भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी का प्रकाशन पार्टी जीवन पाक्षिक वार्षिक मूल्य : 70 रुपये; त्रैवार्षिक : 200 रुपये; आजीवन 1200 रुपये पार्टी के सभी सदस्यों, शुभचिंतको से अनुरोध है कि पार्टी जीवन का सदस्य अवश्य बने संपादक: डॉक्टर गिरीश; कार्यकारी संपादक: प्रदीप तिवारी

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गुरुवार, 20 जून 2019

CPI, U.P. Condemns Uttar Pradesh Private University Ordinence 2019


भाकपा ने यूपी निजी विश्वविद्यालय अधिनियम को असंवैधानिक बताया

तत्काल वापस लेने की मांग की


लखनऊ-  भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव मण्डल ने यूपी केबिनेट द्वारा पारित उत्तर प्रदेश निजी विश्वविद्यालय अध्यादेश 2019' जिसका कि उद्देश्य इन विश्वविद्यालयों में राष्ट्रविरोधी गतिविधियां रोकना बताया जारहा है, को अभिव्यक्ति एवं शिक्षा के आधार और अधिकार पर बड़ा हमला बताया है। भाकपा ने इस अध्यादेश पर कड़ी आपत्ति जताते हुये इसे रद्द करने की मांग की है।
एक प्रेस बयान में भाकपा के राज्य सचिव डा॰ गिरीश ने कहाकि ऐसा अध्यादेश लाने से पहले राज्य सरकार को बताना चाहिये कि किस निजी विश्वविद्यालय में और क्या राष्ट्रविरोधी गतिविधियां होरही हैं और यदि होरहीं हैं तो वे अब तक क्यों जनता के संज्ञान में नहीं लायी गईं? क्यों अब तक उनके खिलाफ कानूनी कार्यवाही नहीं की गयी? जेएनयू के कथित टुकड़े- टुकड़े गैंग जिसकी कि चार्जशीट अदालत द्वारा रद्द की जाचुकी है का बहाना बना कर थोपे जाने वाले इस अध्यादेश को स्वीकार नहीं किया जासकता।
भाकपा ने कहाकि इस तुगलकी अध्यादेश के जरिये भाजपा सरकार उन विश्वविद्यालयों में छात्रों एवं शिक्षकों की लोकतान्त्रिक गतिविधियों को कुचलना चाहती है और संघ नियंत्रित छात्र एवं शिक्षक संगठनों को वाक ओवर देना चाहती है।भाजपा को लोकतान्त्रिक और विपरीत विचार बर्दाश्त नहीं। वह उन्हें कुचलने को तमाम हथकंडे अपना रही है। यह अध्यादेश भी उनमें से एक है।
सच तो यह है कि संघ नियंत्रित विद्यालयों और बौध्दिक शिविरों में आबादी के बड़े हिस्से के प्रति घ्रणा और विद्वेष पैदा करने वाली शिक्षा दी जाती है तथा गांधी, नेहरू के प्रति घ्रणा और नाथूराम गोडसे के प्रति श्रध्दा पैदा की जाती है। असल जरूरत उसे रोके जाने की है।
भाकपा ने कहाकि निजी हाथों में सिमटी शिक्षा आज व्यापार बन गयी है। वह गरीबों और निम्न मध्यम वर्ग के लिये सुलभ नहीं है। जरूरत शिक्षा का राष्ट्रीयकरण करने और उसका बजट बढ़ा कर उसे सर्वसुलभ बनाने की है। सभी को समान शिक्षा दिये जाने का निर्देश माननीय उच्च न्यायालय द्वारा कई साल पहले दिया जाचुका है और भाकपा इसे लागू कराने के लिये माननीय राज्यपाल महोदय को तभी ज्ञापन देचुकी है जब सपा की सरकार थी। लेकिन भाजपा इस बुनियादी सवाल से ध्यान हटाने को ऐसे हथकंडे अपना रही है। भाजपा सरकार छात्रसंघों के चुनाव कराने से भी कतरा रही।
भाकपा ने सभी लोकतान्त्रिक शक्तियों से अपील की कि वे इस गैर जरूरी और असंवैधानिक अध्यादेश को रद्द किए जाने हेतु आवाज उठायेँ।

