भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी का प्रकाशन पार्टी जीवन पाक्षिक वार्षिक मूल्य : 70 रुपये; त्रैवार्षिक : 200 रुपये; आजीवन 1200 रुपये पार्टी के सभी सदस्यों, शुभचिंतको से अनुरोध है कि पार्टी जीवन का सदस्य अवश्य बने संपादक: डॉक्टर गिरीश; कार्यकारी संपादक: प्रदीप तिवारी

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Communist Party of India, U.P. State Council

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सोमवार, 30 सितंबर 2019

U.P. Assembly Bypoll: CPI Declared 5 Candidates


प्रकाशनार्थ
विधान सभा उपचुनाव-
भाकपा ने घोषित किये पांच प्रत्याशी

लखनऊ- 30 सितंबर 2019, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की उत्तर प्रदेश राज्य इकाई ने उत्तर प्रदेश विधान सभा के उपचुनावों में 5 सीटों पर चुनाव लड़ने का फैसला लिया है। पार्टी ने इन सीटों और प्रत्याशियों का चयन भी गत दिन ही कर लिया था।
यहाँ जारी एक प्रेस बयान में भाकपा राज्य सचिव डा॰ गिरीश ने बताया कि घोसी से शेख हिसामुद्दीन, जलालपुर से अनिल कुअंर चौहान, प्रतापगढ़ से निर्भय प्रताप सिंह, बलहा से कोयली प्रसाद गौतम तथा मानिकपुर से जगदीश सिंह पटेल भाकपा के प्रत्याशी होंगे।
डा॰ गिरीश, राज्य सचिव
भाकपा,  उत्तर प्रदेश  

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रविवार, 29 सितंबर 2019

CPI DEMANDS ONE MORE DAY FOR NOMINATION IN ASSEMBLY POLL/ BY POLL



विधान सभा चुनाव/ उपचुनाव-
नामांकन के लिये एक दिन और दिया जाये: भाकपा

लखनऊ- 29 सितंबर 2019, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव मण्डल ने कहाकि निर्वाचन आयोग की कार्य पध्दति से विधान सभा चुनावों/ उपचुनावों में चुनाव लड़ने के बुनियादी अधिकार का हनन होरहा है। इसे तुरंत दुरुस्त करने की आवश्यकता है।
यहां जारी एक प्रेस बयान में भाकपा राज्य सचिव डा॰ गिरीश ने कहाकि आयोग ने कई राज्यों के चुनाव और उपचुनाव हेतु जारी कार्यक्रम में 23 सितंबर से 30 सितंबर तक नामांकन किये जाने की घोषणा की थी जिसमें यह कहीं नहीं कहा गया कि 29 और 30 सितंबर को नामांकन नहीं होंगे। हमें जिलों में अधिकारियों द्वारा ली गयी मीटिंग की जानकारी दी गयी कि वहाँ बताया गया कि रविवार को भी नामांकन और नामांकन संबंधी कार्य होगा।
लेकिन अचानक 28 तारीख को बताया गया कि 29 व 30 सितंबर को छुट्टी रहेगी और न तो नामांकन होंगे न ही नामांकन संबंधी कार्य होगा। इस कार्यवाही से तमाम प्रत्याशी नामांकन की क्लिष्ट प्रक्रिया के चलते उसे पूरी नहीं कर पाये हैं। अब चूंकि नामांकन का एक ही दिन बचा है, और तमाम प्रत्याशी जो 29, 30 की छुट्टी के चलते जरूरी पत्राजात जुटा नहीं पाये नामांकन से वंचित होसकते हैं।
राजनीतिक हल्कों में इस कार्यवाही को शासक दल के पक्ष में बताया जारहा है जिसके प्रत्याशियों के लिये पत्राजात कभी भी जुटाना कठिन नहीं है।
अतएव, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की उत्तर प्रदेश राज्य इकाई मांग करती है कि दिनांक- 30 सितंबर को देर शाम तक और 1 अक्तूबर को भी सुबह नामांकन पत्रों की जांच से पहले दो घंटे नामांकन पत्र ग्रहण किये जायें। इसके लिये जरूरी आदेश फौरन जारी किये जायें ताकि नामांकन करने और चुनाव लड़ने के इच्छुक कम साधन संपन्न लोग भी इससे वंचित न होसकें।
डा॰ गिरीश, राज्य सचिव
भाकपा,  उत्तर प्रदेश  

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गुरुवार, 19 सितंबर 2019

Emergency like conditions are in U.P.


