भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी का प्रकाशन पार्टी जीवन पाक्षिक वार्षिक मूल्य : 70 रुपये; त्रैवार्षिक : 200 रुपये; आजीवन 1200 रुपये पार्टी के सभी सदस्यों, शुभचिंतको से अनुरोध है कि पार्टी जीवन का सदस्य अवश्य बने संपादक: डॉक्टर गिरीश; कार्यकारी संपादक: प्रदीप तिवारी

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शुक्रवार, 12 फ़रवरी 2016

कन्हैया कुमार को तत्काल रिहा करो: भाकपा

लखनऊ-12, फरवरी—भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव मंडल ने जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी( JNU) छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार की गिरफ्तारी की कडे शब्दों में निंदा की है. भाकपा ने कन्हैया की तत्काल बिना शर्त रिहाई तथा जे.एन.यू. कैम्पस से पुलिस हठाने की मांग की है. भाकपा ने लखनऊ में एसएफआई कार्यालय पर एबीवीपी कार्यकर्ताओं द्वारा किये गये हमले और तोड फोड की भी निंदा की है तथा इस घटना के दोषियों को गिरफ्तार करने की मांग की है. यहाँ जारी एक प्रेस बयान में भाकपा के राज्य सचिव डा. गिरीश ने कहाकि गत दिन जेएनयू में हुये कार्यक्रम के दौरान कुछ तत्वों ने अवांछित नारे लगाये थे जिनकी पहचान कर उनके खिलाफ कार्यवाही की जाने की जरूरत थी. कन्हैया ने कल रात ही टी. वी. चैनल्स पर साफ कर दिया था कि इस तरह के नारे लगाने वालों से उनका कोई संबंध नहीं और उन्होने ऐसे तत्वों के खिलाफ कार्यवाही की मांग भी की थी. कन्हैया कुमार वामपंथी छात्र संगठन आल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन से संबधित हैं जिसकी आज़ादी के आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका रही है और सदैव ही यह संगठन छात्र एवं शैक्षिक हितों के लिये काम करता रहा है. गत दिनों इस संगठन ने अन्य छात्र संगठनों के साथ मिल कर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग पर तथा हैदराबाद के दलित छात्र रोहित वेमुला की हत्या के खिलाफ व्यापक आंदोलन चलाया है, जिससे केंद्र सरकार बौखलाई हुयी है. केंद्र सरकार और उसका जनक संघ परिवार वामपंथी, दलित, अल्पसंख्यक और अन्य मेहनतकश तबकों को तवाह कर कार्पोरेट्स के हितों को साधने में लगे है और उसके लिये वे प्रतिरोध की आवाज को दबाना चाहते हैं. इसीलिये पहले दाभोलकर, पंसारे और कालबुर्गी की हत्यायें की गयीं और अब जेऐनयू, ए.एम.यू., लखनऊ, हैदराबाद और इलाहाबाद जैसे विश्वविद्यालयों की स्वायत्त्तताको निशाना बनाया जारहा है. जो सरकार आतंकवाद से निपटने में पूरी तरह विफल रही है वह ऐसे लोगों को देशद्रोही करार देने पर उतारु है जो आतंकवाद और सांप्रदायिकता से जूझते रहे हैं. वामपंथ पर यह हमला इस बात का संकेत दे रहा है कि फासीवाद पैर पसारने को मचल रहा है. भाकपा सभी जनवादी ताकतों से अपील करती है कि वे केंद्र सरकार के इन तानाशाहीपूर्ण कदमों के खिलाफ कडा प्रतिवाद दर्ज करायें. डा. गिरीश, राज्य सचिव

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