फ़ॉलोअर
शनिवार, 18 अप्रैल 2015
at 6:01 pm | 1 comments |
भूमि अधिग्रहण अध्यादेश को वापस कराने और मौसम की मार से तबाह हुए किसानों एवं खेतिहर मजदूरों को व्यापक आर्थिक राहत दिलाने के लिए भाकपा 14 मई को पूरे प्रदेश में करेगी व्यापक रास्ता जाम
भाकपा की राज्य
कौंसिल बैठक शुरू
भाकपा राष्ट्रीय
सचिव शमीम फैजी ने जारी किया आन्दोलन का पोस्टर
लखनऊ 18
अप्रैल। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी किसान विरोधी भूमि अधिग्रहण अध्यादेश को
वापस कराने और मौसम की मार से तबाह हुए किसानों एवं खेतिहर मजदूरों को व्यापक
आर्थिक राहत दिलाने के लिये पूरे प्रदेश में 14 मई को व्यापक रास्ता
जाम करेगी। यहां चल रही भाकपा की राज्य कौंसिल के निर्णय से अवगत कराते हुए भाकपा
के राज्य सचिव डा. गिरीश ने कहा कि रास्ता जाम का कार्यक्रम हर जिले में पार्टी की
कतारें मुस्तैदी से लागू करेंगी।
भाकपा के राष्ट्रीय
सचिव ने इस आन्दोलन का पोस्टर भाकपा की राज्य कौंसिल बैठक के दौरान जारी करते हुए
राज्य कौंसिल सदस्यों का आह्वान किया कि वे जिलों-जिलों में वास्तविक रूप से
रास्ता जाम करने के लिए गंभीर रूप से तैयारी करें।
भाकपा की राज्य
कौंसिल को सम्बोधित करते हुए पार्टी के राष्ट्रीय सचिव शमीम फैजी ने कहा कि जब हम
महंगाई के विरोध करने के लिए आन्दोलन चलाते हैं तो सपा और बसपा जैसे दल भी हमारे
साथ आकर खड़े हो जाते हैं परन्तु यही लोग अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय पूंजी और क्रोनी
पूंजीवाद की चाकरी करते हुए राज्य सभा में विदेशी पूंजी की अनुमति देने वाला बीमा कानून
पास करवाने के लिए मोदी सरकार के साथ खड़े हो जाते हैं। क्षेत्रीय दलों ने पिछले 25
सालों में अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय पूंजी और क्रोनी पूंजीवाद की मदद ही की है।
इन्होंने सड़क पर हमारा साथ दिया परन्तु हर बार संसद में हमारी मुखालिफत की। ये सभी
दल नव उदारवाद का चारा बन चुके हैं। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में सपा और बसपा
ने भी अम्बानी सरीखे तमाम पूंजीपतियों को राज्य सभा में पहुंचाया है।
शमीम फैजी ने कहा कि
देश नाजुक दौर से गुजर रहा है और फासीवाद की ओर जा सकता है। इस खतरे का मुकाबला
करने के लिए इस बार सही कार्यनीति का निर्धारण बहुत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि
हमें पूरी शिद्दत के साथ वैकल्पिक आर्थिक नीतियों की बुनियाद पर विकल्प प्रस्तुत
करने के लिए पार्टी निर्माण की ओर आगे बढ़ना होगा। उन्होंने कहा कि अब नारे बाजी
नहीं बल्कि हमें कम्युनिस्ट आन्दोलन के वैचारिक एकीकरण की राह पर चलना होगा और
जनता में वामपंथी-जनपक्षी विकल्प के प्रति विश्वास पैदा करना होगा। इस सपने को
साकार करने के लिए हमें भाकपा को अपने पैरों पर खड़े करना होगा।
राज्य कौंसिल को
सम्बोधित करते हुए भाकपा के राष्ट्रीय सचिव शमीम फैजी ने कहा कि देश के वर्तमान राजनैतिक
हालात निहायत गंभीर हैं। केन्द्र सरकार की सत्ता में नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में
