भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी का प्रकाशन पार्टी जीवन पाक्षिक वार्षिक मूल्य : 70 रुपये; त्रैवार्षिक : 200 रुपये; आजीवन 1200 रुपये पार्टी के सभी सदस्यों, शुभचिंतको से अनुरोध है कि पार्टी जीवन का सदस्य अवश्य बने संपादक: डॉक्टर गिरीश; कार्यकारी संपादक: प्रदीप तिवारी

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Communist Party of India, U.P. State Council

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गुरुवार, 31 मार्च 2016

कन्हैया कुमार तथा एआईएसएफ के अन्य नेताओं को धमकी देने वालों को गिरफ्तार करे उत्तर प्रदेश सरकार: भाकपा ने मांग की.

लखनऊ- 31 मार्च 2016- भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव मंडल ने जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार एवं आल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन के अन्य नेताओं को जान से मारने की धमकी दिये जाने, उनकी जीभ काटने और गर्दन रेतने की धमकी दिये जाने, कन्हैया कुमार को अलीगढ अथवा यू. पी. में घुसने पर परिणाम भुगतने की धमकी दिये जाने तथा मीडिया के कतिपय हिस्सों में छप रहे बयानों और समाचारों में कन्हैया कुमार को बार बार देशद्रोही कहे जाने की कार्यवाहियों की कडे से कडे शब्दों में निंदा की है. भाकपा ने कल अलीगढ नगर निगम बोर्ड की बैठक में भाजपा के सभासदों द्वारा राष्ट्रगान और संविधान का अपमान किये जाने की भी भर्त्सना की है. भाकपा ने राज्य सरकार से मांग की है कि वे इन कुकृत्यों में लिप्त अपराधिक तत्वों और कथित देशभक्तों के खिलाफ माकूल दफाओं में अभियोग दर्ज कर इन्हें जेल के सींखचों के पीछे पहुंचाये. भाकपा के राज्य सचिव मंडल की ओर से यहाँ जारी एक बयान में पार्टी के राज्य सचिव डा. गिरीश ने कहा कि अभी मेरठ के अमित जानी नामक शख्स ने जिसने विगत वर्ष सुश्री मायावती की प्रतिमाओं को क्षति पहुंचाई थी, कन्हैया कुमार और उमर खालिद को जान से मारने की धमकी दी है. भाकपा ने इसका संज्ञान लेते हुये राज्य सरकार से लिखित शिकायत कर उसे गिरफ्तार करने की मांग की है. कुछ लोगों ने ट्विटर के जरिये कन्हैया कुमार एवं एआईएसएफ के अध्यक्ष वलीउल्लाह खादरी को धमकी दी है कि यदि उन्होने उत्तर प्रदेश में प्रवेश किया तो उनकी गर्दन काट दी जायेगी. अलीगढ के कुछ भगवा संगठन भी कन्हैया कुमार के अलीगढ आगमन को लेकर आपत्तिजनक और अशांति पैदा करने वाली बयानवाजी कर रहे हैं. बदायूं के एक कुलदीप वार्ष्णेय नामक तत्व जिसने कन्हैया कुमार की जीभ काटने वाले को पांच लाख का इनाम देने की घोषणा की थी, वह भी जगह जगह जाति की सभाओं में पहुंच कर विष वमन कर रहा है. डा. गिरीश ने उत्तर प्रदेश में छप रहे और वितरित होरहे कुछ समाचार पत्रों पर आरोप लगाया कि वे भाकपा, एआईएसएफ और कन्हैया कुमार की छवि धूमिल करने को जान बूझ कर लगातार कन्हैया कुमार को देश द्रोही लिख रहे हैं. ऐसे समाचार पत्रों पर प्रेस काउंसिल और सरकार को कानून सम्मत कार्यवाही करनी चाहिये. कल अलीगढ नगर निगम की बैठक में भाजपा के सभासदों द्वारा राष्ट्रगान की गरिमा तार तार करने पर गहरा अफसोस जताते हुये भाकपा राज्य सचिव ने कहा कि भगवा गिरोह खुद नित रोज राष्ट्रगान, तिरंगा ध्वज और राष्ट्रीय मर्यादाओं को तहस नहस कर रहा है. किसी भी नागरिक के लिये बर्दाश्त के बाहर है. दूसरों पर झूठे देशद्रोह के आरोप लगाने वाले संघ परिवार की कथनी और करनी साफ जाहिर होगयी है. राज्य सरकार को इस संविधान विरोधी कृत्य के खिलाफ शीघ्र कडी कार्यवाही करनी चाहिये. भाकपा राज्य सचिव ने आशा जताई है कि उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था, शांति व्यवस्था और जनतांत्रिक गतिविधियों को बनाये और बचाये रखने को वह स्वत: संज्ञान लेते हुये राज्य सरकार कडी से कडी कार्यवाही करे. डा. गिरीश,
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मंगलवार, 29 मार्च 2016