उत्तर प्रदेश में हिन्दुत्व के नाम पर चल रहा है राक्षसराज
जनता और लोकतन्त्र को कुचलने की साजिश को कामयाब नहीं होने देगी भाकपा
लखनऊ 19 सितंबर 2019, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव मण्डल ने कहाकि उत्तर प्रदेश में हिन्दुत्व के नाम पर राक्षसराज चल रहा है। एक ओर शासकदल और आरएसएस के लोग खुले आम कानून हाथ में ले अत्याचार बरपा रहे हैं, वहीं विपक्ष की आवाज को बन्द करने को हर नाजायज कदम उठाया जरहा है।
भाकपा ने इस बात पर गहरा आश्चर्य और रोष प्रकट किया कि कोर्ट और एसआईटी के समक्ष पीड़िता द्वारा बयान दर्ज कराये जाने के बावजूद न तो संघी साधु चिन्मयानन्द के खिलाफ अभी तक एफआईआर दर्ज हुयी है और न अभी तक उसे गिरफ्तार किया गया है।
शासन प्रशासन के इस दोगलेपन के चलते उत्तर प्रदेश में दुधुमुंही बच्चियों तक के साथ दुष्कर्म की शर्मनाक वारदातें होरही हैं। महिलाओं पर यौन हिंसा की वारदातों का कहर टूट रहा है।  अल्पसंख्यकों का हुलिया देख भगवा गुंडे उन पर हमले बोल रहे हैं। हरदोई में दलित नौजवान को जिंदा जला दिया जाता है और सरकार मौन साधे बैठी रहती है। यह लव जेहाद पार्ट-2 है जिसकी जद में अब दलित भी आगये हैं। अपराधी सरेआम हत्या लूट जैसे जघन्य अपराधों को अंजाम देरहे हैं। लोगों को भयग्रस्त बनाये रखने को भीड़ हिंसा जारी है।
कानून व्यवस्था की इस हालत, बिजली की कीमतों में भारी बढ़ोत्तरी, वाहनों पर भारी जुर्माना वसूली, डीजल पेट्रौल की हर रोज बढ़ रही कीमतों, सुरसा के बदन की तरह पैर पसार रही महंगाई, जर्जर आर्थिक हालातों में किसानों की आत्महत्यायें और आर्थिक मंदी का विरोध करने और जमीन- मकानों पर कब्जों से पीढ़ित गरीबों द्वारा न्याय मांगने पर उन्हें कानून के शिकंजों में कसा जारहा है। प्रतिरोध की आवाज उठाने को हर हथकंडा अपनाया जारहा है।
भाकपा राज्य सचिव डा॰ गिरीश ने कहा कि गत दिनों पीलीभीत जिले में न्याय पाने को भूख हड़ताल पर बैठे भाकपा के कार्यकर्ता को संगीन धाराओं में जेल भेज दिया। जालौन जिले के उरई में बिजली की बड़ी दरों और वाहनों पर जुर्माना बसूली के खिलाफ लोकतान्त्रिक तरीके से आंदोलन कर रहे भाकपा कार्यकर्ताओं पर भाजपा के दबाव में बलवा करने जैसी दफाओं में मुकदमा दर्ज कर दिया गया। राज्यपाल के आगमन पर आज फैजाबाद में वामपंथी दलों के कार्यकर्ताओं को घरों में निरुध्द कर दिया।
सपा नेता आजम खां पर आज तक 83 मुकदमे दर्ज करा दिये गये। बदले की भावना और शिक्षा को मिटाने के उद्देश्य से की गयी इस कार्यवाही की भाकपा कड़े शब्दों में निन्दा करती है। यह सरकार ऐसे दरोगा के रूप में काम कर रही जो अपने क्षेत्र में गुंडे मबालियों को खुली छूट देता है और इसका विरोध करने वालों को सींखचों के पीछे पहुंचा देता है।
भाकपा को इस बात का भी अफसोस है कि उत्तर प्रदेश में जनाधार वाले विपक्षी दल या तो भयवश भाजपा के समक्ष सरेंडर कर चुके हैं या विरोध से कतरा रहे हैं। इससे निर्भय बनी सरकार लोकतन्त्र का गला घौंट रही है और उत्तर प्रदेश असहनीय आपातकाल के दौर से गुजर रहा है।
भाकपा राज्य सचिव ने सरकार को चेतावनी दी कि सरकार के तीखे हमलों से आम जन की रक्षा के लिए भाकपा आवाज उठाती रहेगी। सरकार को चेतावनी दी कि वह हिन्दुत्व की आड़ में जनता के बड़े हिस्सों पर तानाशाही लादने वाले क्रत्यों को विराम दे।
डा॰ गिरीश, राज्य सचिव
भाकपा, उत्तर प्रदेश

