भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी का प्रकाशन पार्टी जीवन पाक्षिक वार्षिक मूल्य : 70 रुपये; त्रैवार्षिक : 200 रुपये; आजीवन 1200 रुपये पार्टी के सभी सदस्यों, शुभचिंतको से अनुरोध है कि पार्टी जीवन का सदस्य अवश्य बने संपादक: डॉक्टर गिरीश; कार्यकारी संपादक: प्रदीप तिवारी

About The Author

Communist Party of India, U.P. State Council

Get The Latest News

Sign up to receive latest news

फ़ॉलोअर

गुरुवार, 17 मार्च 2011

विकीलीक्स के ताजा खुलासे पर गुरूदास दासगुप्ता ने पेश किया कार्य स्थगन प्रस्ताव


नई दिल्ली 17 मार्च। वेबसाइट विकिलीक्स के मुताबिक संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग-1) सरकार ने जुलाई, 2008 में विश्वास मत जीतने के लिए सांसदों को रिश्वत दी थी। विकिलीक्स ने यह खुलासा कांग्रेस नेता सतीश शर्मा के सहयोगी रहे नचिकेता कपूर के हवाले से किया है। इसके अनुसार कपूर ने अमेरिकी अधिकारी को रुपये से भरी दो पेटियां दिखाई और कहा कि इनका इस्तेमाल सांसदों को घूस देने के लिए किया जा रहा है, ताकि सरकार को बचाया जा सके।

अंग्रेजी समाचार पत्र ‘हिन्दू’ में गुरुवार को प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार कपूर ने बताया कि परमाणु समझौते पर सांसदों का समर्थन हासिल करने के लिए कांग्रेस ने जो 50-60 करोड़ रुपये जुटाये थे, उसमें उनकी अहम भागीदारी थी। कपूर के अनुसार अजीत सिंह के राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के चार लोकसभा सांसदों को संप्रग के पक्ष में मतदान करने के लिए 10 करोड़ रुपये दिए गए। ‘हिन्दू’ ने विकिलीक्स के जिस केबल के जरिये यह सूचना जुटाई है, उसे 17 जुलाई, 2008 को अमेरिकी विदेश विभाग को भेजा गया था। इसमें अमेरिका के एक अधिकारी स्टीवन व्हाइट ने सतीश शर्मा को ‘पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी का घनिष्ठ सहयोगी और सोनिया गांधी का करीबी पारिवारिक मित्र’ बताया है।
रिपोर्ट में केबल के हवाले से कहा गया है कि सतीश शर्मा ने अमेरिकी अधिकारी से बातचीत के दौरान कहा कि वह और पार्टी के अन्य सदस्य यह सुनिश्चित करने में जुटे है कि 22 जुलाई को विश्वास मत के दौरान सरकार की स्थिरता पर कोई संकट न आए। रिपोर्ट के मुताबिक सांसदों का समर्थन जुटाने के लिए कांग्रेस का अभियान केवल उन्हीं रुपयों तक सीमित नहीं था, जो नचिकेता कपूर और सतीश शर्मा ने जुटाए थे।
उधर, विकिलीक्स के खुलासे ने केंद्र सरकार को मुश्किल में डाल दिया। इस खुलासे को लेकर संसद के दोनों सदनों में विपक्षी सदस्यों ने जोरदार हंगामा करते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के इस्तीफे की मांग की। इस ताजा खुलासे पर अंग्रेजी दैनिक ‘हिन्दू’ में छपी एक रिपोर्ट के हवाले से लोकसभा में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के नेता गुरुदास दास गुप्ता ने अपनी ओर से दिए एक कार्यस्थगन प्रस्ताव को स्वीकार करने और उस पर चर्चा कराने की मांग की। दासगुप्ता ने कहा कि भारतीय इतिहास में आज तक ऐसी खबर नहीं छपी है। यह बेहद गंभीर आरोप है। उन्होंने कहा कि वह किसी का नाम नहीं ले रहे है लेकिन रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार को बचाने के लिए 50-60 करोड़ रुपये खर्च किए गए। उन्होंने कहा कि नई दिल्ली स्थित अमेरिकी दूतावास अपने राष्ट्रपति को यह सूचना भेजता है कि अमेरिका के साथ परमाणु संधि पर पेश किए जाने वाले विश्वास प्रस्ताव के दौरान सरकार को बचाने के लिए 50 से 60 करोड़ रखे हुए है। यह बेहद शर्मनाक घटना है। इससे लगता है कि दिल्ली की सरकार अमेरिका से नियंत्रित हो रही है। उन्होंने इस मसले पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से तुरंत सदन में जवाब देने की मांग करते हुए कहा कि अगर वह ऐसा नहीं करते है तो उन्हे इस्तीफा दे देना चाहिए।
इस दौरान कांग्रेस के सदस्य हंगामा कर रहे थे और विपक्ष के आरोपों का प्रतिकार कर रहे थे। भाजपा और कांग्रेस सदस्यों के बीच टोकाटोकी के चलते लोकसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही 12 बजे तक स्थगित कर दी। दोपहर 12 बजे जब सदन की कार्यवाही आरम्भ हुई तो जनता दल (युनाइटेड) के शरद यादव ने इस गम्भीर मसला बताते हुए इस पर चर्चा की मांग की। उन्होंने कहा कि विश्वास मत के दौरान 19 सांसद इधर से उधर गए थे। इसमें एक हमारा सांसद भी था। बिना लालच के ऐसा संभव नहीं है। यह बहुत गंभीर बात है। इसलिए प्रधानमंत्री को आकर सदन में बयान देना चाहिए, नहीं तो संसद चलने का कोई मतलब नहीं है। इसके बाद जैसे ही कांग्रेस के संजय निरुपम का नाम पुकारा गया तो विपक्षी सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया। हंगामे के कारण लोकसभा के उपाध्यक्ष करिया मुंडा ने सदन की कार्यवाही दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

0 comments:

एक टिप्पणी भेजें

Share |

लोकप्रिय पोस्ट

कुल पेज दृश्य