उत्तराखंड सरकार की बर्खास्तगी की विपक्षी दलों ने निंदा की

हाथरस: 29 मार्च, जनपद के कई राजनैतिक दलों के पदाधिकारियों की एक बैठक भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव डा. गिरीश की अध्यक्षता में उन्हीं के आवास पर संपन्न हुयी. बैठक में केंद्र सरकार द्वारा उत्तराखंड की निर्वाचित सरकार को बर्खास्त कर वहाँ राष्ट्रपति शासन लगाये जाने की कडे से कडे शब्दों में निंदा की गयी और भाजपा सरकार के इस कदम को संविधान विरोधी और लोकतंत्र पर बडा हमला बताया गया. बैठक को संबोधित करते हुये भाकपा के राज्य सचिव डा. गिरीश ने कहाकि बहुमत साबित करने की तिथि से एक दिन पूर्व षड्यंत्र के तहत उत्तराखंड की सरकार को बर्खास्त किया जाना कहीं से भी उचित नहीं ठहराया जा सकता, क्योंकि एस.आर. बोम्मई प्रकरण में माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने स्पष्ट निर्देश दिया है कि बहुमत साबित करने की जगह सदन/ विधान सभा है ना कि राष्ट्रपति भवन अथवा राजभवन. लेकिन सत्ता की भूख में भाजपा सारी लोकतांत्रिक परंपराओं और मर्यादाओं का हनन करने पर आमादा है. डा. गिरीश ने कहाकि केंद्र सरकार अपने जनविरोधी कार्यों और वायदा खिलाफी के चलते जनता और मतदाताओं का पूरी तरह विश्वास खो बैठी है और दिल्ली तथा बिहार विधान सभा के चुनावों में उसे करारी पराजय का सामना करना पडा था. आगामी पांच राज्यों के विधान सभा चुनावों में भी उसकी करारी हार के लक्षण साफ नजर आने लगे हैं. वोट के जरिये सत्ता हासिल न कर पाने में विफल भाजपा अब सत्ता हरण के लिये तमाम अनैतिक हथकंडे अपना रही है. पहले उसने अरुणांचल में सत्ता हरण का घृणित खेल खेला और अब वही खेल उत्तराखंड में खेला जा रहा है. अगर इसका माकूल जबाव नहीं दिया गया तो विपक्ष की एक एक राज्य सरकार को हडपने की कोशिश की जायेगी. बैठक में सहमति बनी कि जल्दी ही दोबारा बैठक कर आगे की रणनीति तैयार की जायेगी. " लोक तंत्र बचाओ, संविधान बचाओ," "संविधान बचाओ, देश बचाओ" के उद्घोष के साथ अभियान चलाया जायेगा. बैठक में राष्ट्रीय लोक दल के जिलाध्यक्ष चौधरी रमेश ठैनुआं व मनोज चौधरी, कांग्रेस के जिलाध्यक्ष करुणेश मोहन दीक्षित व नगर अध्यक्ष चन्द्रगुप्त विक्रमादित्य, समाजवादी पार्टी के जिला सचिव गौरीशंकर बघेल व अभयपाल सिंह तथा भाकपा के जिला सचिव का. चरनसिंह बघेल व सहसचिव सत्यपाल रावल आदि ने भी विचार व्यक्त किये. डा. गिरीश
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बुधवार, 16 मार्च 2016

