भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी का प्रकाशन पार्टी जीवन पाक्षिक वार्षिक मूल्य : 70 रुपये; त्रैवार्षिक : 200 रुपये; आजीवन 1200 रुपये पार्टी के सभी सदस्यों, शुभचिंतको से अनुरोध है कि पार्टी जीवन का सदस्य अवश्य बने संपादक: डॉक्टर गिरीश; कार्यकारी संपादक: प्रदीप तिवारी

About The Author

Communist Party of India, U.P. State Council

Get The Latest News

Sign up to receive latest news

फ़ॉलोअर

बुधवार, 4 जून 2014

भाकपा के प्रतिनिधिमंडल ने सआदत गंज का दौरा किया. सपा समर्थकों एवं पुलिस को ठहराया घटना के लिये जिम्मेदार

लखनऊ- ४ जून २०१४. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी एवं उसके सहयोगी संगठनों के प्रतिनिधियों ने बदायूं जनपद के कटरा सआदतगंज पहुँच कर पीड़ित परिवार से भेंट की, उनके प्रति सहानुभूति प्रकट की तथा उस स्थल को भी देखा जिसमें दो किशोरियों के साथ बलात्कार के बाद उन्हें फांसी पर लटका दिया गया था. भाकपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य एवं उत्तर प्रदेश के राज्य सचिव डॉ. गिरीश के नेत्रत्व में वहां पहुंचे प्रतिनिधिमंडल में भाकपा की राष्ट्रीय परिषद् के सदस्य एवं हरियाणा प्रदेश के सचिव का. दरयाब सिंह कश्यप, पार्टी की राज्य कार्यकारिणी के सदस्य का. अजय सिंह, राज्य काउन्सिल के सदस्य एवं गाज़ियाबाद के जिला सचिव का. जितेन्द्र शर्मा, बरेली के जिला सचिव राजेश तिवारी, बदायूं के जिला सचिव रघुराज सिंह, उत्तर प्रदेश महिला फेडरेशन की काउन्सिल सदस्य प्रोफेसर निशा राठोड़, जिला संयोजक विमला, भारतीय खेत मजदूर यूनियन के राष्ट्रीय सचिव का. विजेंद्र निर्मल, उत्तर प्रदेश किसान सभा के सचिव का. रामप्रताप त्रिपाठी, उपाध्यक्ष का. छीतरसिंह, दिल्ली विश्वविद्यालय के वरिष्ठ प्रोफेसर सदाशिव,बरेली से पार्टी के प्रत्याशी रहे का. मसर्रत वारसी, वरिष्ठ पार्टी नेता डी.डी. बेलवाल, शाहजहांपुर के वरिष्ठ नेता का. सुरेश कुमार, का. प्रेमपाल सिंह, प्रवीण नेगी, सुरेन्द्र सिंह, सुखलाल भारती, सुरेन्द्र सिंह, हरपाल यादव, राकेश सिंह, रामप्रकाश, मुन्नालाल, राकेश सिंह सहित लगभग ५० कार्यकर्ता शामिल थे जो आठ गाड़ियों के काफिले के साथ वहां पहुंचे थे. प्रतिनिधि मंडल को पीड़ित परिवार एवं उपस्थित महिलाओं ने बताया कि गाँव के दबंग लोग जो समाजवादी पार्टी के समर्थक हैं, अक्सर गाँव के कमजोर परिवारों की महिलाओं और किशोरियों से अशोभनीय व्यवहार करते हैं. उनके पशु कमजोर तबकों के किसानों के खेतों में चरते हैं और कोई उनसे मना करने की हिम्मत जुटाता है तो उसके साथ मारपीट करते हैं. एक गरीब महिला ने बताया कि उसके बेटे की पिछले वर्ष हत्या करदी गई और आज तक पुलिस ने कोई कार्यवाही नहीं