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रविवार, 24 जुलाई 2022

हाथरस: कांबड़ियों की मौत- भाकपा राज्य सचिव ने घटनास्थल का दौरा किया


कांबड़ियों की मौत प्रशासनिक अव्यवस्थाओं का परिणाम: भाकपा

आस्थावानों को उकसा कर उन्हें राम भरोसे छोड़ देती है सरकार

लखनऊ- 24 जुलाई,2022, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव डा॰ गिरीश आज हाथरस जनपद के थाना- सादाबाद अंतर्गत अलीगढ़- आगरा मार्ग पर ग्राम बढ़ार के निकट उस स्थल पर पहुंचे जहां 22/ 23 जुलाई की मध्यरात्रि को एक डंफर ने कांबड़ियों के एक जत्थे को कुचल दिया था। इस दर्दनाक हादसे में ग्वालियर जनपद के पाँच कांबड़ियों ने घटनास्थल पर ही दम तोड़ दिया था, एक अन्य की अस्पताल में मौत होगयी और कई अन्य गंभीर रूप से घायल हैं।

डा॰ गिरीश ने घटनास्थल का गहनता से निरीक्षण किया, मौके पर मौजूद कई प्रत्यक्षदर्शियों से वार्ता की और घटना के बाद की जा रही कथित और खोखली सुरक्षा व्यवस्थाओं का जायजा लिया। प्रशासन ने यद्यपि घटनास्थल के अधिकांश सबूत हटा दिये हैं लेकिन पसरे पड़े खून के धब्बे और बिखरी पड़ी धार्मिक सामग्री घटना की वीभत्स कहानी आज भी बयां कर रहे हैं।

यहाँ जारी एक प्रेस बयान में भाकपा राज्य सचिव ने 6 शिव भक्तों की दर्दनाक मौत पर गहरा दुख जताया और शोक संतप्त उनके परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की। भाकपा ने प्रत्येक म्रतक के परिवार को रुपये 50 लाख का मुआबजा दिये जाने तथा गंभीर रूप से घायलों को रुपये 10 लाख दिये जाने की मांग की है। समूचे प्रकरण और अव्यवस्थाओं की उच्चस्तरीय जांच कराने और ज़िम्मेदारी मुकर्रिर कर दंडित किए जाने की मांग की है।

डा॰ गिरीश ने आरोप लगाया कि इस घटना से पहले जनपद में प्रशासन ने सुरक्षा संबंधी कोई कदम नहीं उठाये। 15 जुलाई को भी जनपद में हुयी एक दुर्घटना में दो काबड़िए दुर्घटना में घायल हुये थे लेकिन प्रशासन मगरूर बना रहा। कल की दुर्घटना के बाद प्रशासन ने बदहवाशी में जो कथित वैरीकेडिंग कराई और वो उखड़ भी गयी। गांव मीतई पर उखड़ी पड़ी वैरीकेडिंग के फोटो उनके पास हैं, डा॰ गिरीश ने दावा किया है।

डा॰ गिरीश ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार और भाजपा राजनैतिक उद्देश्यों से कांबड़ियों को भीड़ बना कर निकल पड़ने को उकसाती है। वह दलित पिछड़े और अन्य बेरोजगार युवाओं को अपनी वोट की राजनीति का ईंधन बनाती है। उन पर हेलिकॉप्टरों से फूल वर्षा कराती है और तमाम सुरक्षा व्यवस्थाएं करने के दाबे करती है। लेकिन सुरक्षा व्यवस्थाएं की नहीं जातीं। फलतः हर वर्ष दर्जनों कांबड़िए जान से हाथ धो बैठते हैं और दुर्घटनाओं की प्रतिक्रिया में वाहन और अन्य संपत्तियों को नष्ट कर दिया जाता है। एक एक शिव भक्त दसियों हजार खर्च कर बैठता है और व्यापारी उनसे खूब लाभ उठाते हैं।

आज ही अखबारों में प्रकाशित यह खबर झकझोरने वाली है कि मुख्यमंत्री जी के आदेश पर मेरठ और सहारनपुर मंडल में कांबड़ियों पर हेलीकोप्टर्स से फूल वर्षा की जायेगी। प्रदेश में लगभग दर्जन भर कांबड़ियों की मौत के बावजूद ये जश्न उस सरकार के लिए शर्म की बात है, जो हिंदूवादी होने का दावा करती है। भाकपा दुख की इस घड़ी में पुष्पवर्षा के इस जश्न को तत्काल रद्द करने की मांग करती है।

भाकपा ने कहा कि अधिकतर दुर्घटनाएँ रात्रि में घटित होती हैं, अतएव रात में या तो कांबड़ यात्रा बंद रखी जाये या फिर वाहन चालन रोका जाये। सबसे महत्वपूर्ण है कि शासक दल को अपने निहित राजनैतिक स्वार्थों के लिये शिव भक्तों की आस्था के दोहन से बाज आना चाहिए। प्रबुध्द लोग अच्छी तरह जानते हैं कि शासक वर्ग इन आस्थापर्वों को उत्साहित कर महंगाई बेरोजगारी भ्रष्टाचार और अराजकता जैसे मुद्दों से आमजनों का ध्यान बँटाना चाहते हैं।

इस विजिट में डा॰ गिरीश के साथ का॰ नाहर सिंह, हिमांशु एवं मोहम्मद नासिर साथ थे।

डा॰ गिरीश, राज्य सचिव

भाकपा, उत्तर प्रदेश    

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