गुरुवार, 24 अक्तूबर 2013
पूंजीवादी मीडिया के भरोसे नहीं रह सकता वामपंथ
३० सितम्बर को लखनऊ में भाकपा की विशालकाय रैली में भाग लेकर उत्साह से लबरेज पार्टी और जन संगठनों के नेता और कार्यकर्ता अगले दिन जब अपने-अपने जिलों में वापस पहुंचे तो सभी को इस बात की उत्सुकता थी कि रैली की खबर अख़बारों में पढ़ी जाये, और तमाम लोगों ने अलग-अलग अख़बार खरीद डाले| लेकिन उन्हें यह देख कर भारी हैरानी हुई कि किसी भी अख़बार में रैली के बारे में एक भी पंक्ति का समाचार नहीं था| गुस्से और हताशा में उन्होंने मुझे फोन किये| अख़बारों पर तो खीझ उतारी ही मुझे भी नम्रता पूर्वक नसीहत दी कि हमें मीडिया से रिश्ते बढ़ाने चाहिये, मीडिया मैनेजमेंट दुरुस्त करना चाहिये बगैरह-बगैरह| कईयों ने तो गुस्से में यह भी कहा कि हमें टी.वी.चेनल्स के खिलाफ प्रदर्शन करना चाहिये, अख़बारों की होली जलानी चाहिये और उन्हें सबक सिखाना चाहिये| यहाँ स्पष्ट कर देना चाहता हूँ कि राज्य नेत्रत्व मीडिया को पर्याप्त तरजीह देता है|
यहाँ उल्लेखनीय है कि रैली की खबरें लखनऊ में समाचारपत्रों ने प्रकाशित की थीं| लेकिन वे लखनऊ संस्करणों तक सीमित थीं| बगल के जिलों बाराबंकी अथवा उन्नाव तक में किसी भी अख़बार में एक पंक्ति भी पढ़ने को नहीं मिली| अलबत्ता उर्दू अख़बारों और हिंदी के अख़बार ‘कल्पतरु एक्सप्रेस’ ने खबर को प्रदेश भर में छापा|
इसी तरह रैली में किये गये आह्वान पर २१ अक्टूबर को जिलों-जिलों में सफल सत्याग्रह/जेलभरो आन्दोलन चलाया गया|जिलों में मीडिया के लिये इसकी खबर को नजरंदाज करना संभव नहीं था और सम्बन्धित जिले की खबर उस जिले के पन्ने पर सिमट कर रह गयी| प्रदेशव्यापी कार्यक्रम की यह खबर भी मीडिया ने स्थानीय बना कर रख दी|
सवाल यह है कि भाकपा अथवा अन्य वामदलों के प्रति मीडिया ऐसा घिनौना रवैय्या क्यों अपनाता है? जबकि हम हर पल हर घड़ी खुली आँखों से देख रहे हैं कि छोटे-बड़े तमाम पूंजीवादी
दलों के अदने नेताओं और अत्यंत छोटी घटनाओं की खबरें न केवल लाइव चलाई जाती हैं अपितु पूरे-पूरे दिन उन्हें खबरिया चेनलों पर चला कर औसत दर्शक के साथ बलात्कार किया जाता है| अख़बार भी उन्हें आवश्यकता से अधिक जगह देते हैं|
यह सर्व विदित है कि आज का विशालकाय मीडिया कार्पोरेट घरानों के हाथों में है और उन्हीं के हित पोषण में लगा रहता है| कार्पोरेट जगत अपने हितों के लिए पूरी तरह चौकन्ना है और अपने मीडिया पर उसका पूरा-पूरा कंट्रोल है| निष्पक्षता का उसका साइन बोर्ड आज तार-तार हो चुका है| टी.आर.पी.बनाये रखने को यदा-कदा कुछ वाम नेताओं को भी दर्शा दिया जाता है,परन्तु जनता के हित में की जाने वाली वामपंथ की बड़ी से बड़ी कार्यवाही का ब्लैकआउट किया जाता है|
ऐसा इसलिए हो रहा है कि यह केवल भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी और वामपंथ ही है जो किसानों,कामगारों और आम जनता के हितों पर चोट कर रहे कार्पोरेट घरानों और पूँजी समूहों की लूट को न केवल समझता है अपितु उसको रोकने और बेनकाब करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा| ऐसे में आखिर क्यों पूंजीवादी मीडिया भाकपा और वामपंथ को बढ़ावा देने वाले समाचारों को महत्त्व देगा? ‘हित अनहित पशु पक्षिन जाना’|
ऐसे में हमें अपनी ख़बरों, अपने राजनैतिक कर्तव्यों और अपनी गतिविधियों को न केवल आम जनता अपितु अपने कार्यकर्ताओं तक पहुँचाने के लिए हमें आत्म निर्भर बनना होगा| वर्ग विरोधियों से दया अथवा सदाशयता की उम्मीद करना अकर्मण्यता अथवा कायरता ही कही जायेगी|
यह कटु सत्य है कि आज हम उत्तर प्रदेश में अपना दैनिक समाचार पत्र तो क्या साप्ताहिक पत्र तक निकालने की सामर्थ्य नहीं रखते| पर जरूर हम एक दिन पहले अपना साप्ताहिक पत्र निकालेंगे और फिर दैनिक भी| हौसला बुलंद हो और इरादा पक्का तो कोई काम असंभव नहीं है| लेकिन यह तो आगे की बात है|
