भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी का प्रकाशन पार्टी जीवन पाक्षिक वार्षिक मूल्य : 70 रुपये; त्रैवार्षिक : 200 रुपये; आजीवन 1200 रुपये पार्टी के सभी सदस्यों, शुभचिंतको से अनुरोध है कि पार्टी जीवन का सदस्य अवश्य बने संपादक: डॉक्टर गिरीश; कार्यकारी संपादक: प्रदीप तिवारी

About The Author

Communist Party of India, U.P. State Council

Get The Latest News

Sign up to receive latest news

फ़ॉलोअर

शुक्रवार, 25 मार्च 2011

प्रगतिशील लेखक संघ के महासचिव कामरेड कमला प्रसाद को भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, उत्तर प्रदेश राज्य परिषद की श्रद्धांजलि


लखनऊ 25 मार्च। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की उत्तर प्रदेश राज्य परिषद प्रगतिशील लेखक संघ के महासचिव कामरेड (डा.) कमला प्रसाद के आकस्मिक निधन पर उन्हें अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करती है। कामरेड कमला प्रसाद का निधन आज सुबह दिल्ली के एम्स में हो गया। वे रक्त कैंसर से पीड़ित थे जिसका पता चन्द दिनों पहले ही हुआ था। उनके निधन का समाचार मिलते ही भाकपा के राज्य कार्यालय पर उनके सम्मान में पार्टी ध्वज को झुका दिया गया।

भाकपा की उत्तर प्रदेश राज्य परिषद की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में भाकपा के राज्य कोषाध्यक्ष एवं ”पार्टी जीवन“ के सम्पादक प्रदीप तिवारी ने कहा कि उनके निधन से प्रगतिशील लेखक आन्दोलन के साथ ही साथ मजदूर-किसान आन्दोलन को जो क्षति हुई है, उसकी भरपाई निकट भविष्य में सम्भव नहीं दिखाई देती।

प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि प्रगतिशील लेखक संघ के महासचिव कामरेड कमला प्रसाद का जन्म 14 फरवरी 1938 को मध्य प्रदेश के सतना जिले में धौरहरा नामक गांव में एक गरीब किसान के घर में हुआ था। उनका बचपन काफी मुश्किल हालातों में गुजरा। उसका जिक्र करते हुए उन्होंने लिखा था कि ”हर दूसरे-तीसरे साल अकाल प़डता। किसानों की हालत बहुत ख़राब रहती। जीना मुश्किल होता। ग़रीबी, बेचैनी, कर्ज का दबाव - ये ऐसे प्रश्न थे जिन पर रात-रात भर चिंताएं और बातचीत चलती। कैसे पटेगा? क्या होगा? यही प्रश्न घूम-घूमकर सामने आ जाते। खूब गुस्सा आता था कि ऐसा क्यों है? दिमाग में बचपन से ही प्रश्नो के जो बीज प़डे उन्होंने मुझे मार्क्सवादी चिंतन अपनाने में ब़डी मदद की।“ इन्हीं जीवन स्थितियों में उनकी मुलाकात विख्यात साहित्यकार हरिशंकर परसाई से हुई और वे प्रगतिशील लेखन आन्दोलन से जुड़ गये।

उन्होंने रीवा विश्वविद्यालय के पहले प्राध्यापक फिर हिन्दी विभाग के विभागाध्यक्ष की हैसियत से शिक्षण को रचनात्मक स्वरूप दिया और ‘अंतर्भारती’ जैसे बहुकला केन्द्र की नींव रखी। उन्होंने उस दौरान बहुमूल्य अकादमिक भूमिका का निर्वाह कर नयी पीढ़ी का सशक्त मार्गदर्शन किया। कमला प्रसाद एम.ए., पी.एच.डी. व सागर विश्वविद्यालय से डी. लिट. थे। दो दिन पहले ही 23 मार्च को उन्हें प्रमोद वर्मा आलोचना सम्मान से सम्मानित करने का निर्णय लिया गया था। उन्हें इसके पूर्व म. प्र. साहित्य अकादमी का नंद दुलारे वाजपेयी पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका था। डा. कमला प्रसाद आधुनिक हिन्दी की प्रगतिशील परंपरा के महत्वपूर्ण और सुप्रसिद्ध आलोचक थें जिनकी साहित्यिक उपस्थिति पूरे हिंदी क्षेत्र में जानी-पहचानी जाती है। उन्होंने आलोचना के अलावा साहित्य के जिन तीन प्रमुख क्षेत्रों - अकादमिक दक्षता, संपादन और संगठनात्मक कौशल में जिस तरह अपना योगदान दिया है वह विशेष रूप उल्लेखनीय और उनके व्यक्तित्व का असाधारण पहलू है। उनके कुशल संयोजन एवं संपादन में निकलने वाली पत्रिका ‘प्रगतिशील वसुधा’ भारतीय मनीषा के लिए एक ज़रूरी पत्रिका के रूप में सिद्ध हुई है। इन सारे और बहुकोणीय क्षेत्रों में सतत् संलग्न रहने के अलावा रचनात्मक लेखन कार्यों में भी वे निरंतर सक्रिय रहे। वे मध्य प्रदेश कला परिषद के निदेशक भी रहे थे और केन्द्रीय हिन्दी संस्थान के उपाध्यक्ष भी। दर्जनों सरकारी-गैर सरकारी कमेटियों, विश्वविद्यालयों की कार्य परिषदों की सदस्यता के साथ देश भर में फैले लेखक समुदाय को उन्होंने एक बार फिर एकताबद्व किया था। वे गैर हिन्दी भाषी लेखकों के भी प्रिय थे और उनके सम्बंध पाकिस्तान, मारीशस, बंगलादेश जैसे अन्यान्य देशों के लेखकों से उनके सम्बंध थे। उन्होंने ‘रचना और आलोचना की द्वंद्वात्मकता’ जैसी सैद्धान्तिक पुस्तक लिखी जिसमें आधुनिक हिन्दी कविता के संदर्भ में रचना और आलोचना के द्वंद्वात्मक सम्बंधों को पहली बार वस्तुपरक ढंग से ब्यौरेवार विचार किया गया।

