भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी का प्रकाशन पार्टी जीवन पाक्षिक वार्षिक मूल्य : 70 रुपये; त्रैवार्षिक : 200 रुपये; आजीवन 1200 रुपये पार्टी के सभी सदस्यों, शुभचिंतको से अनुरोध है कि पार्टी जीवन का सदस्य अवश्य बने संपादक: डॉक्टर गिरीश; कार्यकारी संपादक: प्रदीप तिवारी

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बुधवार, 25 नवंबर 2020

CPI support Dr. Haripraksh Yadav for MLC from Lucknow- jhansi graduate constituency


भाकपा ने लखनऊ- झांसी स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से एमएलसी हेतु डा॰ हरिप्रकाश यादव को समर्थन दिया

 

लखनऊ- 25 नवंबर 2020, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव मण्डल ने इलाहाबाद- झांसी खंड स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से एमएलसी ( MLC) पद के सुशिक्षित एवं संघर्षशील प्रत्याशी डा॰ हरिप्रकाश यादव को समर्थन प्रदान करने का निश्चय किया है। भाकपा ने अपनी प्रयागराज, कौशांबी, फ़तेहपुर, हमीरपुर, महोबा, बांदा, चित्रकूट, जालौन, झांसी और ललितपुर जनपद इकाइयों से अनुरोध किया है कि वे डा॰ हरिप्रकाश यादव को सक्रिय समर्थन प्रदान करें।

श्री यादव अटेवा के जुझारू सिपाही हैं और बेरोजगारों, पेंशनविहीनों और अन्य कमजोर तबकों की लड़ाई लड़ते रहे हैं। रोजगार और पेंशन समेत किसानों, मजदूरों, कर्मचारियों, विद्यार्थियों, महिलाओं, दलितों, अल्पसंख्यकों और अन्य कमजोर वर्गों के लिये सतत संघर्ष करती रही है। संघर्ष के उद्देश्यों की समानता के आधार पर ही उन्हें समर्थन प्रदान किया गया है।

भाकपा लखनऊ स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से पहले ही पूर्व के जुझारू छात्र एवं मेहनतकशों के नेता श्री एजाज अहमद नक़वी को समर्थन प्रदान कर चुकी है।

भाकपा ने अन्य वामपंथी जनवादी शक्तियों से अपील की कि वे संघर्ष के मुद्दों की समानता के आधार पर भाकपा समर्थित उक्त प्रत्याशियों को समर्थन प्रदान करें।

डा॰ गिरीश, राज्य सचिव

भाकपा, उत्तर प्रदेश

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बुधवार, 18 नवंबर 2020

UP Govt. must quit


 

बालिकाओं के साथ दरिंदगी और यौन अपराधों की बढ़ती वारदातों पर भाकपा ने गहरा क्षोभ और रोष जताया

 

जघन्य वारदातों की नैतिक ज़िम्मेदारी ले सरकार, नहीं तो गद्दी छोड़े: भाकपा

 

लखनऊ- 18 नवंबर 2020, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव मण्डल ने उत्तर प्रदेश में अबोध बालिकाओं, महिलाओं के साथ दरिंदगी और उनकी जघन्य हत्याओं और बच्चों के यौन शोषण की घटनाओं पर गहरा क्षोभ और रोष व्यक्त किया और इसके लिए राज्य सरकार की संगीन अपराधों के प्रति मुजरिमाना उपेक्षा को जिम्मेदार ठहराया है।

यहाँ जारी एक प्रेस बयान में भाकपा ने कहा कि योगीराज भोगीराज बन चुका है। एक के बाद एक हो रही वीभत्स वारदातों से दिल कांप उठता है। दीवाली की रात प्रदेश के मुख्यमंत्री अयोध्या में जब 6 लखिया दीपालिका मना रहे थे, जनपद- कानपुर महानगर के घाटमपुर में उसी रात एक 6 वर्षीय बालिका के साथ बलात्कार के बाद हत्या, उसका दिल, किडनी खा जाने और आँखें फोड़ने की वारदात से पूरा प्रदेश हिल कर रह गया।

