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रविवार, 3 अक्तूबर 2010
अखिल भारतीय नौजवान सभा उत्तर प्रदेश इकाई का राज्य कन्वेंशन 23 सितम्बर को कानपुर में सम्पन्न
अखिल भारतीय नौजवान सभा की उत्तर प्रदेश इकाई का राज्य कन्वेंशन 23 सितम्बर 2010 को औद्योगिक शहर कानपुर में अत्यंत उत्साह एवं धूमधाम से सम्पन्न हुआ। कन्वेंशन मजदूरों के संघर्ष के ऐतिहासिक केन्द्र कानपुर मजदूर सभा भवन में किया गया। नौजवानों ने कन्वेंशन स्थल को झंडियों और झंडों से सजाया हुआ था। स्थानीय पुलिस ने 24 सितम्बर के आदेश का नाम लेकर कुछ व्यवधान करने की कोशिश की। नेताओं के बीच में पड़ने से फोर्स वहां से चली गयी।
उत्तर प्रदेश नौजवान सभा का यह कन्वेंशन अखिल भारतीय नौजवान सभा के नेतृत्व की भूमिका एवं उसके इस विश्वास से सम्पन्न हो पाया कि नौजवान सभा को प्रत्येक राज्य में और अधिक क्रियाशील करना है। इस उद्देश्य से केन्द्र के साथियों ने 5 एवं 18 अगस्त को लखनऊ में नौजवानों की बैठके कर तय किया कि एक राज्य स्तरीय कन्वेशन आयोजित किया जाये। ताकि उक्त कन्वेंशन के बाद उ.प्र. नौजवान सभा का सदस्यता के आधार पर नियमित राज्य सम्मेलन आहूत किया जा सके।
बैठक में विभिन्न जिलों से आये नौजवानों ने नौजवान सभा की कानपुर इकाई के निवेदन को स्वीकार किया और फैसला किया गया कि राज्य कन्वेंशन कानपुर में ही सम्पन्न करवाया जाये।
कन्वेश्ंान की तिथि आते-आते तीन महत्वपूर्ण कारणों 23 सितम्बर 2010 के कन्वेंशन में व्यवधान पैदा होने लगा। 24 सितम्बर 2010 को अयोध्या की बाबरी मस्जिद की टाइटिल डीड का फैसला, प्रदेश में पश्चिमी एवं पूर्वी जिलों में भयंकर बाढ़ तथा 23 सितम्बर 2010 से ही पंचायती चुनावों का नामांकन। इन तीनों कारणों से जिला-जिलों से आयोजकों के पास फोन आने लगे कि प्रतिनिधियों के आने में कठिनाइयां है। लेकिन कन्वेंशन को किसी भी हालत में स्थगित नहीं किया जा सकता था। कन्वेंशन में विभिन्न जिलों से आये लगभग 110 प्रतिनिधियों ने भागीदारी की।
कन्वेंशन का प्रारम्भ झण्डारोहण से किया गया। मजदूर सभा भवन के मैदान में एकत्रित नौजवानों और विशिष्ट अतिथियों की उपस्थिति में कानपुर के वयोवृद्ध कम्युनिस्ट नेता एवं स्वतंत्रता संग्राम सेनानी का. हरबंश सिंह ने झण्डारोहण किया। इस अवसर पर उन्होंने कानपुर में एकत्रित नौजवानों और आयोजकों कोे कन्वेंशन आयोजित करने के लिये बधाई दी। उन्होंने नौजवानों का आह्वान किया कि वे जातिवाद और साम्प्रदायिकता से संघर्ष करने का संकल्प लें। उन्होंने कहा कि वर्ग विभाजन से जातियां बनी हैं। समाजवाद स्थापित होने से वर्ग विहीन समाज की रचना होगी और जातियों के बंटवारे की परिस्थितियां भी समाजवादी समाज में समाप्त होने की स्थितियां पैदा हो जायेंगी। उन्होंने नौजवानों का आह्वान किया कि वो रोजगार प्राप्त करने की मांग और पूंजीवादी समाज द्वारा जनित भ्रष्टाचार के विरुद्ध भी संघर्ष करें।
झण्डारोहण के बाद कन्वेंशन विनय पाठक, सुनील सिंह, रामचन्द्र्र भारती, रशिम पासवान, वीरेन्द्र सिंह, राजू, गीता सागर एवं विनीता राज के अध्यक्षमण्डल में कन्वेंशन की कार्यवाही प्रारम्भ हुई।
