड़ी जगहों पर नियुक्ति पर सरकारों ने पाबंदी लगा रखी है। स्वास्थ्य विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार के कारण प्रदेश की राजधानी में तीन-तीन चिकित्साधिकारियों की हत्यायें हो चुकी हैं।
प्रदेश को बचाने के लिए आम जनता को राहत देने के लिए, गरीबों के जीवन स्तर को ऊपर उठाने के लिए आवश्यकता है कि प्रदेश के मतदाता जाति-पांति और धर्म की राजनीति से ऊपर उठकर ईमानदार प्रत्याशियों को वोट करें। जब प्रदेश के मतदाता भ्रष्टाचार की आंधी में ईमानदार प्रत्याशी को वोट देने का निर्णय लेंगे तो उन्हें भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के प्रत्याशी ही दिखाई देंगे। इस विधान सभा चुनाव में यदि मतदाता ईमानदार प्रत्याशी को वोट देने का निर्णय ले लें तो भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के सभी उम्मीदवार विजयी हो जायेंगे। जब तक मतदाता ईमानदार प्रत्याशियों को वोट देने का संकल्प नहीं लेंगे तब तक प्रदेश और देश की सूरत नहीं बदल सकती।
मतदाता भाईयों और बहनों,
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के किसी भी एम.एल.ए. एम.पी., कैबिनेट मंत्री या मुख्यमंत्री पर आज तक भ्रष्टाचार का कोई आरोप नहीं लगा। इस तथ्य पर मतदाताओं को गंभीरता से विचार करना चाहिए।
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी प्रदेश के मतदाताओं से भ्रष्टाचार और महंगाई के खिलाफ तथा प्रदेश के चौमुखी विकास के लिए वोट देने की अपील करती है। भ्रष्टाचार रहित समाज, शोषित जनता की खुशहाली, प्रदेश के विकास और बेरोजगारों को रोजगार दिलाने और उचित मजदूरी के संघर्ष के लिए हंसिया और बाली वाले बटन को दबाकर कर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के उम्मीदवारों को अधिक से अधिक संख्या में विजयी बनायें।
मेहनतकश जनता - जिन्दाबाद!
समाजवाद-जिन्दाबाद!

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