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बुधवार, 30 मई 2012

धरने-प्रदर्शनों के माध्यम से भाकपा ने केन्द्र एवं राज्य सरकारों को किया आगाह

लखनऊ 30 मई। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की राज्य कौंसिल द्वारा लिये गये निर्णयानुसार आज पार्टी की जिला कमेटियों ने समूचे उत्तर प्रदेश में पेट्रोलियम पदार्थों की मूल्य वृद्धि, महंगाई, भ्रष्टाचार, गेहूं खरीद केन्द्रों पर किसानों की लूट, कानून-व्यवस्था की बदतर हालत और प्रदेश के बेरोजगारों के साथ छलावा जैसे सवालों पर व्यापक धरने-प्रदर्शनों का आयोजन किया। भाकपा के राज्य मुख्यालय से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया है कि इन धरना और प्रदर्शनों में सैकड़ों की तादाद में लोग जिला केन्द्रों पर इकट्ठे हुए और आम सभा कर प्रदेश के राज्यपाल को सम्बोधित ज्ञापन जिलाधिकारियों को सौंपा।
उपर्युक्त जानकारी देते हुए भाकपा राज्य सचिव डा. गिरीश ने बताया कि इन ज्ञापनों में प्रमुख रूप से जिन मांगों को उठाया गया है वे हैं - हाल ही में पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों में की गयी भारी बढ़ोतरी को अविलम्ब वापस लिया जाये तथा राज्य सरकार भी इस पर लगे वैट में कमी कर राज्य की जनता को राहत प्रदान करे। साथ ही महंगाई एवं भ्रष्टाचार पर रोक लगाने की मांग भी ज्ञापन में की गयी है।
इसके अलावा जिन अन्य प्रमुख मुद्दों को भाकपा प्रदर्शनकारियों ने ज्ञापन में उठाया है, वे हैं:
किसानों से गेहूं सरकारी रेट पर बिना रोक-टोक के बिना विलम्ब किये खरीदा जाये, खरीद का भुगतान तत्काल किया जाये और आढ़तियों द्वारा गेहूं खरीद कराने का फैसला बदला जाये ताकि किसानों की ठगी रोकी जा सके।
युवा बेरोजगारों को रोजगार मुहैया कराया जाये, सरकारी, अर्द्धसरकारी, सहकारी तथा शिक्षा विभागों में रिक्त पड़े पदों को तत्काल भरा जाये। 20 वर्ष से ऊपर समस्त बेरोजगारों को बेरोजगारी भत्ता दिया जाये।
इन दिनों दलितों, पीड़ितों, महिलाओं तथा आम जनों पर हो रहे आक्रमणों को रोके जाने और कानून व्यवस्था को पटरी पर लाने की भी मांग की गयी है। साथ ही भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़े कदम उठाने, लोकायुक्त द्वारा पूर्व मंत्रियों के खिलाफ सीबीआई तथा प्रवर्तन निदेशालय के तहत जांच कराने की अनुशंसा को बिना विलम्ब के लागू किये जाने, लोकायुक्त संस्था को व्यापक तथा मजबूत बनाये जाने, 21 चीनी मिलों की बिक्री को रद्द कर बिक्री में हुये घोटालों की जांच सीबीआई से कराने की मांग भी की गयी है।
उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार, उनमें व्याप्त भ्रष्टाचार की समाप्ति तथा प्रदेश के चारों भागों में चार अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) खोले जाने की मांग उठाई गयी है। साथ ही गरीबों के उत्थान को तमाम योजनायें बनाने और उन्हें न्यायपूर्ण तरीके से लागू किये जाने, समस्त गरीबों की शिक्षित बेटियों को रू. 30,000.00 की अनुग्रह राशि दिये जाने तथा गरीबों के श्मशानों की चहारदीवारी कराने को भी आवाज उठाई गयी है।
आन्दोलन के दौरान किसानों को पर्याप्त बिजली आपूर्ति देने, बिजली वितरण के निजीकरण पर रोक लगाने तथा आगरा की बिजली वितरण व्यवस्था को पुनः पश्मिांचल विद्युत वितरण निगम को दिये जाने की मांग उठाई गई है। साथ ही खुदरा व्यापार में विदेशी निवेश रोके जाने का आग्रह राज्य सरकार के माध्यम से केन्द्र सरकार से किया गया है। ज्ञापन में बैंकिंग, बीमा, पेंशन क्षेत्र में तथाकथित सुधारों के प्रयासों को रोकने की भी मांग की गयी है।
भाकपा राज्य मुख्यालय को प्राप्त सूचनाओं के अनुसार आज जिन जिलों में यह धरना और प्रदर्शन आयोजित किया गया, वे हैं - गाजीपुर, मऊ, आजमगढ़, बलिया, गोरखपुर, देवरिया, संतकबीरनगर, वाराणसी, इलाहाबाद, फतेहपुर, जौनपुर, प्रतापगढ़, मिर्जापुर, कुशीनगर, गोण्डा, बलरामपुर, सुल्तानपुर, फैजाबाद, बाराबंकी, रायबरेली, लखनऊ, सीतापुर, पीलीभीत, शाहजहांपुर, कानपुर शहर, रमाबाईनगर, जालौन, झांसी, बांदा, ललितपुर, औरैय्या, बरेली, मुरादाबाद, बदायूं, ज्योतिर्बाफूलेनगर, मेरठ, सहारनपुर, गाजियाबाद, बुलन्दशहर, अलीगढ़, महामायानगर, आगरा, मथुरा, मैनपुरी, बागपत आदि।
भाकपा राज्य सचिव ने यह भी बताया है कि कल दिनांक 31 मई को वामपंथी दलों की ओर से पेट्रोल की कीमतों में वृद्धि के खिलाफ आयोजित विरोध प्रदर्शन में भाकपा बढ़-चढ़ कर भाग लेगी। विरोध प्रदर्शनों की सारी तैयारियां भाकपा ने जिलों-जिलों में पूरी कर ली हैं।


कार्यालय सचिव

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