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मंगलवार, 12 जनवरी 2021

आंदोलनकारी किसानों को फिर से मिला वामदलों का साथ


 

किसान आंदोलन के अगले चरण का वामदलों ने किया पुरजोर समर्थन

कल 13 जनवरी को काले क्रषी क़ानूनों की होली जलायी जायेगी

18 को महिला किसान दिवस तथा 23 जनवरी को किसान दिवस का आयोजन होगा

सुप्रीम कोर्ट की तल्ख टिप्पणी का संज्ञान ले राज्य सरकार: दमनात्मक कार्यवाहियों से आए बाज- वाम दल

लखनऊ- 12 जनबरी 2021, उत्तर प्रदेश के चारों वामपंथी दलों ने आल इंडिया किसान संघर्ष समन्वय समिति ( एआईकेएससीसी ) द्वारा जारी आंदोलन के कार्यक्रम को समर्थन प्रदान करते हुये वामदलों के कार्यकर्ताओं का आह्वान किया है कि वे किसानों के साथ मिल कर इन कार्यक्रमों को पूरी शिद्दत से सफल बनायें। वामदलों ने शांतिपूर्ण और संवैधानिक तरीकों से आंदोलन कर किसान कामगार और अन्य शोषित पीडितों की आवाज उठाने वाले वांमपंथी एवं लोकतांत्रिक दलों के कार्यकर्ताओं/ नेताओं की राज्य सरकार द्वारा उत्पीड़नात्मक कार्यवाही को जनता के समक्ष बेनकाव करने का आह्वान भी किया है।

यहाँ जारी एक संयुक्त प्रेस बयान में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, भारत की कम्युनिस्ट पार्टी- मार्क्सवादी, भाकपा, माले- लिबरेशन एवं आल इंडिया फारबर्ड ब्लाक के प्रादेशिक नेताओं ने आरोप लगाया कि केन्द्र की सरकार अपने कार्पोरेट्स आकाओं के हिट साधने के लिये किसानों और खेती को बरवाद करने वाले तीन काले क़ानूनों को जबरिया किसानों पर थोप रही है। वह किसानों को उनकी उपजों का न्यूनतम समर्थन मूल्य देने की कानूनी गारंटी लेने तक को तैयार नहीं है।

किसानों के समक्ष लड़ो या मरो की स्थिति आ गयी है और वे पिछले डेढ़ माह से अधिक से  हाड़कंपाने वाली ठंड और वरसात में दिल्ली के चारों ओर शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन कर रहे हैं। घोर जनविरोधी एवं लोकतन्त्र विरोधी सरकार हठधर्मिता बरत रही है और आंदोलन को शिथिल करने को अनेकों मायावी हथकंडे अपना रही है। मजबूरन किसानों ने धरने के अतिरिक्त देश भर में गणतन्त्र दिवस तक कई कार्यक्रमों के आयोजन का आह्वान किया है।

लोढ़ी/ मकर संक्रान्ति के अवसर पर 13 जनवरी को देश भर में किसानो की बरवादी के प्रतीक तीनों काले क्रषी क़ानूनों की होली जलाई जायेगी। 18 जनवरी को महिला किसान दिवसों का आयोजन किया जायेगा तथा 23 जनवरी को नेताजी सुभाष चन्द्र बोस का 125 वां जनम दिवस किसान दिवस के रूप में मनाया जायेगा। यदि फिर भी काले क़ानूनों को रद्द नही  किया गया तो गणतन्त्र दिवस पर किसान परेड की योजना है। वामदल इन सभी कार्यक्रमों का समर्थन करते हैं।

वामदलों ने कहा कि योगी सरकार निरंतर जनवादी आंदोलनों को दमानात्मक तरीकों से कुचलती रही है। वाराणसी में वामदलों के नेताओं के विरूध्द गैगस्टर एक्ट में एफआईआर दर्ज की गयीं हैं तथा भारत बंद में भाग लेने पर अलीगढ़ में भी संगीन दफाओं में मुकदमे दर्ज किए गए हैं। किसानों को दिल्ली जाने से बलपूर्वक रोका जा रहा है, धरने प्रदर्शन और अन्य आंदोलनकारी कार्यवाहियों को बाधित किया जा रहा है तथा लोगों को थानों में ले जा कर प्रताड़ित किया जा रहा है। यह लोकतान्त्रिक आंदोलनों को कुचलने के उद्देश्य से किया जा रहा है।

वामदलों ने कहा कि राज्य सरकार को कल सर्वोच्च न्यायालय की दो टूक टिप्पणी कि “हम नागरिकों के प्रदर्शनों को रोकने के लिये कोई आदेश नहीं देंगे” का संज्ञान लेना चाहिए और अपनी तानाशाहीपूर्ण कारगुजारियों पर विराम देना चाहिए। उन्होने कहाकि न्यायिक प्रतिष्ठान को भी इसका संज्ञान लेना चाहिए।

भाकपा राज्य सचिव डा॰ गिरीश, माकपा राज्य सचिव डा॰ हीरालाल यादव, भाकपा माले के राज्य सचिव का॰ सुधाकर यादव एवं आ॰ इ॰ फारबर्ड ब्लाक के संयोजक अभिनव कुशवाहा ने उपर्युक्त कार्यक्रमों को सफल बनाने की अपील की है।

डा॰ गिरीश

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