लेकिन हमारा पार्टी जीवन लगातार प्रकाशित हो रहा है और पार्टी संबंधी तमाम समाचार और जानकारियां हमें उपलब्ध करा रहा है| परन्तु हम उसको लेकर कतई गंभीर नहीं हैं| सवाल उठता है कि क्या हमारे एक-एक कार्यकर्ता को उसका पाठक और ग्राहक नहीं होना चाहिये? क्या हमें अपने हमदर्दों,शुभचिंतको,पड़ोसियों और मित्रों को उसका ग्राहक और पाठक नहीं बनाना चाहिये? क्या जनसंगठनों के नेताओं और कार्यकर्ताओं को इसके प्रचार-प्रसार और ग्राहक विस्तार के काम को गंभीरता से नहीं लेना चाहिये| अवश्य ही हम सबको वह सब कुछ करना चाहिये कि हमारा अपना पार्टी जीवन हमारे हर कार्यकर्ता तक पहुंचे और हर शुभचिंतक को पढ़ने को मिले|
यह कार्य कमेटियों में फैसला लेने अथवा कोटा निर्धारित करने से होने वाला नहीं है| आज यह हमारे लिए एक बड़ी चुनौती है और इस चुनौती को हमें मिशन के तौर पर लेना होगा| हम सब मिल कर इस चुनौती को स्वीकार करें और अक्टूबर,नवम्बर और दिसम्बर माहों में पार्टी जीवन के रिकार्ड तोड़ ग्राहक बनायें| लाल सलाम|
डॉ.गिरीश
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
मेरी ब्लॉग सूची
-
CUT IN PETROL-DIESEL PRICES TOO LATE, TOO LITTLE: CPI - *The National Secretariat of the Communist Party of India condemns the negligibly small cut in the price of petrol and diesel:* The National Secretariat of...2 वर्ष पहले
-
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी का चुनाव घोषणा पत्र - विधान सभा चुनाव 2017 - *भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी का चुनाव घोषणा पत्र* *- विधान सभा चुनाव 2017* देश के सबसे बड़े राज्य - उत्तर प्रदेश में राज्य सरकार के गठन के लिए 17वीं विधान सभा क...4 वर्ष पहले
-
No to NEP, Employment for All By C. Adhikesavan - *NEW DELHI:* The students and youth March to Parliament on November 22 has broken the myth of some of the critiques that the Left Parties and their mass or...4 वर्ष पहले

लोकप्रिय पोस्ट
-
उत्तर प्रदेश के कोने कोने में फूंकी गयीं काले क्रषी क़ानूनों की प्रतियां आपातकाल सरीखे हालातों के बावजूद प्रदेश में निरंतर बढ़ रहा है किसा...
-
सफल रास्ताजाम एवं व्यापक विरोध प्रदर्शन के लिये भाकपा ने किसानों और कार्यकर्ताओं को दी बधाई उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा खड़े किए गये तमाम अ...
-
उन्नाव कांड की भाकपा ने तीव्र भर्त्सना की। पीढ़ित परिवार के प्रति संवेदना जतायी घटना की सीबीआई से जांच और तीसरी बिटिया को एम्स भेजने की मां...
-
लखनऊ-12 अगस, 2016, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव मंडल ने प्रदेश में सत्ता की दौड में शामिल प्रमुख दलों पर आरोप लगाया है कि वे आगाम...
-
लखनऊ- दिनांक- 18- 2-2021 , संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा देश भर में रेल रोकने के आह्वान के समर्थन में उत्तर प्रदेश में आज भारतीय कम्युनिस्ट...
-
अहिंसक आंदोलन के खिलाफ हिंसा पर उतारू है उत्तर प्रदेश सरकार भाकपा ने सभी आंदोलनकारियों को सफल और शांतिपूर्ण कार्यवाहियों के लिये बधा...
-
महान इटालियन कम्युनिस्ट नेता कामरेड अंतोनियो ग्राम्शी ने इस शब्द का व्यापक प्रयोग किया है - ‘निहित बुद्धिजीवी’ (आर्गनिक इंटेलेक्युअल)। उन्हो...
-
चले चलो दिलों में घाव ले के भी चले चलो चलो लहूलुहान पांव ले के भी चले चलो चलो कि आज साथ-साथ चलने की जरूरतें चलो कि ख़त्म हो न जाएं जिन्द...
-
लखनऊ- उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की पीसीएस(प्री) परीक्षा का परचा लीक होने, और उससे संबंधित मांगों पर आन्दोलन कर रहे अभ्यर्थियों को इलाहाबाद...
-
CPI General Secretary Com. Survaram Sudhakar Reddy's open letter to Mr Narendra Modi, Prime MinisterNew Delhi 29 th May 2015 To, Shri Narendra Modi Hon’ble Prime Minister Government of India ...

0 comments:
टिप्पणी पोस्ट करें