भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी का प्रकाशन पार्टी जीवन पाक्षिक वार्षिक मूल्य : 70 रुपये; त्रैवार्षिक : 200 रुपये; आजीवन 1200 रुपये पार्टी के सभी सदस्यों, शुभचिंतको से अनुरोध है कि पार्टी जीवन का सदस्य अवश्य बने संपादक: डॉक्टर गिरीश; कार्यकारी संपादक: प्रदीप तिवारी

About The Author

Communist Party of India, U.P. State Council

Get The Latest News

Sign up to receive latest news

फ़ॉलोअर

बुधवार, 27 अगस्त 2014

उत्तर प्रदेश विधानसभा उपचुनावों में भाकपा ने चार प्रत्याशी उतारे.

लखनऊ- १३ सितंबर को होने जारहे उत्तर प्रदेश विधानसभा के उपचुनावों में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने चार प्रत्याशी मैदान में उतारे हैं. नोएडा से प्रोफेसर सदासिव चामर्थी, सिराथू से शिवसिंह यादव, हमीरपुर से श्यामबाबू तिवारी उर्फ़ श्यामजी तथा लखनऊ पूर्व से राजपाल यादव भाकपा के प्रत्याशी होंगे. उपर्युक्त जानकारी यहां जारी एक प्रेस बयान में भाकपा के राज्य सचिव डा.गिरीश ने दी. डा.गिरीश ने सभी वामपंथी दलों, शक्तियों, कर्मचारियों, मजदूरों, किसानों, बुध्दिजीवियों, व्यापारियों, महिलाओं, युवाओं, छात्रों तथा शांति और विकास चाहने वाले सभी नागरिकों से अपील की है कि वे भाकपा प्रत्याशियों को अपना समर्थन और मत प्रदान करें. डा.गिरीश
»»  read more

भाजपा विधायक को 'जेड' सुरक्षा सांप्रदायिकता की राजनीति का महिमामंडन - भाकपा

लखनऊ- भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव मंडल ने केंद्र सरकार द्वारा मुज़फ्फरनगर की सांप्रदायिक हिंसा के लिये कुख्यात भाजपा के विधायक संगीत सोम को ‘जेड’ श्रेणी की सुरक्षा दिये जाने पर कड़ी आपत्ति जताई है. भाकपा ने इस फैसले को तत्काल रद्द करने की मांग की है. यहां जारी एक प्रेस बयान में भाकपा के राज्य सचिव डा.गिरीश ने कहाकि सांप्रदायिक हिंसा के दोषी को ‘जेड’ श्रेणी की सुरक्षा देना सांप्रदायिक हिंसा की राजनीति पर मुहर लगाना है. केन्द्र सरकार के इस कदम से यह साबित होगया है कि भाजपा सत्ता में पहुंच कर भी सांप्रदायिकता की नाव पर ही सवार रहना चाहती है, विकास की उसकी गाथा दिखावा मात्र है. केन्द्र सरकार के इस कदम से हिंसक और उपद्रवी तत्वों का मनोबल बढ़ेगा और हिंसा की मार झेल रहे लोगों का मनोबल गिरेगा. डा.गिरीश ने कहाकि प्रधानमन्त्री एक तरफ लाल किले की प्राचीर से दिये अपने भाषण में सांप्रदायिकता को रोके जाने की बात करते हैं वहीं उनकी सरकार और पार्टी सांप्रदायिकता फैलाने और हिंसा भड़काने का कोई मौका नहीं छोड़ती. समय की मांग है कि केन्द्र में सत्तारूढ़ दल सांप्रदायिक नीतियों और कारगुजारियों का परित्याग करे और जनता की खुशहाली और उसके विकास के एजेंडे पर काम करे. डा.गिरीश
»»  read more
Share |

लोकप्रिय पोस्ट

कुल पेज दृश्य