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बुधवार, 11 सितंबर 2019

CPI Protested against power price hike


बिजली की बड़ी दरों के खिलाफ भाकपा ने जिलों में विरोध प्रदर्शन आयोजित किये
लखनऊ- 11 सितंबर 2019, उत्तर प्रदेश की योगी सरकार द्वारा 21 महीनो के भीतर दूसरी बार की गयी बिजली की कीमतों में 12 प्रतिशत की असहनीय व्रद्धि के खिलाफ भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने आज समूचे उत्तर प्रदेश में जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन कर उन्हें वापस लेने की मांग की।  
भाकपा ने इस व्रद्धि के खिलाफ 4 सितंबर से ही विरोध दर्ज कराना शुरू कर दिया था जिसके तहत सरकार के पुतले जलाए गए, सभाएं की गईं और जनजागरण चलाया गया।  
यहां जारी एक प्रेस बयान में भाकपा के राज्य सचिव डा॰ गिरीश ने कहाकि राज्य विधानसभा और लोकसभा चुनावों में भाजपा को भारी बहुमत प्रदान करने की सजा उत्तर प्रदेश की जनता को दी जा रही है। एक ओर दिल्ली की केजरीवाल सरकार मुफ्त समान रेट पर बिजली देरही है वहीं उत्तर प्रदेश की सरकार जनता को बड़ी कीमतों के बोझ तले दबाये देरही है।
आने वाले कल से लागू होने जारही विद्युत दर व्रद्धि के द्वारा गरीब, मध्य और उच्च सभी तबकों को आहत किया गया है। खेती और लघु उद्योग तक इसके दायरे में आगाए हैं। पहले से ही महंगाई और आर्थिक मंदी से पीड़ित जनता को सरकार ने यह करारा झटका दिया है।
इससे पहले प्रदेश सरकार ने डीजल और पेट्रौल पर वैट बढ़ा कर उनकी कीमतें बढ़ा दीं। अभी हाल में केन्द्र सरकार ने रसोई गैस की कीमतें बढ़ा दीं। अब राज्य सरकार डीजल वाहनों की टैक्स दर बढ़ाने जारही है। आवागमन के साधनों पर तमाम टैक्सों के बावजूद अधिकतर मार्गों पर टोल टैक्स वसूला जारहा है। अब नये मोटर वाहन कानून के तहत लोगों से भारी जुर्माना वसूला जारहा है। अपने ही नागरिकों को दोनों हाथों से लूटा जारहा है। इससे आम जन त्राहि त्राहि कर रहा है।  
लूट खसोट और भ्रष्टाचार में लिप्त तथा फासीवाद की राह पर चल रही इस सरकार ने प्रतिरोध की आवाज दबाने का अभियान छेड़ रखा है। मध्यान्ह भोजन में नमक के साथ रोटी परोसने का वीडियो जारी करने वाले मिर्जापुर के पत्रकार के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। इससे पूर्व भी कई मीडियाकर्मियों को प्रताड़ित किया गया। आज भी यह उत्पीड़न जारी है।