की. पुलिस हर मामले में और हमेशा इन दबंगों का ही साथ देती है और यह दमन चक्र सपा की सरकार आते ही और बढ़ जाता है. महिलाओं ने बताया कि गाँव में शौचालयों का बेहद अभाव है. शिक्षा के लिये कोई कालेज भी नहीं है. उनकी पीड़ा इस बात को लेकर भी झलकी कि अभी तो सभी लोग यहाँ आ- जा रहे हैं, जब कुछ दिनों बाद लोगों का आना- जाना बंद होजायेगा तो गाँव के ये दबंग तत्व फिर दबंगई करेंगे. प्रतिनिधिमंडल की ओर से डॉ. गिरीश ने उपस्थित लोगों से कहा कि हम लोग आपका दर्द बाँटने आये हैं सहानुभूति के दो शब्द कहने आये हैं तथा आपकी आवाज को आवाज देने का भरोसा दिलाने आये हैं. हमारे पास अन्य दलों की तरह देने को न धन है न झूठे बायदे. न ही हम औरों की तरह वोट की राजनीति करते हैं. हम पीड़ित परिवार की प्रशंसा करते हैं कि आज के युग में जब लोग एक एक पैसे के लिए सर्वस्व लुटाने को तैय्यार हैं इस परिवार ने सरकार की मदद को ठुकरा दिया अपराधियों को सजा दिलाने की दृढ़ता दिखाई. सभी लोगों ने भाकपा की इस भावना को सराहनीय बताया. भाकपा की यह स्पष्ट राय है कि सआदतगंज की इस घटना के लिए स्थानीय पुलिस पूरी तरह जिम्मेदार है. वह वहां अपराधियों को प्रश्रय देने में जुटी थी और पीड़ित परिवार को ही डरा धमका रही थी. राज्य सरकार कई दिनों तक अपराधियों के प्रति सहानुभूति का रवैय्या अख्तियार किये रही. ठीक उसी तरह जैसे सी.ओ. पुलिस जिया उल हक हत्याकांड में अपनाती रही थी. वह तब हरकत में आयी जब मामला काफी तूल पकड़ गया. भाकपा मांग करती है कि पीड़ित परिवार और गाँव के अन्य कमजोरों की जान माल और आबरू की सुरक्षा हेतु कड़े कदम उठाये जायें, वहां थाने और चौकियों पर कमजोर वर्गों से आने वाला स्टाफ तैनात किया जाये, तत्कालीन थानाध्यक्ष उसैहत सहित तमाम दोषी पुलिसजनों को सस्पेंड किया जाये, मृतक दोनों बहिनों के नाम पर वहां एक सरकारी बालिका विद्यालय खोला जाये, हर घर में शौचालय बनबाये जायें तथा अति पिछड़े इस क्षेत्र के विकास के लिए वहां सार्वजनिक क्षेत्र में उद्योग लगाए जायें. डॉ. गिरीश ने कहा है कि आज उतर प्रदेश महिलाओं के लिये तो कसाईघर बन कर रह गया है. हर दिन प्रदेश भर में लगभग दर्जनभर महिलाओं के साथ दरिंदगी की ख़बरें मिल रहीं हैं. प्रदेश की कानून व्यवस्था समाप्त ही होगयी है. इसकी नैतिक जिम्मेदारी मुख्यमंत्री को अपने ऊपर लेनी चाहिये और सरकार को त्यागपत्र देदेना चाहिये. भाकपा ने महिलाओं की सुरक्षा के प्रश्न पर व्यापक आन्दोलन छेड़ने का निश्चय किया है. प्रदेश भर में जन जागरण छेड़ दिया है और १२ जून को भाकपा “महिलाओं की रक्षा करो” नारे के साथ सभी जिला मुख्यालयों पर धरने प्रदर्शनों का आयोजन करेगी. डॉ. गिरीश

0 comments:

एक टिप्पणी भेजें

Share |

लोकप्रिय पोस्ट

कुल पेज दृश्य