भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी का प्रकाशन पार्टी जीवन पाक्षिक वार्षिक मूल्य : 70 रुपये; त्रैवार्षिक : 200 रुपये; आजीवन 1200 रुपये पार्टी के सभी सदस्यों, शुभचिंतको से अनुरोध है कि पार्टी जीवन का सदस्य अवश्य बने संपादक: डॉक्टर गिरीश; कार्यकारी संपादक: प्रदीप तिवारी

About The Author

Communist Party of India, U.P. State Council

Get The Latest News

Sign up to receive latest news

फ़ॉलोअर

गुरुवार, 26 दिसंबर 2019

Statement of Left Parties of UP


प्रकाशनार्थ-
न्यायालय द्वारा सजा तय करने से पहले आर्थिक दंड गैर कानूनी
उत्तर प्रदेश सरकार ने न्यायालय के अधिकार भी हड़पे: सर्वोच्च न्यायालय ले संज्ञान
अविवेकी गिरफ्तारियाँ रोकें, हिंसा की हो न्यायिक जांच
वामदलों ने CAA, NPR और NRC को बताया भय का पर्याय: रद्द करने की मांग की
लखनऊ- 26 दिसंबर 2019, वामपंथी दलों- भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, भारत की कम्युनिस्ट पार्टी ( मार्क्सवादी ) एवं भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी- माले के राज्य नेत्रत्व ने नागरिकता कानून और नागरिकता रजिस्टर के खिलाफ आंदोलन के दौरान भड़की हिसा के बाद उत्तर प्रदेश सरकार और पुलिस द्वारा की जारही बहशियाना कार्यवाहियों, कर्नाटक में भाकपा कार्यालय के जलाए जाने और मणिपुर में भाकपा के राज्य सचिव को जमानत पर छूट जाने के बावजूद पुनः गिरफ्तार करने की कार्यवाहियों की कड़े शब्दों में भर्त्सना की है।
यहां जारी एक प्रेस बयान में वाम नेताओं ने कहाकि 19 दिसंबर को हुयी हिंसा जिसमें पुलिस कार्यवाही से अब तक डेढ़ दर्जन से अधिक लोगों की मौत होचुकी है और कई अभी भी अस्पतालों में जिन्दगी- मौत से जूझ रहे हैं, के बाद पुलिस का तांडव सातवें आसमान पर है। वामदल आंदोलनकारियों के बीच घुसे अवाञ्च्छनीय तत्वों द्वारा की गयी हिंसा को पूरी तरह अनुचित मानते हैं, लेकिन इसके बाद पुलिस की अविवेकी कार्यवाही को कदापि उचित नहीं माना जासकता।
आंदोलन पर तमाम पाबंदियों के बावजूद जब जगह जगह लोग सड़कों पर उतर आये तो शहर शहर पुलिस प्रशासन बौखला गया और गरीबों, खोमचे वालों, व्यापारियों और राहगीरों पर बहशियाना कार्यवाही पर उतर गया। फलतः डेढ़ दर्जन से अधिक लोग मारे गये, अनेक घायल हुये और गरीबों के झौंपड़े, रहंड़ी- ठेले वालों और मकान दुकानों सहित सार्वजनिक संपत्ति का नुकसान होगया। हिंसा आगजनी की उच्चस्तरीय जांच कराने के बजाय योगी सरकार आम लोगों को निशाना बना रही है। अविवेकपूर्ण गिरफ्तारियों के अलाबा दंगाइयो से नुकसान की भरपाई का तुगलकी फरमान जारी किया गया है। इसकी जद में तमाम निर्दोष भी आरहे हैं।
सवाल यह है कि दोष साबित होने से पहले लोगों को आर्थिक दंड देना गैर कानूनी तो है ही न्यायिक प्रक्रिया का अपमान है। एक ओर भाजपा की कर्नाटक सरकार ने पुलिस कार्यवाही में म्रतको को रुपये 10 लाख देने की घोषणा को न्यायालय के निर्णय तक स्थगित कर दिया है वहीं योगी सरकार ने न्यायालय के अधिकार भी अपने हाथों में समेट लिए हैं और भरपाई के नाम पर औरंगज़ेव का जज़िया कानून थोपा जारहा है। उच्च और सर्वोच्च न्यायालय को इसका स्वयं संज्ञान लेना चाहिये।
उधर दूसरे राज्यों में भी भाजपा और संघ हिंसक और फासीवादी हरकतें कर रहे हैं। कर्नाटक में आधी रात को भाकपा कार्यालय में घुस कर संघियों ने पेट्रोल छिड़क कर आग लगादी जिससे पार्टी कार्यकर्ताओं के कई दोपहिया वाहन जल गये। मणिपुर में भाकपा के राज्य सचिव एल॰ सोतीन कुमार को जमानत पर रिहा होने के बाद पुनः गिरफ्तार कर लिया गया। वामपंथी दल इन कारगुजारियों की कड़े शब्दों में निन्दा करते हैं।
वामपंथी दलों ने मांग की कि 19 दिसंबर और उसके बाद की घटनाओं की न्यायिक जांच कराई जाये, नागरिकों को घ्रणा, राजनीति और अपनी कमियों पर पर्दा डालने के लिए अविवेकी तरीके से गिरफ्तार करना बंद किया जाये, नुकसान की भरपाई के नाम पर तमाम लोगों से वसूली की गैरकानूनी कार्यवाही को रोका जाये, वाराणसी में गिरफ्तार वामदलों के कार्यकर्ताओं को बिना शर्त रिहा किया जाये तथा राजनैतिक गतिविधियों को भय फैला कर बाधित करना बन्द किया जाये।
वामदलों ने उच्च एवं सर्वोच्च न्यायालय से अपील की कि वे स्वतः संज्ञान लेकर नुकसान की भरपाई के नाम पर लोगों को प्रताड़ित करने की राज्य सरकार की अवैध कार्यवाही पर रोक लगाएँ।
वामदलों ने भय के पर्याय बने सीएए, एनपीआर और एनआरसी को रद्द कराने सहित उपरोक्त मांगों को लेकर 30 दिसंबर को ब्लाक, तहसील और जिला केन्द्रों पर शांतिपूर्ण तरीके से ज्ञापन देने का निश्चय किया है। 1 से 7 जनवरी 2020 को आर्थिक सवालों को जोड़ कर जन संपर्क अभियान चलाया जायेगा और 8 जनवरी को होने वाली श्रमिक वर्ग की हड़ताल को समर्थन प्रदान किया जायेगा।
यह बयान भाकपा के राज्य सचिव डा॰ गिरीश, माकपा के राज्य सचिव डा॰ हीरालाल यादव एवं सीपीआई- एमएल के राज्य सचिव का॰ सुधाकर यादव ने जारी किया है।
जारी द्वारा-
डा॰ गिरीश, राज्य सचिव
भाकपा, उत्तर प्रदेश  


0 comments:

एक टिप्पणी भेजें

Share |

लोकप्रिय पोस्ट

कुल पेज दृश्य