»»  read more

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के तीन दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का उद्घाटन

लखनऊ 25 मार्च। आज प्रातः 10.00 बजे सौभाग्य मंडप अलीगढ़ में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के तीन दिनों तक चलने वाले शिक्षण शिविर का उद्घाटन सम्पन्न हुआ। इस राज्य स्तरीय शिविर में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के पूरे राज्य से आये पार्टी के नेता और पदाधिकारी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं।

उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता बी. राम ने की। मंच पर राज्य मंत्री डा. गिरीश, अलीगढ़ के जिला मंत्री डा. सुहेव शेरवानी, इम्तियाज अहमद, आशा मिश्रा एवं अरविन्द राज स्वरूप उपस्थित रहे। मंच को उद्घाटनकर्ता अजीज पाशा, सांसद एवं पार्टी के केन्द्रीय शिक्षा विभाग के अध्यापक अनिल राजिमवाले एवं कृष्णा झा ने भी सुशोभित किया। सत्र के प्रारम्भ में ही भाकपा राज्य सचिव डा. गिरीश ने देश के प्रसिद्ध आलोचक, लेखक एवं प्रगतिशील लेखक संघ के महामंत्री डा. कमला प्रसाद के आकस्मिक निधन पर शोक प्रस्ताव पेश किया। उपस्थित सभी भागीदारों ने दो मिनट का मौन रखकर दिवंगत साहित्यकार को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की।

भाकपा अलीगढ़ के मंत्री डा. सुहेव शेनवानी ने उपस्थित सहभागियों का स्वागत करते हुए आज की राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय परिस्थितियों में पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं की राजनैतिक एवं वैचारिक प्रखरता की महती आवश्यकता को रेखांकित करते हुए कहा कि धार्मिक असहिष्णुता एवं जातिवादी उभारों को तेज राजनीतिक धार से ही नकारा जा सकता है और समाज को बेहतर दिशा की ओर ले जाया जा सकता है।

शिक्षण शिविर का उद्घाटन मुख्य अतिथि एवं पार्टी के राष्ट्रीय नेता तथा सांसद अजीज पाशा ने किया। उन्होंने अपने सम्बोधन में कहा कि उत्तर प्रदेश में पार्टी की बड़ी समृद्ध परम्परायें रही हैं। यहाँ पार्टी ने जनता के बड़े-बड़े प्रश्नों को उठाया है। इधर कुछ वर्षों से साम्प्रदायिकता और जातिवाद के असर ने महत्वपूर्ण आर्थिक एवं सामाजिक प्रश्नों को पीछे कर दिया है और लोगों की सोच में बदलाव किया है। पार्टी की कतारों को संघर्ष जारी रखना होगा और संघर्षों को नये ढंग से खड़ा करना होगा ताकि पार्टी की भूमिका नुमाया हो सके। उन्होंने कहा कि पुस्तकें तक लिख दी गयी थीं कि साम्यवाद का भविष्य समाप्त हो चुका है पर लातिन अमरीकी देशों जिनको अमरीका अपना खलिहान समझता था, आज वहां 13 देशों ने अमरीकी पूंजीवाद एवं साम्राज्यवाद को धता बताकर वामपंथी और तरक्की पसंद रूझान की सरकारें बनाई हैं। चीन एवं वियतनाम जैसे देश दुनिया को चकाचौध कर रहे हैं। वियतनाम जैसा छोटा देश चावल के निर्यात करने में नम्बर दो का स्थान हासिल कर लिया है। उन्होंने कहा कि अमरीका की आर्थिक मंदी ने अमरीका एवं यूरोप में कार्ल मार्क्स की लिखित कालजयी पुस्तक ”पूंजी“ में पुनः भारी दिलचस्पी पैदा कर दी है। अतः यह कहना गलत साबित हो चुका है कि साम्यवाद का कोई भविष्य नहीं है। उन्होंने जोर देकर कहा कि देश और दुनिया का भविष्य समाजवाद में ही निहित है। उन्होंने अपने सम्बोधन में केन्द्रीय सरकार की आर्थिक नीतियों का भी विश्लेषण करते हुए कहा कि भ्रष्टाचार उसकी नीतियों में ही निहित है। उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि वे दलितों, आदिवासियों और मुस्लिम अल्पसंख्यकों की आवाज और समस्याओं को उठायें। उन्होंने अरब दुनिया में होने वाले परिवर्तनों की ओर भी ध्यान आकर्षित किया और लीबिया में यूरोप और अमरीका की फौजों की बमबारी को तत्काल रोकने की मांग की। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल और केरल में हो रहे चुनावों में विरोधियों का जबरदस्त टक्कर दी जायेगी।

इस अवसर पर पार्टी के राज्य सचिव डा. गिरीश ने वर्तमान देश और दुनियां की परिस्थितियों को समझने के लिए मार्क्सवाद और लेनिनवाद की प्रासंगिकता को रेखांकित करते हुए कार्यकर्ताओं का आह्वान किया कि वे समाजवाद की रचना के लिए निरन्तर अपने प्रयासों को जारी रखें। ध्वजारोहण अनिल राजिमवाले ने किया।

»»  read more
Share |

लोकप्रिय पोस्ट

कुल पेज दृश्य