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रविवार, 16 अगस्त 2020

उत्तर प्रदेश बना बलात्कार प्रदेश


अब लखीमपुर में दलित बालिका से बलात्कार और वीभत्स हत्या से कलंकित हुयी उत्तर प्रदेश सरकार

भाकपा ने राज्य सरकार से अपराधों की ज़िम्मेदारी स्वीकारने और अपरधियों के साथ कड़ी कार्यवाही की मांग की

लखनऊ- 16 अगस्त 2020, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव मंडल ने उत्तर प्रदेश सरकार और उत्तर प्रदेश पुलिस को झूठों और ज़ालिमों का समूह बताते हुये आरोप लगाया कि वे बहू- बेटियों की आबरू और जान बचाने में पूरी तरह फेल है मगर जघन्य अपराधों पर पर्दा डालने अथवा उन्हें हलका करने में माहिर है।

एक प्रेस बयान में भाकपा ने कहा कि उरई, हापुड़ और बुलंदशहर की ह्रदय विदारक घटनाओं की दहशत से अभी समाज उबरा भी नहीं था कि लखीमपुर जनपद के ईसा नगर थाने के पकरिया गांव की एक 13 वर्षीय दलित बालिका के साथ दुष्कर्म के बाद न केवल हत्या कर दी गयी अपितु उसकी आँखें फोड़ दी गयीं और जीभ काट दी गयी। पुलिस की बरबरता देखिये कि पहले बलात्कार की बात को झुठलाती रही और अब जब पोस्ट मार्टम में बलात्कार की पुष्टि होगयी तो वह जीभ काटने और आँखें फोड़ने की बात को झुठला रही है।

ठीक उसी तरह जिस तरह कि बुलंदशहर पुलिस ने सारी ताकत इस बात को साबित करने में झौंक दी है कि सुदीक्षा के साथ छेड़ छाड़ नहीं हुयी।

वैसे तो उत्तर प्रदेश में इस समय हर तरह के अपराध आसमान जैसी ऊंचाइयाँ छू रहे हैं मगर बहिन बेटियों के साथ बदसलूकी, हत्या और दहेज हत्याओं की वारदातों ने तो सारे रिकार्ड तोड़ दिये हैं। उनकी इज्जत आबरू और जान की रक्षा करने में असफल राज्य सरकार और राज्य पुलिस मामलों को हल्का करने अथवा रिकार्ड से हटाने में जुटी है। यह असहनीय है और सरकार के सत्ता में बने रहने पर गंभीर सवाल खड़े करती है।

भाकपा ने मांग की कि सभी अपराधियों को अविलंब जेल के सींखचों के पीछे भेजा जाये और उनके ऊपर पास्को एक्ट, एनएसए और अन्य दफाएँ आयद की जायें। पीड़ित परिवार को मुआबजा भी दिया जाये।

डा॰ गिरीश, राज्य सचिव

भाकपा, उत्तर प्रदेश

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