गत दिन जब प्रदेश के मुख्यमंत्री बद्रीनाथ- केदारनाथ में घूम घूम कर पुण्य कमा रहे थे, बुलंदशहर जनपद में बलात्कार पीड़िता दलित किशोरी को पेट्रोल छिड़क कर जला दिया जिसने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। चित्रकूट में एक JE वर्षों से बच्चों- बच्चियों के साथ दुष्कर्म कर वीडियो बना लाखों कमाता रहा और योगी सरकार अपने विभाजनकारी एजेंडे में मस्त रही। सच तो यह है कि गत साल में बच्चों के साथ यौन शोषण की वारदातों में 22 फीसदी की बदोत्तरी हुयी है। यह प्रदेश में हर माह घट रही ऐसी हजारों वारदातों के चंद उदाहरण हैं।

चोरी, छिनेती, लूट एवं हत्या आदि की वारदातों में भी भारी इजाफा हुआ है। दीवाली के दिनों में ही नकली शराब के सेवन, पटाखा गोदामों में लगी आग और धनाढ्यों द्वारा मनहूस तरीके से की गयी पटाखेबाजी के प्रदूषण से सैकड़ों की जानें चली गयीं और भाजपा और उसकी सरकार जश्न में डूबी रही। सहिष्णुता की स्वस्थ भारतीय संस्क्रति को जहर में बुझा कर संघ परिवार ने उसे हिन्दू संस्क्रति में बदल दिया है जो हमारे समाज और उसके ताने बाने को तहस नहस कर रहे हैं। ये सरकार लोगों को तिल तिल कर मरने को मजबूर कर रही है।

अफसोस तो इस बात का है कि अंधे युग की इन जघन्यतम वारदातों की नैतिक ज़िम्मेदारी लेने के बजाय राज्य सरकार अपने कुशासन को जायज ठहरा रही है और अपने इस रावणराज को रामराज्य साबित करने की असफल कोशिश कर रही है।

भाकपा सरकार से मांग करती है कि या तो जनता द्वारा सौंपी ज़िम्मेदारी का निर्वाह करो नहीं तो त्यागपत्र दो।

डा॰ गिरीश, राज्य सचिव

भाकपा, उत्तर प्रदेश

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शुक्रवार, 13 नवंबर 2020

 

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बुधवार, 11 नवंबर 2020

CPI on defeat of opposition in UP Assembly By poll

 

उत्तर प्रदेश विधान सभा उपचुनाव परिणामों पर भाकपा की प्रतिक्रिया-

 

जीत के लिये भाजपा नहीं प्रमुख विपक्षी दलों की अहममन्यता जिम्मेदार

 

लखनऊ- 11 नवंबर 2020, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी उत्तर प्रदेश के राज्य सचिव मंडल ने प्रदेश विधान सभा के चुनाव परिणामों पर प्रतिक्रिया जताते हुये कहाकि यह भाजपा और उसकी नीतियों की जीत नहीं जैसा कि भाजपा दावा कर रही है।

सच तो यह है कि यह उत्तर प्रदेश के मुख्य विपक्षी दलों की मगरूरियत, जनवादी ताकतों की उनके द्वारा की गयी उपेक्षा और अहंकारी नेताओं के आपसी टकराव की देन है। इससे प्रदेश की धर्मनिरपेक्ष लोकतान्त्रिक ताकतों को तात्कालिक तौर पर धक्का लगा है और भाजपा को अनायास लाभ पहुंचा है।

भाकपा ने कहा कि भाजपा की केन्द्र और राज्य सरकार की नीतियों और क्रियाकलापों से लोग नाराज हैं। किसान विरोधी तीन अधिनियम, श्रम क़ानूनों में बदलाव, पलायन और बेरोजगारी, कानून व्यवस्था की दुर्दशा और महिलाओं और कमजोर तबकों के उत्पीड़न, राशन वितरण, मनरेगा और किसान सम्मान निधि के वितरण में धांधली, कोविड से निपटने में दोनों सरकारों की विफलता एवं लाकड़ाउन के पालन कराने के नाम पर हुयी ज़्यादतियों, शिक्षा नीति में बदलाव और कमजोर वर्गों को आनलाइन शिक्षा से वंचित रह जाना, महंगाई और भ्रष्टाचार, आतंकवाद रोकने में असफलता और सुरक्षा बलों की लगातार हो रही शहादतों, सीमाओं की रक्षा न कर पाना, संविधान और जनवादी अधिकारों पर हमले और राष्ट्रीय संपत्तियों की बिक्री तथा अर्थव्यवस्था में ऐतिहासिक गिरावट से लोग बेहद नाराज थे और भाजपा को सबक सिखा सकते थे।