जेएनयू प्रकरण और वामपंथ पर किये जा रहे हमलों को जनता के बीच ले जायेगी भाकपा

लखनऊ 16 मार्च। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की राज्य कौंसिल की दो दिवसीय बैठक आज यहां सम्पन्न हुई। बैठक की अध्यक्षता सेवानिवृत्त अपर जिलाधिकारी का. बी. राम ने की।
बैठक में जेएनयू प्रकरण और उसके बाद के हालात, मुजफ्फरनगर दंगों की रिपोर्ट, आरक्षण आन्दोलन, रेल तथा आम बजट आदि राष्ट्रीय सवालों और उत्तर प्रदेश के हालातों पर विस्तार से चर्चा हुई।
चर्चा के बाद भाकपा ने अपने आगे के कामों का निरूपण भी किया। संघ परिवार द्वारा लादी जा रही तानाशाही और साम्प्रदायिकता का पूरी शिद्दत से जवाब देने के लिए शहीदे आजम भगत सिंह के बलिदान दिवस (23 मार्च) और डा. भीम राव अम्बेडकर के जन्म दिवस (14 अप्रैल) को समर्पित कार्यक्रम 20 मार्च से 20 अप्रैल तक सघन तरीके से चलाने का निर्णय लिया गया। इस अवसर पर ”संविधान की प्रस्तावना लागू करो“ और ”वर्गविहीन और जातिविहीन समाज का निर्माण और डा. अम्बेडकर“ विषय पर विचारगोष्ठियां आयोजित की जायेंगी। पूरे माह सभायें, नुक्कड़ सभायें, पर्चा वितरण करके कम्युनिस्टों और वामपंथी दलों को बदनाम करने की संघ परिवार की साजिश को बेनकाब किया जायेगा और अभिव्यक्ति की आजादी पर हमलों का जवाब दिया जायेगा। जिला कमेटियों से अनुरोध किया गया है कि वे इन आयोजनों में वामपंथी दलों के अतिरिक्त अन्य जनवादी ताकतों को जोड़ने का भी प्रयास करें।
रेल बजट, आम बजट और सरकार की नीतियों को पूरी तरह से कारपोरेट घरानों के अनुकूल और देश के बहुमत किसानों, मजदूरों, दलितों और अल्पसंख्यकों के प्रतिकूल बताते हुए पार्टी ने इस बात पर आश्चर्य प्रकट किया है कि विजय माल्या जैसे जनता के धन को लूटने वाले लोग देश छोड़ कर भाग जाते हैं और सरकार कुछ भी नहीं कर पाती है। भाकपा ने विजय माल्या को जल्दी से जल्दी देश में वापस लाने, उनकी समस्त परिसम्पत्तियों को जब्त करने और उन पर अभियोग चलाने की मांग की है तथा चेतावनी दी है कि धनिक वर्ग को लाभ पहुंचाने के लिए गरीबों के हितों पर कुल्हाड़ा चलाने से सरकार बाज आये। भाकपा इस दिशा में शीघ्र ही एक बड़े आन्दोलन की रूपरेखा बनाने जा रही है।
भाकपा की राज्य कौंसिल बैठक में भावी विधान सभा चुनावों की तैयारियों पर भी चर्चा की गयी और जिलों को निर्देश दिया गया कि वे लड़ने योग्य सीटों को तय करके सूची राज्य केन्द्र को शीघ्र से शीघ्र प्रेषित करें।
बैठक में 1 मई से 10 मई तक जनता से धन संग्रह अभियान चलाने का निर्णय भी लिया गया।
बैठक में राजनैतिक और कार्यों सम्बंधी रिपोर्ट राज्य सचिव डा. गिरीश ने प्रस्तुत की जिस पर 35 साथियों ने चर्चा में भाग लिया।
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