गठित भाजपा की सरकार केवल भाजपा की सरकार मात्र नहीं है बल्कि केन्द्र में वस्तुतः
अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय पूंजी (International Finance Capital) और क्रोनी पूंजीवाद
(Crony Capitalism) की प्रतिनिधि सरकार सत्ता में है जिन्होंने पिछले लोक
सभा चुनावों को देश की लोक सभा के चुनावों के बजाय मोदी और राहुल की व्यक्तिगत जंग
में तब्दील कर दिया था।
उन्होंने कहा कि
मीडिया द्वारा जिस गुजरात मॉडल के आकर्षण को पैदा किया गया,
उसकी असलियत से जनता अभी तक वाकिफ नहीं है। उन्होंने कहा कि कच्छ के रेगिस्तान
में 1965 तक कोई आबादी नहीं थी और इस इलाके में जनता को बसाने
के इरादे से तत्कालीन प्रधानमंत्री स्वर्गीय लाल बहादुर शास्त्री ने पंजाब से ले
जाकर 200 सिख किसान परिवारों को जमीने आबंटित कर बसा दिया था
जिन्होंने उस इलाके को आबाद कर दिया और उससे उत्साहित होकर पंजाब के 700-800
परिवारों ने उस इलाके में जमीने खरीद कर खेती करना शुरू कर दिया। नरेन्द्र
मोदी की गुजरात सरकार ने एक कानून पास करते हुए गुजरात में गुजरात के बाहर के
लोगों को खेती करने से अयोग्य घोषित कर इन सिख किसानों को इस इलाके से बेदखल करते
हुए इस जमीन को गौतम अडानी को सौंप दिया। गुजरात में जहां जाइये आपको 200-300
एकड़ जमीन पर बोर्ड लगा मिलेगा कि सरकार ने इस भूमि को अधिगृहीत कर लिया है और
आप आइये यहां आबाद हो जाइये। सरकार को किसानों से जबरदस्ती अधिगृहीत की गई इस जमीन
को पूंजीपतियों को कौड़ियों के भाव मुहैया कराया जाता रहा है। रिलायंस फ्रेश और
रिलायंस पेट्रोल पम्प स्थापित करने के लिए किसानों की 50-50
एकड़ जमीन जबरदस्ती अधिगृहीत करके अंबानी परिवार को सौंप दी गई और आज वहां न तो
पेट्रोल पम्प हैं और न ही रिलायंस फ्रेश के स्टोर। उन्होंने कहा कि केन्द्र की
सरकार पूंजीपतियों के हितों की रक्षा के लिए राज्य सभा का सत्रावसान कर देती है और
भूमि अधिग्रहण अध्यादेश को दुबारा जारी कर देती है। उसका यह कदम घोर अलोकतांत्रिक
और किसान तथा खेत मजदूर विरोधी है। केन्द्र सरकार ने जिस प्रकार गुजरात में
अडानी-अम्बानी को कौड़ियों के भाव जमीन मुहैया कराई, उसी प्रकार का खेल
वह पूरे हिन्दुस्तान में खेलना चाहती है। भाकपा राष्ट्रीय सचिव शमीम फैजी ने कहा
पिछले 10 महीनों में 10 अध्यादेश जारी किये
गये और ये सभी अध्यादेश पूंजीपतियों के हित में जारी हुये। एक भी अध्यादेश ऐसा
नहीं है जो जनता के हित में जारी किया गया हो। उन्होंने कहा कि यह असाधारण स्थिति
है और हमें इस असाधारण स्थिति में भी जनता की रक्षा करने के लिए असाधारण तरीके से
अपने आन्दोलनों को तेज करना होगा।
भाकपा के राष्ट्रीय
सचिव शमीम फैजी ने कहा कि मनमोहन सिंह लाख चाहने के बावजूद
अमरीका से परमाणु रियेक्टर खरीद नहीं पाये परन्तु ओबामा के आगमन पर मोदी ने अमरीकी
पूंजी को न्यूक्लीयर लायबिलिटी कानून से मुक्त करने की घोषणा कर दी। उन्होंने कहा
कि ध्यान देने योग्य बात यह है कि अमरीका ने खुद 1970 के बाद इन परमाणु
रियेक्टरों को नहीं खरीदा और इतने सालों पहले बने रियेक्टरों के हिन्दुस्तान में
लगने पर दुर्घटना होना संभावित है परन्तु सरकार अमरीकी पूंजीपतियों को उनके