डा॰ गिरीश ने कहा कि भाजपा दोगलेपन की राजनीति करती है। उत्तर प्रदेश में उसकी सरकार ने बिजली की कीमतें बढ़ा कर आम जनता की कमर तोड़ कर रख दी है तो वहीं पश्चिम बंगाल में इसी सवाल पर भाजपा उपद्रव कर रही है।
भाकपा राज्य काउंसिल द्वारा लिए गये निर्णय के तहत आज उपरोक्त सवालों पर जिलों में प्रदर्शन कर राष्ट्रपति और राज्यपाल के नाम ज्ञापन दिये गये।
राज्य कार्यालय को प्राप्त सूचना के अनुसार आज सोनभद्र में जिलाधिकारी कार्यालय पर प्रदर्शन किया गया तो शाहजहाँपुर में धरना दिया गया। आजमगढ़ में कलक्ट्रेट स्थित धरनास्थल ( तांगा स्टेंड ) पर धरना दिया गया तो हरदोई में सिनेमा चौराहे से जुलूस निकाला गया। बाराबंकी में गांधी भवन से कलक्ट्रेट तक जुलूस निकाला गया तो गाजियाबाद में धरना दिया गया। फैजाबाद में भी प्रदर्शन का आयोजन किया गया।
गाजीपुर में सरयू पाण्डेय पार्क में धरना दिया गया। बरेली में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने जिलाधिकारी कार्यालय पर प्रदर्शन किया तो फरुखाबाद की कायमगंज तहसील पर प्रदर्शन किया गया। कानपुर महानगर में फूलबाग में धरना दिया गया तो कानपुर देहात में ज्ञापन दिया गया। शामली में जिलाधिकारी को ज्ञापन दिया गया तो अलीगढ़ में रेलवे स्टेशन के समक्ष पुतला फूंका गया। हाथरस में एसडीएम सदर को ज्ञापन सौंपा गया।
इलाहाबाद में कलक्ट्रेट पर धरने का आयोजन किया गया तो जनपद फ़तेहपुर के खागा नगर में जुलूस निकाल कर तहसील पर ज्ञापन दिया गया। बांदा में जिलाधिकारी कार्यालय पर प्रदर्शन किया गया तो चित्रकूट में पार्टी कार्यालय से तहसील तक जुलूस निकाला गया। रायबरेली में जिलाधिकारी कार्यालय पर धरना दिया गया तो कौशांबी में ज्ञापन दिया गया। भदोही में बिजली घर को घेरा गया।
गोंडा में जिला कलक्ट्रेट पर धरना दिया गया तो बहराइच में भी कलक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया गया। कुशीनगर में जुलूस निकाला गया तो गोरखपुर में भी प्रदर्शन किया गया। पीलीभीत की पूरन पुर तहसील में धरना दिया गया।
शेष जिलों से अभी समाचार मिलना शेष है। मथुरा में आज प्रधानमंत्री के कार्यक्रम के चलते लगी पाबंदियों की वजह से आज की जगह कल प्रदर्शन होगा।
भाकपा राज्य सचिव डा॰ गिरीश ने कहा यह आंदोलन आगे भी जारी रहेगा। भाकपा की जिला कमेटियाँ योजना बना कर इन सवालों को जनता के बीच लेजाएंगी।
डा॰ गिरीश, राज्य सचिव
भाकपा, उत्तर प्रदेश