परंतु अहममन्य और अकर्मण्य विपक्ष ने सभी लोकतान्त्रिक शक्तियों और भाजपा विरोधी मतों को एकजुट करने का कोई प्रयास नहीं किया। यहाँ तक कि लाकड़ाउन में भी जनता के सवालों पर सर्वाधिक मुखरित भाकपा, वामपंथ और अन्य लोकतान्त्रिक दलों से कोई संपर्क तक नहीं किया। फलतः इन दलों के हजारों कार्यकर्ता और समर्थक सरकार की कुनीतियों और जनविरोधी क्रत्यों को उजागर कर उसे शिकस्त देने की मुहिम का  हिस्सा नहीं बन सके।

इसलिये भाजपा की जीत के लिये भाजपा कम उत्तर प्रदेश के प्रमुख विपक्षी दल अधिक जिम्मेदार हैं। वे अपनी इस ऐतिहासिक चूक से मुंह नहीं छिपा सकते। वे जनता और लोकतान्त्रिक शक्तियों की भावनाओं को ठेस पहुँचाने के दायित्व से मुकर नहीं सकते।

भाकपा ने कहा कि अभी भी समय है कि ये दल अपनी कार्यनीतियों का पुनरीक्षण कर भूल सुधार की दिशा में कदम उठायेँ।

डा॰ गिरीश, राज्य सचिव

भाकपा, उत्तर प्रदेश

 

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सोमवार, 9 नवंबर 2020

विध्वंसक भाजपा सरकारों के पतन की शुरूआत कल से

 

माफियाओं द्वारा निर्मित भवनों को ध्वस्त करने के बजाये उनका जनहित में उपयोग किया जा सकता था

 

भाकपा ने कहा- एक विध्वंसक सरकार से जनहित की उम्मीद व्यर्थ

 

विध्वंसक ट्रंप के पतन की ही तरह भाजपा का हश्र सुनिश्चित है, कल बिहार विधान सभा के चुनाव परिणामों से हो जायेगा शुभारंभ : भाकपा

 

लखनऊ- 9 नवंबर 2020, अपराधी और माफियाओं के खिलाफ कार्यवाही के नाम पर उनके द्वारा निर्मित भवनों और भव्य भवनों को ढहना योगी सरकार के मानसिक दिवालियापन और तुष्टीकरण के अलावा कुछ नहीं। एक विवेकहीन और जनता के हितों से कोसों दूर सरकार से इसके अलाबा कुछ उम्मीद भी नहीं की जा सकती।

उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा माफियाओं और उनके संबंधियों की इमारतों को ढहाने की कार्यवाही को बचकाना और वोट बैंक की राजनीति बताते हुये भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने कहा कि इन भवनों को ढहाने के बजाये, सरकार द्वारा जब्त कर उनमें अस्पताल, स्कूल एवं कई जरूरी काम शुरू किए जा सकते थे। और कुछ नहीं तो कोविड हास्पिटल ही खोले जा सकते थे। क्या इन भवनों के भागों को उन गरीबों को आबंटित नहीं किया जा सकता था जो आज भी इस भयंकर रामराज्य में झौंपड़ियों में जीवन जी रहे हैं, भाकपा ने सवाल किया है? दयनीय स्थिति को प्राप्त कोविड अस्पतालों को इनमें शिफ्ट नहीं किया जा सकता था क्या?

