फ़ॉलोअर
शनिवार, 1 फ़रवरी 2014
at 10:49 am | 0 comments | प्रदीप तिवारी
वायदों को निगलती अखिलेश सरकार
पिछले विधान सभा चुनावों के दौरान वर्तमान मुख्यमंत्री अखिलेश यादव सहित समाजवादी पार्टी के तमाम नेता जनता से बड़े-बड़े वायदे करते हुए प्रदेश भर में जनसभायें कर रहे थे। विभिन्न तबकों के वोटों के लिए किए गए इन वायदों पर अखिलेश सरकार खरी नहीं उतरी।
बेरोजगार युवकों को बेरोजगारी भत्ता, किसानों की ऋण माफी, इंटर के विद्यार्थियों को टैबलेट और इंटर पास चुके छात्रों को लैपटॉप देने सरीखे तमाम वायदे किये गये थे। बेरोजगार युवकों को बेरोजगारी भत्ता के नाम पर की गई घोषणा में तमाम ‘किन्तु’ और ‘परन्तु’ जोड़ दिये गये जिसका परिणाम यह हुआ कि उत्तर प्रदेश जैसे विशाल प्रदेश में फैली विकराल बेरोजगारों की फौज में से केवल एक लाख लोगों को बेरोजगारी भत्ता दिये जाने का मामला सामने आया। बाकी लाखों बेरोजगारों को निराशा ही हाथ लगी।
इसी तरह किसानों के कर्जा माफी के नाम पर केवल भूमि विकास बैंक के कर्जों को ही माफ किया गया। चुनावों के दौरान ऋण माफी के वायदे को देखते हुए तमाम किसानों ने अपना कर्जा अदा नहीं किया जिसका परिणाम यह हुआ कि उन्हें न केवल उस कर्जे पर ब्याज की अदायगी करनी पड़ी बल्कि तमाम किसानों के खिलाफ बैंकों ने वसूली प्रमाणपत्र जारी कर दिये जिसके कारण तमाम लोगों की जमीनें और ट्रैक्टर आदि नीलाम हो गये।
इंटर के 25 लाख विद्यार्थियों को टैबलेट देने का वायदा किया गया था। दो साल पूरे होने को हैं परन्तु इस वायदे को आज तक पूरा नहीं किया गया। अब पता चला है कि इस योजना के नाम पर जो कदमताल की जा रही थी, उसे भी बंद कर दिया गया है। माध्यमिक शिक्षा विभाग ने अगले साल के बजट के लिये वित्त एवं नियोजन विभाग को भेजे गये अपने बजट प्रस्ताव में इस मद में केवल एक रूपये का प्राविधान करने के लिए कहा है। मात्र एक रूपये में वे कितने छात्रों को टैबलेट दे पायेंगे, यह बड़ा सवालिया निशान है। ध्यान देने वाली बात यह है कि माध्यमिक शिक्षा विभाग मुख्यमंत्री स्वयं सीधे देख रहे हैं और निश्चित रूप से ऐसा उनके निर्देशों पर ही विभाग ने किया होगा।
इंटर पास करने वाले छात्रों को अलबत्ता लैपटॉप बांटने की कवायद की गई। कहा जाता है कि जितने के लैपटॉप नहीं बांटे गये उससे ज्यादा पैसा लैपटॉप बांटने के आयोजनों पर किया गया। जो लैपटॉप बांटे गये वे बहुत ही घटिया क्वालिटी के हैं और जिन्हें यह मिले हैं, वे इसका उचित एवं आवश्यक प्रयोग भी नहीं कर पा रहे हैं। सूत्रों के अनुसार इन लैपटॉप की खरीद में भी भारी घोटाला हुआ है।
बुनकरों को किये गये तमाम वायदे भी हवा में ही तैर रहे हैं।
केन्द्र सरकार कई सालों से स्कूलों में मध्यान्ह भोजन योजना चला रही है। योजना के क्रियान्वयन की जिम्मेदारी राज्य सरकार की होती है। खाद्यान्न एवं भोजन पर बनने वाले व्यय का आबंटन केन्द्र सरकार राज्य सरकार को करती है। चौकाने वाली खबर है कि वर्तमान शैक्षिक सत्र में अब तक ग्राम प्रधानों तथा विद्यालयों को न तो खाद्यान्न मुहैया कराया गया है और न ही उसके बनने पर होने वाले व्यय को ही उपलब्ध कराया गया है। जिन ग्राम प्रधानों एवं प्रधानाध्यापकों ने इस आशा में कि देर-सबेर आबंटन मिल ही जायेगा, राशन की दुकान से एडवांड खाद्यान्न उठा कर भोजन बनवा कर बच्चों को मध्यान्न भोजन सुलभ कराया, वे अब परेशान हो रहे हैं क्योंकि कोटेदार राशन के पैसे मांग रहा है और भोजन बनवाने में होने वाला खर्चा तो वे अपने पास से कर ही चुके हैं।
