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शुक्रवार, 25 जून 2010
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भाकपा की जिला कौंसिल बैठक सम्पन्न
मुरादाबाद 6.6.2010। भाकपा की मुरादाबाद जिला काउन्सिल की बैठक असालतपुरा में का. नईम कुरैशी के निवास पर का. हरीश भटनागर की अध्यक्षता में हुई। जिला सचिव का. नेम सिंह ने विस्तृति रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए बताया कि आज पूरे विश्व में अमरीका का वर्चस्व होने के कारण पूंजीवाद के पक्ष में हवा बह रही है। विकासशील देशों के लिए निश्चय ही यह अच्छा संकेत नहीं है और काफी सजग रहने की जरूरत है। हमारा देश भी इस अमरीकी आंधी का बुरी तरह शिकार है। दिखावटी तौर पर विकास जरूर हो रहा है किन्तु उंगलियों पर गिनने के लायक ही चन्द लोग ही लखपति से करोड़पति, करोड़पति से अरबपति और अरबपति से खरबपति बनते जा रहे हैं।आम आदमी क्या मध्यम वर्गीय आदमी के लिए भी सामाजिक ताने बाने में गुजर बसर करना कठिन हो गया है। जिस तरह सोवियत संघ के ढह जाने से पूरी दुनिया में समाजवाद की भारी क्षति हुई और ले दे कर उसे विभिन्न रूपों में स्थापित करने के प्रयास किये जा रहे हैं। देश में वामपंथी आन्दोलन आजादी के बाद निश्चय ही कुछ राज्यों तक ही कारगर रूप में स्थापित हो चुका किन्तु माकपा ने समूचे वामपंथ को संजोने, सम्भालने और विकसित करने में भूमिका नहीं निभाई। वामपंथ का कमजोर होना देश की राजनीति और हित के लिए निश्चय ही विनाशकारी साबित हो। इस स्थिति में वामपंथ विशेषकर भाकपा व माकपा को बहुत सम्भल कर और जनता के हित में एकरूपता की लड़ाई को बिना किसी भेदभाव के स्पष्ट रूप से आगे बढ़कर लड़नी चाहिये। उन्होंने प्रदेश के अन्दर जंगल राज की एवं व्याप्त भ्रष्टाचार की ओर भी इशारा करते हुए कहा कि अधिकारी बेलगाम हो चुके हैं। सरकारी तन्त्र पूरी तरह जनहित की उपेक्षा कर रहा है। गरीबों की योजनायें महज सरकारी अफसरों एवं राजनेताओं की लूटमार का साधन बन चुकी हैं। कानून व्यवस्था पूरी तरह चरमरा रही है। सरकारी अस्पतालों को निजी हाथों में बेचने की साजिश कई जिलों में चली जा चुकी है।इन हालात में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी को विशेष तौर पर आगे बढ़कर काम करना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि मुरादाबाद में जब भी सामूहिक वामपंथ का आन्दोलन का आव्हान हुआ दूसरी पार्टियों ने भाकपा से हटकर ही काम किया जो दुर्भाग्यपूर्ण रहा।स्थानीय मुद्दों पर जैसे - असालतपुरा का सलाटर हाउस, राशनिंग वितरण प्रणाली, महंगाई, बिजली का आभाव, कानून एवं व्यवस्था को दुरूस्त करने केसम्बन्ध में शीघ्र ही कुछ आन्दोलन छेड़ने का निश्चिय भी किया गया। सभा में का. नईम कुरैशी, फराईम, बाबू भाई, जमील अहमद, नथिया बेगम, भूरी बेगम, मुन्नी बेगम, शहनाज, अजय पाल सिंह यादव, ओम पाल सिंह, अशोक अग्रवाल, सतीश चन्द्र अग्रवाल, सलभ शर्मा, अकरम, अंसार, अरकात, रईस आलम आदि ने भी अपने विचार रखे। शीघ्र ही विभिन्न मुद्दों पर रैली, प्रदर्शन व धरनों का आयोजन किया जायेगा। (प्रस्तुति: नेम सिंह)
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