स्वागत समिति की ओर से साथी नीरज यादव ने स्वागत भाषण दिया। उन्होनंे स्वागत भाषण में कानपुर के एतिहासिक महत्व पर चर्चा की। उन्होंने कहा कानपुर अतीत से ही क्रान्तिकारी नौजवानों की गतिविधियों का केन्द्र रहा है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि यह कन्वेंशन उ.प्र. के नौजवानों को प्ररेणा देगा और संघर्षों का मार्ग प्रशस्त करेगा।
इस अवसर पर अखिल भारतीय नौजवान सभा के महामंत्री का. के. मुरुगन ने अपने ओजस्वी उद्घाटन भाषण में कहा कि नौजवान बेरोजगारी, भ्रष्टाचार और सामाजिक, आर्थिक असमानता सेत्रस्त है। उनको इसके विरूद्ध संघर्ष करना है। उन्होंने कहा कानपुर क्रान्तिकारियों की भूमि है तथा 1857 से ही स्वतंत्रता आन्दोलन का केन्द्र रहा है। उन्होंने भगत सिंह का हवाला देते हुये कहा कि भगत सिंह ने नौजवान सभा की शुरूआत की थी। भगत सिंह ने कहा था कि नया समाज बनाना होगा। नौजवान सभा उसी रास्ते पर चल रही है। नौजवान सभा में ही सबसे पहले 18 वर्ष के मताधिकार की मांग बुलन्द की थी। नौजवान सभा ने शिक्षा के अधिकार और नौजवानों के रोजगार के लिये संघर्ष किया है। 1980 में नारा दिया था “काम दो या जेल दो”। दुनिया भर में भारत केवल में 55 वर्ष से कम के लोग सबसे अधिक हैं। उन्होंने कहा कि श्री मनमोहन सिंह की आर्थिक नीतियों के कारण नौजवानों के साथ-साथ 85 प्रतिशत देश की जनता गरीबी में रह रही है। उन्होंने कहा इन सब समस्याओं के विरुद्ध राष्ट्रीय आन्दोलन संगठित किया जायेगा और उस आन्दोलन की रूपरेखा नौजवान सभा के 28 सितम्बर से 1 अक्टूबर तक पंजाब में होने वाले 14वें राष्ट्रीय सम्मेलन में बनाई जायेगी। उन्होंने अपने भाषण में उ.प्र. के साथियों को बधाई दी कि थोड़ी मुश्किल परिस्थितियों के बाद भी उन्होंने कन्वेंशन आयोजित किया। जिसमें नौजवान युवक और युवतियां उपस्थित रही।
इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि कानपुर विश्वविद्यालय की पूर्व कुलपति डा. हेमलता स्वरूप ने नौजवानों को सम्बोधित और उत्साहित करते हुये कहा कि उन्हें सामाजिक असमानताओं के विरुद्ध संघर्ष करना होगा। शासक वर्ग की नीतियां नौजवानों को चारों तरफ से घेर रही है। बेरोजगारी, महंगाई, शिक्षा का अभाव, साम्प्रदायिकता, जातिवाद, भ्रष्टाचार जैसे प्रश्नों पर नौजवानों को जम कर संघर्ष करना चाहिये। उन्होंने नौजवानों का आह्वान किया कि वो स्त्रियों के बराबरी के हक के लिये और उनके ऊपर होने वाले अत्याचारों के विरुद्ध भी संघर्ष करें। उन्होंने नौजवानों से पर्यावरण की रक्षा करने के संघर्ष में भी आगे आने को कहा। उन्होंने उ.प्र. के नौजवानों को बधाई दी और आशा व्यक्त की कि यह सम्मेलन उ.प्र. के नौजवानों को संगठित कर सही रास्ता दिखायेगा।
इस अवसर पर विशेष रूप से उपस्थित भाकपा के राज्य सचिव डा. गिरीश ने वर्तमान राजनैतिक परिस्थितियों के संदर्भों में नौजवानों को संघर्ष करने का आह्वान किया। उन्होंने अपन सम्बोधन में महंगाई, भ्रष्टाचार, साम्प्रदायिकता एवं नौजवानों के अधिकारों पर रोशनी डाली। उन्होंने ग्रामीण नौजवानों, किसानों के बेटे-बेटियों की तरफ भी ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने आश्वस्त किया कि नौजवान सभा के संघर्षों में भाकपा सदैव उनके साथ रहेगी।