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बुधवार, 4 सितंबर 2019

Protest started against power price hike: CPI, U.P.


बिजली की बड़ी दरों के खिलाफ भाकपा का प्रतिरोध प्रदर्शन शुरू
11 सितंबर को जिला मुख्यालयों पर होगा आंदोलन
लखनऊ- 4 सितंबर 2019, उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा बिजली की कीमतों में की गयी 12 प्रतिशत की असहनीय व्रद्धि की कठोर शब्दों में भर्त्सना की है। योगी सरकार द्वारा गत 21 माहों में यह दूसरी बड़ी व्रद्धि है।
भाकपा ने इस व्रद्धि के खिलाफ आज से ही विरोध दर्ज कराना शुरू कर दिया है और 11 सितंबर को प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर धरने प्रदर्शन करने का निर्णय लिया है।
यहां जारी एक प्रेस बयान में भाकपा के राज्य सचिव डा॰ गिरीश ने कहाकि राज्य विधानसभा और लोकसभा चुनावों में भाजपा को भारी बहुमत प्रदान करने की सजा उत्तर प्रदेश की जनता को दी जा रही है। एक ओर दिल्ली की केजरीवाल सरकार मुफ्त बिजली देरही है वहीं उत्तर प्रदेश की सरकार जनता को बड़ी कीमतों के बोझ तले दबाये देरही है।
12 सितंबर से लागू होने जारही विद्युत दर व्रद्धि के द्वारा गरीब, मध्य और उच्च सभी तबकों को आहत किया गया है। पहले से ही महंगाई और आर्थिक मंदी से पीड़ित जनता को सरकार ने यह करारा झटका दिया है।
इससे पहले प्रदेश सरकार ने डीजल और पेट्रौल पर वैट बढ़ा कर उनकी कीमतें बढ़ा दीं। अभी हाल में केन्द्र सरकार ने रसोई गैस की कीमतें बढ़ा दीं। अब राज्य सरकार डीजल वाहनों की टैक्स दर बढ़ाने जारही है। आवागमन के साधनों पर तमाम टैक्सों के बावजूद अधिकतर मार्गों पर टोल टैक्स वसूला जारहा है। नये मोटर वाहन कानून के तहत भारी जुर्माना लगाया जारहा है। केन्द्र और उत्तर प्रदेश सरकार के इन कोड़ों की मार से हर आदमी लहूलुहान महसूस कर रहा है।
लूट खसोट और भ्रष्टाचार में लिप्त तथा फासीवाद की राह पर चल रही इस सरकार ने प्रतिरोध की आवाज दबाने का अभियान छेड़ रखा है। मध्यान्ह भोजन में नमक के साथ रोटी परोसने का वीडियो जारी करने वाले मिर्जापुर के पत्रकार के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। इससे पूर्व भी कई मीडियाकर्मियों को प्रताड़ित किया है।
प्रमुख रूप से बिजली की बड़ी दरें वापस लेने की मांग और महंगाई बढ़ाने वाले इन सारे कदमों पर प्रतिरोध दर्ज कराने को भाकपा राज्य काउंसिल ने 11 सितंबर को जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन करने का निर्णय लिया है। स्थानीय स्तर पर प्रतिरोध दर्ज कराने का क्रम आज से ही शुरू कर दिया गया है।
भाकपा ने सभी जन हितैषी ताकतों से इन प्रतिरोध प्रदर्शनों को सहयोग प्रदान करने और उनमें भागीदारी की अपील की है।
डा॰ गिरीश, राज्य सचिव
भाकपा, उत्तर प्रदेश

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मंगलवार, 3 सितंबर 2019

CPI condemned FIR against journalist in Mirzapur


मिर्जापुर में मीडियाकर्मी के विरूध्द एफआईआर दर्ज किये जाने की भाकपा ने निन्दा की


 लखनऊ- 3, सितंबर 2019, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव मण्डल ने मिर्जापुर जनपद में मिड डे मील में बच्चों को नमक रोटी खिलाये जाने का खुलासा करने वाले पत्रकार पर केस दर्ज किए जाने की कड़े से कड़े शब्दों में निन्दा की है।
भाकपा ने इस कदम को अभिव्यक्ति की स्वतन्त्रता पर हमला बताते हुये पत्रकार पर लगाए गये मुकदमे को तत्काल वापस लेने की मांग की है।
यहाँ जारी एक प्रेस बयान में भाकपा राज्य सचिव डा॰ गिरीश ने कहा कि भारी बहुमत हासिल कर लेने के बाद भाजपा सरकारें मगरूर होगायी हैं। अब वे समाज के प्रत्येक तबके पर हमलावर होरही हैं। विरोध के उठ रहे स्वरों को दबाने के लिए अब उन्होने पत्रकारों को भी आतंकित करना शुरू कर दिया है। अभी हाल में विपक्षी दलों के नेताओं के जम्मू- कश्मीर दौरे की कबरेज करने गये मीडियाकर्मियों को श्रीनगर हवाई अड्डे पर पीटा गया। देश के अन्य भागों में कई जगह मीडियाकर्मियों कि हत्यायेँ तक हुयी हैं। गौरी लंकेश की हत्या की यादें अब भी सिहरन पैदा कर देती हैं।
डा॰ गिरीश ने कहाकि मीडियाकर्मियों की आवाज दबाने के खिलाफ चल रही इस जंग में वह उनके पूरी तरह साथ है।

डा॰ गिरीश, राज्य सचिव

भाकपा , उत्तर प्रदेश


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