भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी का प्रकाशन पार्टी जीवन पाक्षिक वार्षिक मूल्य : 70 रुपये; त्रैवार्षिक : 200 रुपये; आजीवन 1200 रुपये पार्टी के सभी सदस्यों, शुभचिंतको से अनुरोध है कि पार्टी जीवन का सदस्य अवश्य बने संपादक: डॉक्टर गिरीश; कार्यकारी संपादक: प्रदीप तिवारी

About The Author

Communist Party of India, U.P. State Council

Get The Latest News

Sign up to receive latest news

फ़ॉलोअर

बुधवार, 31 दिसंबर 2014

भूमि अधिग्रहण अध्यादेश वापस लो वरना आन्दोलन होगा: भाकपा

लखनऊ-३१ दिसंबर २०१४- भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव मंडल ने केन्द्र सरकार द्वारा गत दिन पारित किये गये भूमि अधिग्रहण संबंध्दी अध्यादेश को पूरी तरह किसान विरोधी एवं पूंजीपतियों तथा कारपोरेट घरानों का हित संरक्षक बताते हुये उसे तत्काल वापस लेने की मांग की है. भाकपा ने चेतावनी दी कि यदि इस अध्यादेश को तत्काल वापस नहीं लिया गया और इसके तहत किसानों की जमीनों को मनमाने तरीके से हथियाने का कोई भी प्रयास किया गया तो भाकपा इसका कड़ा विरोध करेगी. यहाँ जारी एक प्रेस बयान में भाकपा के राज्य सचिव डा.गिरीश ने कहाकि देश के किसानों, किसान हितैषी संगठनों जिनमें भाकपा प्रमुख है ने लम्बी जद्दोजहद के बाद १८९४ के भूमि अधिग्रहण कानून में २०१३ में संशोधन कराकर इसे किसान हितों के सरक्षण वाला रूप दिलाया था. सभी जानते हैं कि पहले दादरी में सपा सरकार द्वारा अंबानी को सौंपी गयी २७६२ एकड़ जमीन को किसानों को वापस कराने के लिये भाकपा ने पूर्व प्रधानमंत्री स्व. श्री वी.पी.सिंह एवं भाकपा के तत्कालीन महासचिव का. ए.बी. बर्धन के नेतृत्व में जंगजू आन्दोलन चलाया था जिसके परिणामस्वरूप किसानों की जमीनें आज उन्हें वापस मिल सकी है. इसके बाद जब बसपा की राज्य सरकार ने नोएडा, अलीगढ़, आगरा एवं मथुरा आदि में बढ़े पैमाने पर किसानों की जमीनें हड़प कर उसे जे.पी. समूह तथा अन्य औद्योगिक घरानों को सौंपा तो भाकपा फिर से किसानों के साथ खड़ी हुयी और १८९४ के उपनिवेशी कानून को बदलवाने में अहम भूमिका निभाई. आज केन्द्र की मोदी सरकार ने पुनः १८९४ के कानून की बहाली करके उपनिवेशी शासन की याद दिलादी है. डा.गिरीश ने कहाकि यह कानून किसानों से उनकी मर्जी के बिना मनमानी कीमतों पर जमीनों को छीन कर बहुराष्ट्रीय कंपनियों, उद्योगपतियों एवं भूमाफियायों की झोली में डाल देगा जिसे देश का किसान कभी बर्दाश्त नहीं करेगा. किसानों से अच्छे दिन लाने का वायदा करने वाली यह सरकार आज पूरी तरह से किसानों के खिलाफ युध्द छेड़ चुकी है, भाकपा इसका सडकों पर उतर कर मुकाबला करेगी. जल्दी ही इस संबंध्द में आन्दोलन का निर्णय लिया जायेगा. भाकपा किसान हित में सभी वामपंथी दलों और जनवादी ताकतों को एकजुट करेगी, राज्य सचिव ने कहा है. डा.गिरीश, राज्य सचिव

0 comments:

एक टिप्पणी भेजें

Share |

लोकप्रिय पोस्ट

कुल पेज दृश्य