भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी का प्रकाशन पार्टी जीवन पाक्षिक वार्षिक मूल्य : 70 रुपये; त्रैवार्षिक : 200 रुपये; आजीवन 1200 रुपये पार्टी के सभी सदस्यों, शुभचिंतको से अनुरोध है कि पार्टी जीवन का सदस्य अवश्य बने संपादक: डॉक्टर गिरीश; कार्यकारी संपादक: प्रदीप तिवारी

About The Author

Communist Party of India, U.P. State Council

Get The Latest News

Sign up to receive latest news

फ़ॉलोअर

सोमवार, 28 मार्च 2022

भाकपा, उत्तर प्रदेश की राज्य काउंसिल की दो दिवसीय बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गये


भाजपा सरकार के जनविरोधी कार्यों और कुटिल चालों के खिलाफ अभियान जारी रखेगी भाकपा

लखनऊ- 28 मार्च, 2022- यहां संपन्न भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की राज्य काउंसिल की दो दिवसीय बैठक में अंतर्राष्ट्रीय, राष्ट्रीय एवं उत्तर प्रदेश की मौजूदा राजनैतिक, आर्थिक एवं सामाजिक स्थितियों पर चर्चा हुयी, उत्तर प्रदेश विधान सभा के चुनाव परिणामों की गहन समीक्षा की गयी और निकट भविष्य के सांगठानिक एवं सामाजिक अभियानों की रूपरेखा तैयार की गयी।

भाकपा राज्य काउंसिल का निष्कर्ष है कि चुनाव परिणामों के आने के बाद से सत्ता, सत्ताधारियों और उनके संरक्षित प्रभुत्व वर्ग ने आम जन और कमजोर तबकों पर तीखे हमले बोल दिये हैं; और आगामी दिनों में ये हमले और तेज हो सकते हैं। यह भी नोटिस लिया गया कि सरकार ने गरीबों के लिये मुफ्त खाद्यान्न देने की योजना को आगे बढ़ा कर यह मान लिया है कि वह अपने शासन के सात साल में गरीबों को गरीबी से उबारने में असमर्थ रही है और आगे भी गरीबी हटाने के लिये उसके पास कोई ठोस नीति या कार्यक्रम नहीं है। स्पष्ट है कि गरीबी हटाने के बजाय वह इस खैरात के जरिये गरीबों को अपना वोट बैंक बनाए रखना चाहती है। भाजपा सरकार के जन विरोधी क्रत्यों और कुटिल चालों को उजागर करते हुये भाकपा अपना अभियान जारी रखेगी।

उत्तर प्रदेश चुनाव परिणामों के बारे में भाकपा का मत है कि विपक्ष के विखराब, भाजपा को ज्वलंत मुद्दों पर घेरने के बजाय जातीय और सांप्रदायिक गोलबंदी आधारित उसका चुनाव अभियान, किसान आंदोलन की ताकतों खास कर वामपंथी ताकतों को भाजपा विरोधी गोलबंदी से बाहर रखना तथा विपक्षी नेत्रत्व की भयग्रस्तता और बोनापन आदि के चलते जनता की तमाम नाराजगी के बावजूद भाजपा गठबंधन परिपूर्ण बहुमत हासिल करने में कामयाब रहा। सत्ताबल, धनबल और माफियातन्त्र का भी भाजपा ने भरपूर दोहन किया। दो गठबंधनों के बीच हुये तीव्र ध्रुवीकरण से दोनों गठबंधनों को तो लाभ मिला, लेकिन बहुमत जनता जो भाजपा को हराना चाहती थी, अपने को ठगा हुआ महसूस कर रही है।

भाकपा ने धन के अभाव के बावजूद पूरे मनोबल के साथ 35 सीटों पर चुनाव लड़ा, और हर स्तर पर भाजपा की नीतियों और कारनामों का पर्दाफाश किया। आगे भी भाकपा मुद्दों पर आधारित आंदोलन और संघर्षों के बल पर अपना चुनावी अभियान जारी रखेगी और आगामी नगर निकाय चुनावों में व्यापक तौर पर साथ देगी।

भाकपा राज्य काउंसिल ने महापंडित राहुल सांक्रत्यायनके जन्मदिन 9 अप्रेल और डा॰ भीमराव अंबेडकर के जन्मदिवस 14 अप्रेल को व्यापक पैमाने पर मनाने का निश्चय किया है और 9 अप्रेल से 14 अप्रेल के बीच “सामाजिक न्याय की गारंटी समाजवादी व्यवस्था में ही संभव” विषय पर विचार गोष्ठियाँ, सभाएं एवं समारोह आयोजित किए जाएँगे।

अपने सांगठानिक ढांचे को नीचे से शुरू कर ऊपर तक चुस्त दुरुस्त और व्यापक बनाने को भाकपा आगामी माहों में ब्रांचों से लेकर जिलों के सम्मेलन आयोजित करेगी। उसके बाद सितंबर माह में राज्य सम्मेलन आयोजित किया जायेगा। विधान सभा चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों और युवा कार्यकर्ताओं के लिये एक प्रशिक्षण शिविर भी शीघ्र लगाया जाएगा।

डा॰ गिरीश, राज्य सचिव

भाकपा,  उत्तर प्रदेश

»»  read more
Share |

लोकप्रिय पोस्ट

कुल पेज दृश्य