लखनऊ 25 जून। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव मंडल ने केन्द्र सरकार द्वारा डीजल, रसोई गैस एवं केरोसिन कीमतों में फिर एक बार बढ़ोतरी की कड़ी आलोचना की है और आम आदमी को तबाह करने वाली इस वृद्धि को तत्काल वापस लेने की मांग की है।
यहां जारी एक प्रेस बयान में भाकपा के राज्य सचिव डा. गिरीश ने कहा कि डीजल के दामों में रू. 3 प्रति लीटर, रसोई गैस के सिलेंडर पर रू. 50 तथा केरोसिन के दामों में रू. 2 प्रति लीटर की वृद्धि करके संप्रग-2 सरकार ने महंगाई की मार से पहले से पीड़ित आम आदमी पर एक और कुठाराघात किया है। महंगाई की दर पहले ही 9 अंक का आंकड़ा पार कर चुकी है। डीजल के दामों में वृद्धि से माल भाड़ा बढ़ेगा जो हर जरूरी चीज के दाम बढ़ा देगा। यह पूरी तरह असहनीय है और शासक वर्ग की संवेदनहीनता का जीता-जागता प्रमाण है।
भाकपा राज्य सचिव ने कहा कि पेट्रोलियम पदार्थों की मूल्यवृद्धि का प्रमुख कारण केन्द्र सरकार द्वारा कच्चे तेल पर गत वर्ष बढ़ाया गया आयात कर है तथा बड़ी मात्रा में लगने वाला उत्पाद कर है। अब सरकार ने इसी आयात कर में मात्र 5 प्रतिशत की घटोत्तरी कर जनता की आंखों में धूल झोंकने का काम किया है। ये सरकार अब भी पेट्रोलियम पदार्थों के कर ढांचे को बदलने और मूल्य आधारित करों को त्यागने को तैयार नहीं है। राज्य सरकार भी बढ़ी हुई कीमतों की एवज में अतिरिक्त वैट वसूलने से बाज नहीं आ रही है। हर तरह से तबाही आम और गरीब आदमी की हो रही है।
प्रदेश भाकपा ने अपनी तमाम जिला एवं स्थानीय इकाइयों को निर्देश दिया है कि वे तत्काल इस मूल्यवृद्धि का असरदार तरीके से विरोध करें और जगह-जगह संप्रग-2 सरकार के पुतले जलायें, विरोध प्रदर्शन एवं आम सभायें आयोजित करें। आन्दोलन को और प्रभावी तथा धारदार बनाने को भाकपा ने अपने तमाम राज्य कौंसिल सदस्यों और जिला सचिवों को 2 एवं 3 जुलाई को लखनऊ पहुंचने का निर्देश दिया है ताकि बैठक कर आवश्यक निर्णय लिये जा सकें।
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