डा॰ गिरीश 


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सोमवार, 17 जून 2019

CPI NEWS


भाकपा राज्य कार्यकारिणी की बैठक संपन्न

चुनाव परिणामों की समीक्षा की गयी

बिजली दरें बढ़ाई गयी तो होगा आन्दोलन

विधान सभा उपचुनावों की तैयारी की जायेगी


लखनऊ- 17 जून 2019, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की उत्तर प्रदेश राज्य कार्यकारिणी की दो दिवसीय बैठक आज यहां लालगंज बार एसोसिएशन के प्रेसिडेंट कामरेड हामिद अली एडवोकेट की अध्यक्षता में संपन्न हुयी। बैठक में पार्टी के राष्ट्रीय सचिव द्वय काम॰ अतुल कुमार अंजान और डा॰ भालचंद कांगो दोनों दिन उपस्थित रहे। दोनों नेताओं ने बैठक को संबोधित किया और हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनावों के संबंध में पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी द्वारा किये गये विश्लेषण पर प्रकाश डाला।
पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य एवं राज्य सचिव डा॰ गिरीश ने चुनाव समीक्षा रिपोर्ट प्रस्तुत की। उन्होने कहाकि इन चुनावों में बहुमत हासिल करने को भाजपा ने हर नाजायज हथकंडा अपनाया। मीडिया, सोशल मीडिया और अपने सघन प्रचार अभियान के जरिये, बेरोजगारी, मजदूरों- किसानों की दयनीय दशा, महंगाई, भरष्टाचार व घोटाले, गिरती अर्थव्यवस्था और समूचे देश में महिलाओं, दलितों, अल्पसंख्यकों और अन्य नागरिक समूहों पर हुयी जुल्म ज्यादती आदि को चर्चा से बाहर धकेल दिया। बड़ी बारीकी से उन्होने धर्म, जाति, सांप्रदायिकता जिसमें मुस्लिम और पाकिस्तान विरोध शामिल था, पुलवामा में हुयी  किरकिरी को छुपाने को कराई गयी बालाकोट स्ट्राइक, सेना के गौरव को अपने हक में भुनाने संघी माडल के हिन्दुत्व और राष्ट्रवाद को अपने प्रचार का औज़ार बनाया।
इसके अलाबा शासकीय मशीनरी का दुरुपयोग किया, विपुल मात्रा में धन बहाया, बड़े पैमाने पर अरबपतियों और अपराधियों को प्रत्याशी बनाया, जाति के हिसाब से रेबड़ियाँ बांटी गईं और जाति की लकीरों को हिन्दुत्व के आवरण में ढक कर पेश किया गया। सबका साथ सबका विकास की चूंकि कलई खुल गयी थी तो मोदी है तो मुमकिन है और मोदी का कोई विकल्प नहीं जैसे नए हथियारों को आजमाया गया। निर्वाचन आयोग की शर्मनाक पक्षधरता और ईवीएम के कई तरह से उपयोग- दुरुपयोग से भी वोटों का बैलेंस अपने पक्ष में किया। खबरें तो यहाँ तक हैं कि प्रशासकीय मशीनरी की साठ गांठ से भाजपा विरोधी मतदाताओं को दबाव में लेकर एक दिन पहले ही उनके अँगूठों पर स्याही लगा दी गई और अगले दिन उनका वोट डाल दिया गया। विपक्ष के चुनाव अभियान में न केवल रोड़े अटकाये गये बल्कि तमाम विपक्षी कार्यकर्ताओं को अवैध रूप से नजरबंद कर दिया।
ये भी ध्यान देने की बात है कि चुनाव अभियान में जितनी सीटें जीतने का दाबा मोदी, शाह और अन्य भाजपाई कर रहे थे, अधिकतर एक्ज़िट पोल ने भी लगभग वही आंकड़े  प्रस्तुत किये, कतिपय सरकारी सूत्र भी ऐसे ही दाबे कर रहे थे और नतीजे भी वैसे ही आये। क्या यह सब एक बड़ी साजिश की ओर इशारा नहीं कर रहे? बेगूसराय और अमेठी जैसी कई दर्जन सीटों को हथियाने को विशिष्ट योजना बनाई गयी थी।