अन्यान्य ऐसे वायदे हैं जो किये गये थे और जिन्हें अखिलेश सरकार लगातार निगलती चली जा रही है। आने वाले लोक सभा चुनावों में जनता के तमाम तबके किये गये वायदों पर जवाब जरूर मांगेंगे।
- प्रदीप तिवारी
सदस्यता लें
संदेश (Atom)
मेरी ब्लॉग सूची
-
CUT IN PETROL-DIESEL PRICES TOO LATE, TOO LITTLE: CPI - *The National Secretariat of the Communist Party of India condemns the negligibly small cut in the price of petrol and diesel:* The National Secretariat of...5 वर्ष पहले
-
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी का चुनाव घोषणा पत्र - विधान सभा चुनाव 2017 - *भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी का चुनाव घोषणा पत्र* *- विधान सभा चुनाव 2017* देश के सबसे बड़े राज्य - उत्तर प्रदेश में राज्य सरकार के गठन के लिए 17वीं विधान सभा क...7 वर्ष पहले
-
No to NEP, Employment for All By C. Adhikesavan - *NEW DELHI:* The students and youth March to Parliament on November 22 has broken the myth of some of the critiques that the Left Parties and their mass or...7 वर्ष पहले
Side Feed
Hindi Font Converter
Are you searching for a tool to convert Kruti Font to Mangal Unicode?
Go to the link :
https://sites.google.com/site/technicalhindi/home/converters
Go to the link :
https://sites.google.com/site/technicalhindi/home/converters
लोकप्रिय पोस्ट
-
The following is the text of the political resolution for the 22 nd Party Congress, adopted by the national council of the CPI at its sess...
-
Manifesto of the Communist Party Karl Marx and Fredrick Engels Prefaces to various language editions 1872 German Edition 1882 Russian Edit...
-
उत्तर प्रदेश के कोने कोने में फूंकी गयीं काले क्रषी क़ानूनों की प्रतियां आपातकाल सरीखे हालातों के बावजूद प्रदेश में निरंतर बढ़ रहा है किसा...
-
उठ जाग ओ भूखे बंदी, अब खींचो लाल तलवार कब तक सहोगे भाई, जालिम अत्याचार तुम्हारे रक्त से रंजित क्रंदन, अब दश दिश लाया रंग ये सौ बरस के बंधन, ...
-
भाकपा की राज्य कौंसिल बैठक शुरू भाकपा राष्ट्रीय सचिव शमीम फैजी ने जारी किया आन्दोलन का पोस्टर लखनऊ 18 अप्रैल। भारतीय कम्युनिस्ट पार्...
-
चले चलो दिलों में घाव ले के भी चले चलो चलो लहूलुहान पांव ले के भी चले चलो चलो कि आज साथ-साथ चलने की जरूरतें चलो कि ख़त्म हो न जाएं जिन्द...
-
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की राष्ट्रीय परिषद के सदस्य और उत्तर प्रदेश राज्य काउंसिल के सचिव डा0 गिरीश ने 17 से 21 सितंबर तक काठमांडू में संपन...
-
(विगत 26 अप्रेल 2013 को कॉमरेड अनिल राजिमवाले का व्याख्यान रायगढ़ इप्टा और प्रलेस के संयुक्त आयोजन में हुआ था। इसके बाद 27 तथा...
-
7 नवंबर को हम फिर से एक बार हर वर्ष की तरह रूसी क्रांति की वर्षगांठ मना रहे हैं। यह इतिहास की ऐसी असाधारण घटना है जिस पर काफी कुछ लिखा...
-
हरिशंकर परसाई की कहानियों में पात्र-वैविध्य की बात हम कर चुके हैं, इस वैविध्य का बहुत बड़ा कारण परिस्थितियां, उनसे जूझते चरित्र का निर्मित हो...