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शुक्रवार, 8 मई 2020

16 मजदूरों की मौत पर भाकपा ने जताया रोष




लखनऊ- 8 मई 2020, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव मंडल ने आज औरंगाबाद में रेलवे ट्रैक पर मालगाड़ी से कुचल कर 16 मजदूरों की मौत पर गहरा अफसोस, पीड़ा और आक्रोश का इजहार किया है। पार्टी ने कल विशाखापत्तनम में एक फैक्टरी में गैस रिसाब से हुयी 12 श्रमिकों और नागरिकों की मौत पर भी गहरा दुख व्यक्त किया है। पार्टी ने रेल से कुचल कर म्रत मजदूरों के परिवार को 50 लाख रु॰ प्रति म्रतक राहत राशि देने की मांग की।

यहां जारी एक प्रेस बयान में पार्टी के राज्य सचिव डा॰ गिरीश ने कहाकि कोरोना संकट के शुरुआत से ही मजदूरों के प्रति सरकार का रवैया बहुत ही शत्रुतापूर्ण रहा है। पहले उन्हें लाक डाउन में भूखे प्यासे मरने को छोड़ दिया गया। और जब भूख और अर्थाभाव के चलते जान हथेली पर रख कर वे घरों की ओर चल दिये तो रास्तों में उन्हें पीटा गया, क्वारंटाइन किया गया और कई जगह सड़कों पर ही तड़पते छोड़ दिया गया। भूख, प्यास, बीमारी से कई दर्जन मजदूरों ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया।

वामपंथी दलों और विपक्ष के दबाव में सरकार ने बेमन से मजदूरों को घर पहुंचाने का निर्णय लिया मगर अब भी उनके रास्ते में अनेक किस्म के रोड़े अटकाए जारहे हैं। उनसे रेल किराया बसूला जारहा है, यदि वे अपना खर्च कर बस, ट्रक आदि से चल पड़े तो वाहन जब्त कर उन्हें खदेड़ दिया गया। और अब जो पैदल ही जा रहे हैं वे सड़क दुर्घटनाओं में मारे जारहे हैं। यदि सरकार ने सतर्कता बरतते हुये अपने दायित्व का निर्वाह किया होता तो ये 16 मजदूर भी मौत के झपट्टे से बच जाते। सच तो यह है कि कोरोना संकट से पूंजीवाद और पूंजीवादी सरकार का मजदूरों, गरीबों और आम जनता के प्रति घिनौना चरित्र उजागर होगया है।

भाकपा मांग करती है कि सरकार/ सरकारें अपना रवैया बदलें। एक एक मजदूर को रेल/ बसों से सुरक्षित घर पहुंचायें। मजदूरों के जीवन और अधिकार छिनने से बाज आयें सरकारें, भाकपा आगाह करना चाहती है।

डा॰ गिरीश, राज्य सचिव
भाकपा, उत्तर प्रदेश

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