भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी का प्रकाशन पार्टी जीवन पाक्षिक वार्षिक मूल्य : 70 रुपये; त्रैवार्षिक : 200 रुपये; आजीवन 1200 रुपये पार्टी के सभी सदस्यों, शुभचिंतको से अनुरोध है कि पार्टी जीवन का सदस्य अवश्य बने संपादक: डॉक्टर गिरीश; कार्यकारी संपादक: प्रदीप तिवारी

About The Author

Communist Party of India, U.P. State Council

Get The Latest News

Sign up to receive latest news

फ़ॉलोअर

शुक्रवार, 6 मई 2016

आरक्षित रेल टिकिट को रद्द कराने की प्रक्रिया को यदि बदला गया तो जनता को होगी भारी परेशानी: भाकपा

लखनऊ- 6 मई 2016, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव मंडल ने आरक्षण खिडकी से कराये गये रेलवे के आरक्षित टिकट को रद्द कराने की मौजूदा प्रक्रिया में प्रस्तावित बदलाव को जनता के लिये बहुत ही कष्टकारक और आर्थिक रुप से हानि पहुंचाने वाला बताया है. भाकपा ने आरक्षित टिकट की मौजूदा प्रणाली को ही बनाये रखने की मांग की है. ज्ञात हो कि मौजूदा व्यवस्था के अनुसार यात्री कहीं से खरीदे टिकट को देश में किसी भी स्टेशन से रद्द करा सकते हैं. लेकिन अब रेलवे इस मौजूदा प्रक्रिया में बदलाव कर यह व्यवस्था करने जारही है कि जो टिकट जहां से खरीदी गयी है उसको उसी स्टेशन से रद्द कराया जा सकेगा. रेल मंत्री को भेजे गये पत्र में भाकपा के राज्य सचिव डा.गिरीश ने इस पर कडी आपत्ति दर्ज कराई है. अपने इस पत्र में भाकपा राज्य सचिव ने कहा है कि इस प्रस्तावित नई प्रक्रिया से मुसाफिरों को भारी कठिनाई का सामना करना पडेगा और आर्थिक हानि भी उठानी पडेगी. इस संबंध में उदाहरण देते हुये डा.गिरीश ने कहा कि जब में लखनऊ से अपने घर हाथरस जाता हूं तो वहाँ से लौटने का टिकट भी यहीं से बनवा कर ले जाता हूँ ताकि प्रतीक्षा सूची में लटकने से बचा जा सके. पर यदि किसी कारण से मुझे अपनी यात्रा की तिथि आगे बढानी पड जाये तो मेरा लखनऊ से कटाया गया यह टिकिट हाथरस में रद्द नही हो सकेगा. इस तरह मेरा यह पैसा डूब जायेगा. ज्यादा यात्रा करने वालों और टूरिस्टों को तो इससे बहुत अधिक कठिनाई होगी. डा. गिरीश ने आरोप लगाया है कि गत दो वर्षों में रेलवे ने यात्री किराये और माल भाडे में बडी वृध्दि तो की ही है अन्य अनेक भार भी यात्रियों पर लाद दिये हैं. सफाई के नाम पर एक अलग कर लगाया गया है, बच्चों की आधी टिकट समाप्त कर उसे पूरा कर दिया गया है, टिकिट रद्द कराने में ज्यादा पैसे की कटौती कर दी गयी है और टिकिट रद्द कराने की अवधि भी कम कर दी गयी है. मजे की बात है कि यात्रियों पर यह सारी चोट यात्री सुविधा बढाने के नाम पर की जारही है. भाकपा राज्य सचिव ने कहा कि “ प्रभुजी! ये सब बंद करो वरना ये जनता तुम्हारी सरकार की राजनैतिक रेल को रोक देगी.” डा. गिरीश,
»»  read more
Share |

लोकप्रिय पोस्ट

कुल पेज दृश्य