समीक्षा रिपोर्ट में कहा गया है कि यह सरेआम जनादेश का अपहरण है। सरकार बनने के चंद दिनों के भीतर ही देश में जिस तरह के गंभीर सवाल सतह पर आगये हैं उससे और स्पष्ट होजता है कि सुशासन देने की तहजीब भाजपा के पास नहीं है। जल्दी ही इस अपह्रत जनादेश की सचाई सामने आजायेगी।
समीक्षा रिपोर्ट में कहा गया है कि विपक्ष इतनी बड़ी चुनौती का सामना करने के सवाल पर गंभीर नहीं होसका। बार- बार आगाह करने के बावजूद उत्तर प्रदेश जैसे महत्वपूर्ण राज्य में एक व्यापक गठबंधन नहीं बनाया गया। कैराना, गोरखपुर, फूलपुर और नूरपुर में कुछ ही माह पहले हुये चुनावों में विपक्ष को सफलता इसलिए मिली थी कि भाकपा सहित तमाम विपक्षी दलों ने साथ दिया था। भाकपा को उम्मीद थी कि उत्तर प्रदेश में भाजपा का रथ थामने के लिए मुख्य दल सभी को साथ लेकर चलेंगे। लेकिन जब ऐसा नहीं होसका तो भाकपा ने अपनी नीतियां जनता के बीच लेजाने के लिए 11 सीटें लड़ीं। शेष सीटों पर हमने अन्य विपक्षी दलों को समर्थन दिया। बिना पूर्व तैयारी के बेहद सीमित साधनों के साथ लड़े गये इस चुनाव में मिले वोटों से भाकपा संतुष्ट है। उसका भरोसा जगा है कि वामपंथ के खिलाफ चलाये जारहे प्रचार अभियान के बावजूद लाखों लोग भाकपा के साथ खड़े हैं। पार्टी ने मतदाताओं, कार्यकर्ताओं और शुभचिंतकों को बधाई दी है।
बैठक में राज्य सरकार द्वारा बिजली की दरों में अभूतपूर्व व्रध्दी के प्रस्ताव को वापस लेने की मांग की गयी। इससे गरीब, मध्यवर्ग, किसान, मजदूर, व्यापारी  आदि सभी तवाह होंगे। यह ईमानदार उपभोताओं को दंडित करने का प्रयास है। सरकार बिजली चोरी, कमीशनखोरी, रिश्वतख़ोरी, लाइन हानि, फाल्ट, कटौती रोक नहीं पारही। विद्युत विभाग द्वारा लगाए गये मीटरों की रफ्तार बहुत अधिक है और उपभोक्ता अनाप- शनाप बिलों से परेशान हैं। अधिक बिल आजाते हैं, मीटर फुक जाते हैं और सारा भार उपभोक्ताओं पर पड़ता है। वर्षों- महीनों तक मामले सुलझाए नहीं जाते और उपभोक्ता बिजली दफ्तरों के चक्कर लगाते रहते है। दो साल में सरकार ने बिजली का उत्पादन बढ़ाने का कोई प्रयास नहीं किया जबकि खपत बड़ी है।
भाकपा ने चेतावनी दी है कि सरकार ने यदि बिजली दरों में कोई भी व्रध्दी की तो भाकपा समूचे प्रदेश में आंदोलन छेड़ देगी। पहले सरकार के पुतले जलाये जायेंगे, सभाएं की जायेंगी और यदि सरकार फिर भी पीछे नहीं हठी तो जिलाधिकारी कार्यालयों पर धरने- प्रदर्शन किये जायेंगे।
राज्य कार्यकारिणी ने उत्तर प्रदेश विधान सभा की दर्जन भर सीटों पर होरहे उपचुनावों में उतारने और उसकी तैयारी शुरू करने का निश्चय किया है।
राज्य कार्यकारिणी बैठक में रेलवे मजदूरों के राष्ट्रीय नेता श्री शिव गोपाल मिश्रा की पत्नी, पुत्र और पोती, उत्तर प्रदेश बार काउंसिल की अध्यक्ष दरवेश यादव की हत्या और पार्टी के वरिष्ठ साथीगण का॰ रामस्वरुप दीक्षित(आगरा), का॰ शंभूदत्त बेलवाल(बरेली), का॰ मुक्तेश्वर राय(गोरखपुर)तथा फिल्म अभिनेता गिरीश कर्नाड के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया गया और उन्हें श्रध्दांजलि अर्पित की गयी। शोक संतप्त परिवारीजनों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की गयी।