एक प्रेस बयान में भाकपा राज्य सचिव डा॰ गिरीश ने कहा कि भाजपा/ संघ का इतिहास सदैव से विध्वंसात्मक रहा है सरजनात्मक नहीं। आज भी उसकी सरकारें किसी न किसी रूप में विध्वंस में लगी हैं। वे राष्ट्रीय संसाधनों को नष्ट कर रही हैं, भाईचारे को नष्ट कर रहीं हैं तथा व्यवस्था और संविधान को नष्ट कर रही हैं। इनका भी वही हश्र सुनिश्चित है जो अमेरिका में विध्वंसक ट्रंप का हुआ है। और इसकी शुरूआत कल बिहार विधान सभा के चुनाव परिणामों से हो जायेगी, भाकपा ने कहा है।

डा॰ गिरीश, राज्य सचिव

भाकपा, उत्तर प्रदेश

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बुधवार, 4 नवंबर 2020

CPI on Mathura Episode


 

मथुरा के मन्दिर में पढ़ी गयी नमाज के बहाने विभाजन की राजनीति को हवा दे रही है राज्य सरकार

 

भाकपा ने सभी जागरूक एवं सद्भाव की ताकतों से कट्टरपंथियों के षडयंत्रों को विफल करने की अपील की

 

लखनऊ- 4 नवंबर 2020, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, उत्तर प्रदेश के राज्य सचिव मण्डल ने जनपद- मथुरा के एक मन्दिर में नमाज पढ़ने वाले लोगों पर संगीन धाराओं में मुकदमे और उनकी गिरफ्तारी की निन्दा की। खान अब्दुल गफ्फार खान ( सीमांत गांधी ) द्वारा शुरू किये गये खुदाई ख़िदमतगार से जुड़े ये लोग लंबे समय से सांप्रदायिक सद्भाव का मिशन चला रहे हैं, और उसीके तहत 84 कोसी परिक्रमा करने मथुरा आए थे।

जिस पुजारी की अनुमति और आमंत्रण पर उन्हें मन्दिर परिसर में प्रवेश मिला था और सद्भाव का भाव जगाने के उद्देश्य से उन्होने वहाँ नमाज भी पढ़ी थी, बाद में वे पुजारी जी विभाजनवादी एवं कट्टरपंथियों के दबाव में आ गये और उन्होने खुदाई खिदमतगारों और उनके साथियों के विरूध्द अभियोग दर्ज करा दिया। हर बार की तरह मुसलमानों को निशाना बना कर विभाजन की राजनीति को हवा देने वाली योगी सरकार की पुलिस ने उन्हें आनन-फानन में गिरफ्तार कर लिया।

अब मन्दिर आंदोलन के अवसान एवं गो हत्या के नाम पर फर्जी गिरफ्तारियों के लिए उच्च न्यायालय की फटकार खा चुके विभाजन की राजनीति करने वाले तत्व पुनः सक्रिय होगये हैं और घ्रणा फैलाने को मुस्लिम धर्मस्थलों आरती और हनुमान चालीसा पढ़ने का स्वांग रच रहे हैं। दोनों के उद्देश्यों में वैपरीत्य है- उन्होने नमाज सद्भाव के लिये पढ़ी थी तो ये अब जो कुछ भी कर रहे हैं उकसाबे के लिये कर रहे हैं।

भाकपा ने कहा कि तमाम मुद्दों पर बेनकाव हो चुकी योगी सरकार विभाजन की राजनीति को प्रमोट करने के लिये अल्पसंख्यकों को कोई न कोई बहाना बना कर निशाना बना रही है। बदलाव और प्रगति की वाहक ताकतों को कभी नक्सल तो कभी देशद्रोही बता कर प्रताड़ित कर रही है। उसीके इशारे पर यह चालीसा पढ़ने अथवा कथित आरती करने का अभियान शुरू किया गया है।

भाकपा ने सरकार और उसके रजाकारों को चेतावनी दी कि वह जनता को गुमराह करने और सद्भाव एवं बदलाव की ताकतों को मिटाने के अपने मंसूबों से बाज आये और कम ही बचे अपने कार्यकाल में आम जनता के हित में काम करे।

भाकपा ने सभी जागरूक और सद्भाव की ताकतों से अपील की कि वे विभाजनकारी और सांप्रदायिक कट्टरपंथियों की इन साज़िशों को विफल करने को जुट जायें और सद्भाव की मुहिम को आगे बढ़ाएं।

डा॰ गिरीश, राज्य सचिव

भाकपा, उत्तर प्रदेश

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