भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी का प्रकाशन पार्टी जीवन पाक्षिक वार्षिक मूल्य : 70 रुपये; त्रैवार्षिक : 200 रुपये; आजीवन 1200 रुपये पार्टी के सभी सदस्यों, शुभचिंतको से अनुरोध है कि पार्टी जीवन का सदस्य अवश्य बने संपादक: डॉक्टर गिरीश; कार्यकारी संपादक: प्रदीप तिवारी

About The Author

Communist Party of India, U.P. State Council

Get The Latest News

Sign up to receive latest news

फ़ॉलोअर

शनिवार, 24 अप्रैल 2010

भाकपा का 6 से 9 मई तक धन एवं अन्न संग्रह अभियान

भाकपा का 6 से 9 मई तक धन एवं अन्न संग्रह अभियान
उठो साथियों, निकलो - पार्टी के लिए धन की व्यवस्था आपको ही करनी है!

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की उत्तर प्रदेश राज्य कार्यकारिणी ने भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के तमाम सदस्यों एवं जन संगठनों के कार्यकर्ताओं का आह्वान किया है कि वे 6 से 9 मई तक जनता के व्यापकतम तबकों से पार्टी के लिए धन और अन्न एकत्रित करने के लिए सड़कों पर उतरें। पार्टी के राज्य कार्यालय ने इस हेतु भेजे गये सन्देश में इस अभियान को संगठित करने की सांगठनिक प्राथमिकताओं को चिन्हित करते हुए पार्टी सदस्यों से अपील की है कि -
(1) पार्टी की पूरी की पूरी सदस्यता को अभियान में उतरना है।
(2) पार्टी सदस्यों को कम से कम प्रति सदस्य 10 घरों अथवा दुकानों पर जाकर पार्टी चलाने हेतु धन मांगना है यानी अगर जिले में 5 सौ सदस्य हैं तो हमें कम से कम 5 हजार लोगों से सम्पर्क करना है।
(3) किसी भी पार्टी सदस्य को इस अभियान से छूट नहीं दी गयी है।
(4) अभियान को 9 मई के बाद भी चलाया जा सकता है।
साथियों! पार्टी के विस्तार एवं विकास के लिए पार्टी के सदस्यों द्वारा धन संग्रह अभियान चलाना बहुत जरूरी है। होलटाईमर कार्यकर्ताओं को रखने के लिए और उन्हें जीवनयापन लायक धन देने के लिए धन की जरूरत होती है। पार्टी के कार्यालयों को चलाने के लिए धन की जरूरत होती है। पार्टी के संसाधनों की व्यवस्था भी धन के बिना नहीं होती। आन्दोलन चलाने के लिए और आन्दोलन का प्रचार करने के लिए भी धन की जरूरत होती है। पार्टी को धन की जरूरत है, इसे महसूस कीजिए। इस जरूरत को हम सब मिल कर ही पूरा कर सकते हैं।
साथियों! कम्युनिस्ट पार्टियों के पास इस धन की व्यवस्था के लिए जनता के पास जाने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। हम जिनकी बेहतरी के लिए लगातार संघर्ष करते हैं, उन्हीं से तो हम पैसा मांग सकते हैं। जनता से धन मांगने के लिए पार्टी के सभी सदस्यों को जनता के पास जाना ही होगा, तभी हम अधिक से अधिक संख्या में जनता के व्याकतम तबकों के मध्य पहुंच पायेंगे और तभी हमें पार्टी को चलाने के लिए कुछ धन मुहैया हो सकेगा।
साथियों! भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के दूसरों राज्यों के साथी हर साल कम से कम एक बार इस अभियान पर संगठित रूप से निकलते हैं और पार्टी के लिए धन इकट्ठा करते हैं। फिर उत्तर प्रदेश में हम क्यों नहीं निकल सकते? उत्तर प्रदेश के साथी भी निकल सकते हैं, इस बार वे निकलेंगे और धन मांगेंगे।
”पार्टी संगठन“ पर लखनऊ में पिछले साल आयोजित कार्यशाला में पार्टी की राष्ट्रीय परिषद के सचिव का. सी.के.चन्द्रप्पन आये थे। उन्होंने विस्तार से उत्तर प्रदेश के पार्टी संगठन की खामियों पर चर्चा करते हुए दूसरे राज्यों के काम करने के तौर-तरीकों की चर्चा की थी। उन्होंने विस्तार से बताया था कि केरल के साथी किस प्रकार लक्ष्य निर्धारित कर साल भर में कम से कम एक बार इस अभियान में उतरते हैं और कितना धन एकत्रित कर लेते हैं। उन्होंने स्पष्ट बताया था कि अभियान के बाद केरल की पार्टी - ब्रांचों से लेकर राज्य तक समीक्षा करती हैं कि हम कितने परिवारों तक पहुंच सके। अगले वर्ष केरल की पार्टी का लक्ष्य यह होता है कि पिछले वर्ष हम जितने घरों तक पहुंचे थे इस बार हम उससे कितना ज्यादा पहुंचने का प्रयास करेंगे।
हमारे जिलों के आगे बढ़े हुए नेतृत्वकारी साथी इस कार्यशाला में उपस्थित थे। उन सबके सामने का. चन्द्रप्पन ने हमारा आह्वान किया था कि हम केरल के अनुभवों से सबक लेते हुए इस अभियान को चलायें, अधिक से अधिक जनता के पास पहुंचने का प्रयास करें।
साथियों! ब्रांचों को सक्रिय करिए, पार्टी के सभी सदस्यों को सक्रिय कीजिए और अभियान के लिए निकल चलिये। किसी के अभियान पर न जाने को बहाना मत बनाईये। आप खुद निकलिये, लौट कर देखना कि कौन नहीं निकला, उसे समझाना कि कुछ नहीं बिगड़ा है, अभी भी वह अपने परिचित 10 घरों पर जाकर पार्टी के लिए धन या अन्न मांग सकता है। कितनों को सड़कों पर हम उतारने में सफल रहे, इसकी मीमांशा अभियान के बाद जरूर कीजिए, कमियों को ढूंढिये और अगले साल के लिए नये संकल्प बुनना अभी से शुरू कर दीजिए।
साथियों! पार्टी के राज्य केन्द्र ने इस अभियान को 9 मई को बन्द करने का निर्देश नहीं दिया है। अमूमन यह देखा जाता है कि आन्दोलनात्मक गतिविधियों में सहभागिता से कुछ साथी बहाने तलाश कर लेते हैं कि शादी-विवाह के कारण नहीं जा सकते, बीमारी के कारण नहीं जा सकते, नौकरी के कारण नहीं जा सकते या किन्हीं और व्यस्तताओं के कारण नहीं जा सकते। लम्बे समय में यह कोई बहाना किसी साथी के पास मौजूद नहीं होगा। आज नहीं निकल सकते तो कल निकलिये, कल नहीं निकल सकते तो परसों निकलिये। सभी साथियों को इस कार्यभार को पूरा करने के लिए निकलना होगा। यह केवल ब्रांच अथवा जिले या राज्य के मंत्री की अकेले की जिम्मेदारी नहीं है। यह जिम्मेदारी पार्टी के एक-एक सदस्य की जिम्मेदारी है जिसे उसे पूरा करना चाहिए।
उठिये साथियों! सब पार्टी के लिए धन मांगने निकलें। जिस तरह हमने लगातार अभियान चलाते रहने का रिकार्ड बनाया है, हम इस अभियान को भी सफल बनायें।

0 comments:

एक टिप्पणी भेजें

Share |

लोकप्रिय पोस्ट

कुल पेज दृश्य