कन्वेंशन को सम्बोधित करते हुये मजदूर नेता का. अरविन्द राज स्वरूप ने नौजवानों से कहा कि पूंजीवादी सामाजिक एवं आर्थिक नीतियां नौजवानों के अधिकारों को छीन रही हैं और क्रान्तिकारियों के आदर्शों से हटा कर नौजवानों को अपसंस्कृति की ओर धकेल रही हैं। नौजवानों को इन नीतियों का हर स्तर पर डट कर विरोध करना होगा।
कन्वेंशन के अन्त में उ.प्र. नौजवान सभा की सयोंजन समिति का गठन किया गया।
संयोजन समिति राष्ट्रीय अधिवेशन के बाद जिलों में सदस्यता अभियान चला कर नियमित राज्य सम्मेलन आहुत करवायेगी। संयोजन समिति में संयोजक - नीरज यादव (कानपुर), सह संयोजक विनय पाठक (जालौन) एवं मुन्नीलाल दिनकर (सोनभद्र) चुने गये। इसके अतिरिक्त समिति में रामचन्द्र भारती (मऊ), एलान सिंह (हाथरस), शशिकान्त (मऊ), सुनील सिंह (कानपुर), नूर मोहम्मद (मुजफ्फर नगर), चन्दन सिंह (झांसी), जयप्रकाश (मुरादाबाद), राजकरन (बरेली), राजू (सुल्तानपुर), लक्ष्मण (मथुरा), पंकज (संत कबीरनगर), पूरन लाल (फतेहपुर), नूर मोहम्मद (मथुरा), गीता सागर (कानपुर), मुन्ना (इलाहाबाद), शैलेंद्र (औरय्या), अरूणेश (आगरा) तथा जनार्दन राम (गाजीपुर) की 21 सदस्यीय समिति का गठन हुआ।
पंजाब के राष्ट्रीय सम्मेलन हेतु नीरज यादव, विनय पाठक, रामचन्द्र भारती, मुुन्नी लाल दिनकर, नूर मोहम्मद (मुजफ्फर नगर), राजकरन एवं एक युवक एवं एक युवती मथुरा से प्रतिनिधियों के रूप में सर्वसम्मति से चुने गये।
कन्वेंशन के अन्त में भाकपा के जिला मंत्री ओम प्रकाश आन्नद और सहायक मंत्री राम प्रसाद कन्नौजिया ने आगन्तुकों को धन्यवाद दिया। कन्वेंशन के समापन की घोषणा अध्यक्ष मण्डल की ओर से रामचन्द्र भारती ने की और आयोजकों और प्रतिनिधियों को धन्यवाद देते हुए कन्वेंशन की समाप्ति की घोषणा की।
- नीरज यादव
उत्तर प्रदेश नौजवान सभा का यह कन्वेंशन अखिल भारतीय नौजवान सभा के नेतृत्व की भूमिका एवं उसके इस विश्वास से सम्पन्न हो पाया कि नौजवान सभा को प्रत्येक राज्य में और अधिक क्रियाशील करना है। इस उद्देश्य से केन्द्र के साथियों ने 5 एवं 18 अगस्त को लखनऊ में नौजवानों की बैठके कर तय किया कि एक राज्य स्तरीय कन्वेशन आयोजित किया जाये। ताकि उक्त कन्वेंशन के बाद उ.प्र. नौजवान सभा का सदस्यता के आधार पर नियमित राज्य सम्मेलन आहूत किया जा सके।
बैठक में विभिन्न जिलों से आये नौजवानों ने नौजवान सभा की कानपुर इकाई के निवेदन को स्वीकार किया और फैसला किया गया कि राज्य कन्वेंशन कानपुर में ही सम्पन्न करवाया जाये।
कन्वेश्ंान की तिथि आते-आते तीन महत्वपूर्ण कारणों 23 सितम्बर 2010 के कन्वेंशन में व्यवधान पैदा होने लगा। 24 सितम्बर 2010 को अयोध्या की बाबरी मस्जिद की टाइटिल डीड का फैसला, प्रदेश में पश्चिमी एवं पूर्वी जिलों में भयंकर बाढ़ तथा 23 सितम्बर 2010 से ही पंचायती चुनावों का नामांकन। इन तीनों कारणों से जिला-जिलों से आयोजकों के पास फोन आने लगे कि प्रतिनिधियों के आने में कठिनाइयां है। लेकिन कन्वेंशन को किसी भी हालत में स्थगित नहीं किया जा सकता था। कन्वेंशन में विभिन्न जिलों से आये लगभग 110 प्रतिनिधियों ने भागीदारी की।
