सूबे की समाजवादी पार्टी की सरकार को हर मोर्चे पर विफल बताते हुए भाकपा ने आरोप लगाया कि इस सरकार के कार्यकाल में अपराध और भ्रष्टाचार पनप रहे हैं, साम्प्रदायिक शक्तियों को चुनौती देने में भी यह सरकार विफल रही है। सरकार में बैठे धनबली, बाहुबली लोग इस सूबे की जनता का निर्मम शोषण कर रहे हैं। सरकार के खिलाफ तमाम जनांदोलन पनप रहे हैं जिनको दबाने के लिए यह सरकार जनवादी अधिकारों का हनन कर रही है। यहां तक कि राज्य की राजधानी में विधान सभा के समक्ष होने वाले धरना-प्रदर्शन को फिर से रोकने के कदम उठाये जा रहे हैं। किसानों के सवाल जस के तस बने हुए हैं। गन्ना खरीद केन्द्रों पर धांधली है, गन्ने का पुराना भुगतान कराया नहीं गया है और कर्ज में डूबे किसानों के कर्ज माफ करने के बजाय सरकार उन्हें हवालातों में ठूंस रही है। भाकपा राज्य सरकार के किसान-मजदूर विरोधी कदमों के खिलाफ लगातार संघर्षरत है।
राज्य कौंसिल बैठक में निर्णय लिया गया कि एपील-बीपीएल का भेद किये बिना सभी परिवारों को हर माह पैतीस किलो अनाज 2 रूपये किलो की दर पर मुहैया कराने, सार्वजनिक वितरण प्रणाली को मजबूत करने और उसे भ्रष्टाचार से मुक्त बनाने तथा इस सम्बंध में एक खाद्य सुरक्षा विधेयक जल्द से जल्द पारित कराने हेतु 26 फरवरी को दिल्ली में रैली कर 5 करोड़ हस्ताक्षरों वाले ज्ञापन प्रधानमंत्री को सौंपे जायें। इसके लिए उत्तर प्रदेश से मेरठ मंडल, सहारनपुर मंडल, मुरादाबाद मंडल, बरेली मंडल, कानपुर मंडल, अलीगढ़ मंडल, आगरा मंडल एवं बुन्देलखण्ड के जनपदों से हजारों कार्यकर्ताओं को दिल्ली भेजा जायेगा। इन मंडलों के अतिरिक्त जनपदों में भाकपा 26 फरवरी को ही जिला केन्द्रों पर धरने-प्रदर्शन करके प्रधानमंत्री के लिए ज्ञापन जिलाधिकारियों को सौंपेगी।
20-21 फरवरी को 11 केन्द्रीय श्रम संगठनों तथा दर्जनों कर्मचारी फेडरेशनों द्वारा मंहगाई, भ्रष्टाचार के खिलाफ, सार्वजनिक क्षेत्र के निजीकरण के खिलाफ तथा मजदूरों के अधिकारों में कटौती के खिलाफ होने जा रही हड़ताल को भाकपा ने सक्रिय समर्थन देने का निर्णय लिया है।
भाकपा राज्य कौंसिल ने मुस्लिम अल्पसंख्यकों के सवाल पर मऊ एवं गाजियाबाद में पूर्वांचल एवं पश्चिमांचल के दो अलग-अलग कन्वेंशन आयोजित करने का निर्णय भी लिया है। भाकपा राज्य कौंसिल ने एक प्रस्ताव पारित करके निर्दोष मुस्लिम नौजवानों को बिना सजा के ही लम्बे समय तक जेलों में रखने के बारे में बनाये गये न्यायमूर्ति आर.डी. निमेष आयोग की रिपोर्ट को सार्वजनिक करने और उसकी सिफारिशों को लागू करने की मांग राज्य सरकार से की है।
भाकपा राज्य कौंसिल ने निर्णय लिया है कि पेट्रोल और डीजल के दामों में की गयी बढ़ोतरी के खिलाफ जिलों-जिलों में लगातार विरोध प्रदर्शन आयोजित किये जायें।
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