डा॰ गिरीश, राज्य सचिव

भाकपा, उत्तर प्रदेश


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गुरुवार, 13 जून 2019

CPI, U.P. Condemns killing of Bar President


उत्तर प्रदेश बार काउंसिल अध्यक्ष की हत्या, महिलाओं के साथ बढ़ती दुराचार की वरदातों और कानून व्यवस्था की बदहाली पर भाकपा ने रोष जताया


लखनऊ- 13 जून 2019, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के उत्तर प्रदेश राज्य सचिव मण्डल ने कल आगरा में बार काउंसिल उत्तर प्रदेश की नव निर्वाचित प्रथम महिला अध्यक्ष सुश्री दरवेश यादव की निर्मम हत्या पर गहरा दुख व्यक्त किया है। पार्टी को अफसोस और चिन्ता है कि उत्तर प्रदेश में कानून और व्यवस्था की स्थिति बद से बदतर होचुकी है।
यहाँ जारी एक प्रेस बयान में पार्टी के राज्य सचिव डा॰ गिरीश ने कहाकि इससे बड़ी बिडम्बना की बात क्या होगी कि न्यायालय परिसर में वह भी विशिष्ट महिला की हत्या होजाती है। इतना ही नहीं हर रोज अलग अलग जगहों से महिला, बच्चियों के साथ दुष्कर्म और उनकी हत्या की दिल दहलाने वाली खबरें प्रकाशित होरही हैं। आज भी उरई में 6 माह की बच्ची के साथ पैशाचिक क्रत्य की खबर सहित आधा दर्जन दुराचार हत्या और पीड़िता द्वारा आत्महत्या की खबरें प्रकाशित हुयी हैं।
भाकपा राज्य सचिव मण्डल ने इस बात पर आश्चर्य व्यक्त किया कि अपराधों की समीक्षा बैठकें होरही हैं, कथित जांच के आदेश दिये जारहे हैं, कड़ी कार्यवाहियों की चेतावनियाँ जारी की जारही हैं मगर स्थिति में सुधार की झलक नहीं दिखाई देती। प्रशासनिक अफसरों के तबादलों से भी कोई लाभ नहीं हुआ। चर्चा है कि उन्हीं अफसरों को हटाया जारहा है जिन्होने चुनावों में भाजपा का साथ नहीं दिया। जिन्होने प्रशासन की मर्यादा को पलीता लगाकर चुनावों में भाजपा के पक्ष में भूमिका निभाई उन्हें उनके जिलों में संगीन वारदातें होने के बाद भी अभयदान देरखा है।
डा॰ गिरीश ने कहाकि महिलाओं के उत्पीड़न और कानून व्यवस्था कि बदहाली को लेकर भाकपा ने गत दिनों में कई जिलों में आंदोलन कर ज्ञापन दिये हैं। यह सिलसिला आगे भी जारी रहेगा। राज्य सचिव ने जिला इकाइयों से अनुरोध किया कि वे जनहित में निरंतर आवाज उठाते रहें।

डा॰ गिरीश, राज्य सचिव

भाकपा, उत्तर प्रदेश


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सोमवार, 10 जून 2019

CPI Condemns arrest of Press People In UP


मीडियाकर्मियों की गिरफ्तारी की भाकपा ने निन्दा की

लखनऊ- 10 जून 2019, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, उत्तर प्रदेश के राज्य सचिव मण्डल ने राज्य सरकार द्वारा नोएडा के तीन मीडियाकर्मियों- क्रमशः प्रशान्त कनोजिया, इशिता सिंह एवं अनुज शुक्ला की गिरफ्तारी कराने की कड़े शब्दों में निन्दा की है। भाकपा ने उनकी तुरंत रिहाई और उनकी प्रताणना के उद्देश्य से लगाये गए मुकदमों को निरस्त कराने की मांग की है।
एक प्रेस बयान में भाकपा के राज्य सचिव डा॰ गिरीश ने कहाकि  पुलिस का यह कार्य अनैतिक, अधिनायकवादी तो है ही प्रेस और अभिव्यक्ति की स्वतन्त्रता पर हमला है। यह इस बात को दर्शाता है कि अपने राजनैतिक आकाओं को तुष्ट रखने को पुलिस किसी भी हद तक जासकती है।
डा॰ गिरीश ने कहाकि भाजपा और मीडिया के धनपति मालिकों के बीच साठगांठ के चलते कई टीवी चैनल और बड़े अखबार सरकार और शासन के पिट्ठू बन चुके हैं और लुटेरी पूंजीवादी व्यवस्था के बचाव में हर घ्रणित हथकंडा अपना रहे हैं। मीडिया के जो हिस्से इस परिधि से बाहर हैं उनकी आवाज बन्द करने का प्रयास किया जारहा है। सभी लोकतान्त्रिक शक्तियों को इसका विरोध करना चाहिए।