कन्वेंशन का प्रारम्भ झण्डारोहण से किया गया। मजदूर सभा भवन के मैदान में एकत्रित नौजवानों और विशिष्ट अतिथियों की उपस्थिति में कानपुर के वयोवृद्ध कम्युनिस्ट नेता एवं स्वतंत्रता संग्राम सेनानी का. हरबंश सिंह ने झण्डारोहण किया। इस अवसर पर उन्होंने कानपुर में एकत्रित नौजवानों और आयोजकों कोे कन्वेंशन आयोजित करने के लिये बधाई दी। उन्होंने नौजवानों का आह्वान किया कि वे जातिवाद और साम्प्रदायिकता से संघर्ष करने का संकल्प लें। उन्होंने कहा कि वर्ग विभाजन से जातियां बनी हैं। समाजवाद स्थापित होने से वर्ग विहीन समाज की रचना होगी और जातियों के बंटवारे की परिस्थितियां भी समाजवादी समाज में समाप्त होने की स्थितियां पैदा हो जायेंगी। उन्होंने नौजवानों का आह्वान किया कि वो रोजगार प्राप्त करने की मांग और पूंजीवादी समाज द्वारा जनित भ्रष्टाचार के विरुद्ध भी संघर्ष करें।
झण्डारोहण के बाद कन्वेंशन विनय पाठक, सुनील सिंह, रामचन्द्र्र भारती, रशिम पासवान, वीरेन्द्र सिंह, राजू, गीता सागर एवं विनीता राज के अध्यक्षमण्डल में कन्वेंशन की कार्यवाही प्रारम्भ हुई।
स्वागत समिति की ओर से साथी नीरज यादव ने स्वागत भाषण दिया। उन्होनंे स्वागत भाषण में कानपुर के एतिहासिक महत्व पर चर्चा की। उन्होंने कहा कानपुर अतीत से ही क्रान्तिकारी नौजवानों की गतिविधियों का केन्द्र रहा है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि यह कन्वेंशन उ.प्र. के नौजवानों को प्ररेणा देगा और संघर्षों का मार्ग प्रशस्त करेगा।
इस अवसर पर अखिल भारतीय नौजवान सभा के महामंत्री का. के. मुरुगन ने अपने ओजस्वी उद्घाटन भाषण में कहा कि नौजवान बेरोजगारी, भ्रष्टाचार और सामाजिक, आर्थिक असमानता सेत्रस्त है। उनको इसके विरूद्ध संघर्ष करना है। उन्होंने कहा कानपुर क्रान्तिकारियों की भूमि है तथा 1857 से ही स्वतंत्रता आन्दोलन का केन्द्र रहा है। उन्होंने भगत सिंह का हवाला देते हुये कहा कि भगत सिंह ने नौजवान सभा की शुरूआत की थी। भगत सिंह ने कहा था कि नया समाज बनाना होगा। नौजवान सभा उसी रास्ते पर चल रही है। नौजवान सभा में ही सबसे पहले 18 वर्ष के मताधिकार की मांग बुलन्द की थी। नौजवान सभा ने शिक्षा के अधिकार और नौजवानों के रोजगार के लिये संघर्ष किया है। 1980 में नारा दिया था “काम दो या जेल दो”। दुनिया भर में भारत केवल में 55 वर्ष से कम के लोग सबसे अधिक हैं। उन्होंने कहा कि श्री मनमोहन सिंह की आर्थिक नीतियों के कारण नौजवानों के साथ-साथ 85 प्रतिशत देश की जनता गरीबी में रह रही है। उन्होंने कहा इन सब समस्याओं के विरुद्ध राष्ट्रीय आन्दोलन संगठित किया जायेगा और उस आन्दोलन की रूपरेखा नौजवान सभा के 28 सितम्बर से 1 अक्टूबर तक पंजाब में होने वाले 14वें राष्ट्रीय सम्मेलन में बनाई जायेगी। उन्होंने अपने भाषण में उ.प्र. के साथियों को बधाई दी कि थोड़ी मुश्किल परिस्थितियों के बाद भी उन्होंने कन्वेंशन आयोजित किया। जिसमें नौजवान युवक और युवतियां उपस्थित रही।
इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि कानपुर विश्वविद्यालय की पूर्व कुलपति डा. हेमलता स्वरूप ने नौजवानों को सम्बोधित और उत्साहित करते हुये कहा कि उन्हें सामाजिक असमानताओं के विरुद्ध संघर्ष करना होगा। शासक वर्ग की नीतियां नौजवानों को चारों तरफ से घेर रही है। बेरोजगारी, महंगाई, शिक्षा का अभाव, साम्प्रदायिकता, जातिवाद, भ्रष्टाचार जैसे प्रश्नों पर नौजवानों को जम कर संघर्ष करना चाहिये। उन्होंने नौजवानों का आह्वान किया कि वो स्त्रियों के बराबरी के हक के लिये और उनके ऊपर होने वाले अत्याचारों के विरुद्ध भी संघर्ष करें। उन्होंने नौजवानों से पर्यावरण की रक्षा करने के संघर्ष में भी आगे आने को कहा। उन्होंने उ.प्र. के नौजवानों को बधाई दी और आशा व्यक्त की कि यह सम्मेलन उ.प्र. के नौजवानों को संगठित कर सही रास्ता दिखायेगा।
इस अवसर पर विशेष रूप से उपस्थित भाकपा के राज्य सचिव डा. गिरीश ने वर्तमान राजनैतिक परिस्थितियों के संदर्भों में नौजवानों को संघर्ष करने का आह्वान किया। उन्होंने अपन सम्बोधन में महंगाई, भ्रष्टाचार, साम्प्रदायिकता एवं नौजवानों के अधिकारों पर रोशनी डाली। उन्होंने ग्रामीण नौजवानों, किसानों के बेटे-बेटियों की तरफ भी ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने आश्वस्त किया कि नौजवान सभा के संघर्षों में भाकपा सदैव उनके साथ रहेगी।
कन्वेंशन को सम्बोधित करते हुये मजदूर नेता का. अरविन्द राज स्वरूप ने नौजवानों से कहा कि पूंजीवादी सामाजिक एवं आर्थिक नीतियां नौजवानों के अधिकारों को छीन रही हैं और क्रान्तिकारियों के आदर्शों से हटा कर नौजवानों को अपसंस्कृति की ओर धकेल रही हैं। नौजवानों को इन नीतियों का हर स्तर पर डट कर विरोध करना होगा।
कन्वेंशन के अन्त में उ.प्र. नौजवान सभा की सयोंजन समिति का गठन किया गया।
संयोजन समिति राष्ट्रीय अधिवेशन के बाद जिलों में सदस्यता अभियान चला कर नियमित राज्य सम्मेलन आहुत करवायेगी। संयोजन समिति में संयोजक - नीरज यादव (कानपुर), सह संयोजक विनय पाठक (जालौन) एवं मुन्नीलाल दिनकर (सोनभद्र) चुने गये। इसके अतिरिक्त समिति में रामचन्द्र भारती (मऊ), एलान सिंह (हाथरस), शशिकान्त (मऊ), सुनील सिंह (कानपुर), नूर मोहम्मद (मुजफ्फर नगर), चन्दन सिंह (झांसी), जयप्रकाश (मुरादाबाद), राजकरन (बरेली), राजू (सुल्तानपुर), लक्ष्मण (मथुरा), पंकज (संत कबीरनगर), पूरन लाल (फतेहपुर), नूर मोहम्मद (मथुरा), गीता सागर (कानपुर), मुन्ना (इलाहाबाद), शैलेंद्र (औरय्या), अरूणेश (आगरा) तथा जनार्दन राम (गाजीपुर) की 21 सदस्यीय समिति का गठन हुआ।
पंजाब के राष्ट्रीय सम्मेलन हेतु नीरज यादव, विनय पाठक, रामचन्द्र भारती, मुुन्नी लाल दिनकर, नूर मोहम्मद (मुजफ्फर नगर), राजकरन एवं एक युवक एवं एक युवती मथुरा से प्रतिनिधियों के रूप में सर्वसम्मति से चुने गये।
कन्वेंशन के अन्त में भाकपा के जिला मंत्री ओम प्रकाश आन्नद और सहायक मंत्री राम प्रसाद कन्नौजिया ने आगन्तुकों को धन्यवाद दिया। कन्वेंशन के समापन की घोषणा अध्यक्ष मण्डल की ओर से रामचन्द्र भारती ने की और आयोजकों और प्रतिनिधियों को धन्यवाद देते हुए कन्वेंशन की समाप्ति की घोषणा की।
- नीरज यादव
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