डा॰ गिरीश, राज्य सचिव

भाकपा , उत्तर प्रदेश



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शनिवार, 8 जून 2019

CPI Statement on Aligarh incident


अलीगढ़ में अबोध बच्ची की हत्या पर भाकपा ने रोष जताया

अपराधों की बाढ़ के खिलाफ जिलों में ज्ञापन देने का निर्देश जिला इकाइयों को दिया


 लखनऊ- 8 जून 2019, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव मण्डल ने अलीगढ़ जनपद के कस्बा- टप्पल में ढाई साल की अबोध बच्ची के अपहरण के बाद कीगयी न्रशंस हत्या की कड़े से कड़े शब्दों में भर्त्सना की है। भाकपा ने घटना में लिप्त सभी दरिंदों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्यवाही की मांग की है।

यहाँ जारी एक प्रेस बयान में भाकपा के राज्य सचिव डा॰ गिरीश ने आरोप लगाया कि स्थानीय प्रशासन ने शुरू में इस घटना को गंभीरता से नहीं लिया। अपहरण के बाद उसी आबादी में रह रहे कुख्यात अपराधियों को क्यो शिकंजे में नहीं कसा गया? आबादी में ही म्रतका की लाश छिपायी गयी और उसकी जगह तक बदली गयी, पर पुलिस हाथ पर हाथ धरे बैठी रही। जब मामले ने तूल पकड़ा तो एसआईटी का गठन और पुलिसकर्मियों के निलंबन जैसी कार्यवाही की गयी।
डा॰ गिरीश ने कहाकि लोक सभा चुनावों के बाद यूपी में अपराधों की बाढ़ ही आगई है। अनेक जिलों में महिलाओं की हत्या और दुराचार के कई मामले हुये हैं तो कत्ल राहजनी अपहरण लूट नकली शराब से मौतों जैसी कार्यवाहियों में भारी बढ़ोत्तरी हुयी है।
लगता है जो अपराधी चुनाव अभियान में लगाये गए थे, जीत के बाद उन्हें अपने मंसूबे पूरे करने की छूट देदी गयी है। अपराधी जनता को हलकान किए हुये हैं तो सरकार और मुख्यमंत्री को जनता की पीड़ा की कोई फिक्र नहीं है। मंत्रीगण जघन्य घटनाओं को आम बात बता कर जनता के जले पर नमक छिड़क रहे हैं। संघ परिवार और भाजपा अपनी असफलताओं पर शर्म करने के बजाय घटना में हिन्दू- मुस्लिम तत्व ढूंढ रहे हैं। पूरा यूपी राम भरोसे छोड़ दिया गया है।
भाकपा ने अन्याय, उत्पीड़न और अपराधों की इन वारदातों पर कडा प्रतिरोध जताया है। भाकपा राज्य सचिव मण्डल ने अलीगढ़ समेत तमाम जिला इकाइयों को निर्देश दिया है कि इन आपराधिक कार्यवाहियों पर विरोध जताते हुये राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारियों को सौंपें।

डा॰ गिरीश

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शुक्रवार, 7 जून 2019

CPI will contest all assembly seats in by poll in U.P.


विधान सभा के उपचुनावों में सभी सीटों पर प्रत्याशी उतारेगी भाकपा


लखनऊ- 7 जून 2019, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी उत्तर प्रदेश में रिक्त हुयी सभी 12 सीटों पर प्रत्याशी उतारेगी। उपर्युक्त जानकारी यहां एक प्रेस बयान में भाकपा के राज्य सचिव डा॰ गिरीश ने दी।
उन्होने कहाकि इस संबन्ध में संबंधित जिला इकाइयों को निर्देश दिया गया है कि वे प्रत्याशियों के संबन्ध में प्रस्ताव तैयार कर राज्य केन्द्र को भेजें। चुनावों की रणनीति पर 15 और 16 जून को लखनऊ में होने वाली राज्य कार्यकारिणी की बैठक में विचार किया जायेगा। बैठक में लोकसभा चुनावों की समीक्षा भी की जाएगी।
बैठक में भाकपा के केन्द्रीय नेतागण भी भाग लेने पहुंच रहे हैं।

डा॰ गिरीश, राज्य सचिव

भाकपा,  उत्तर प्रदेश


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