उत्तरदायित्व से मुक्त कर चुकी है। जर्मनी से जिन जेट विमानों का सौदा किया गया है,
उसे 25 सालों से किसी देश ने नहीं खरीदा परन्तु मोदी इसलिए
खरीद रहे हैं क्योंकि उसका निर्माता रिलायंस का व्यापारिक साझेदार है। उन्होंने
कहा मोदी वह सब करने को तैयार हैं जिससे अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय पूंजी को मदद मिल
सके।
केन्द्र सरकार के
बजट पर प्रहार करते हुए शमीम फैजी ने कहा कि केन्द्र सरकार ने जनता के लिए चल रही
तमाम योजनाओं में आबंटन को या तो बंद कर दिया है अथवा बहुत अधिक घटा दिया है। जनता
को मिलने वाली सब्सिडी को बंद करने की तैयारी है परन्तु पूंजीपतियों को तमाम तरह
की सब्सिडी मुहैया कराई जा रही है। सम्पत्ति कर समाप्त कर दिया गया और बड़े लोगों
पर लगने वाले आयकर की दर को 30 से घटाकर 25
प्रतिशत करने की घोषणा भी कर दी गई।
भाकपा राष्ट्रीय
सचिव शमीम फैजी ने कहा कि 1990 के बाद अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय पूंजी ने अपना शासन
पूरे संसार में कायम करने की कोशिश शुरू की थी। तब से देश में कोई बड़ा कारखाना
नहीं लगा है। राज्य सरकारों ने उन्हीं नक्शे कदमों पर चलते हुए कोई कारखाना नहीं
लगाया।
शमीम फैजी ने कहा कि
जिस दिन सरकार पूंजीपतियों के लिए कोई भी फैसला लेती है,
उसकी ओर से जनता और मीडिया का ध्यान हटाने के लिए संघ परिवार का कोई नुमाईंदा
विवादास्पद ब्यान दे देता है जिससे बहस आर्थिक फैसलों के बजाय विवादित बयान पर
केन्द्रित हो जाती है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि जिस दिन प्रधानमंत्री ने
स्टेट बैंक की चेयरमैन को अडानी को आस्ट्रेलिया में खदान के लिए 60,000
करोड़ का ऋण देने का निर्देश दिया एक स्वयंभू साधू ने महात्मा गांधी के हत्यारे
को देश भक्त बता दिया। जिस दिन जंतर मंतर पर देश के 100
किसान संगठन भूमि अधिग्रहण अध्यादेश का विरोध करने के लिए इकट्ठा हुए भागवत ने
बयान जारी कर दिया कि मदर टेरेसा जनसेवा नहीं कर रहीं थी बल्कि धर्म परिवर्तन करा
रहीं थीं। उन्होंने कहा कि वित्तीय पूंजी को अपने शासन को कायम रखने के लिए अगर
सम्प्रदायवाद की मदद की जरूरत हो तो वह उसका भी पोषण करने लगता है।
भाकपा की राज्य
कौंसिल की बैठक अभी जारी है और कल तक चलेगी। कौंसिल के निर्णयों से बैठक के बाद
अवगत कराया जायेगा।
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
मेरी ब्लॉग सूची
-
CPI Condemns Attack on Kanhaiya Kumar - *The National Secretariat of the Communist Party of India issued the following statement to the Press:* The National Secretariat of Communist Party of I...7 वर्ष पहले
-
No to NEP, Employment for All By C. Adhikesavan - *NEW DELHI:* The students and youth March to Parliament on November 22 has broken the myth of some of the critiques that the Left Parties and their mass or...8 वर्ष पहले
-
रेल किराये में बढोत्तरी आम जनता पर हमला.: भाकपा - लखनऊ- 8 सितंबर, 2016 – भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव मंडल ने रेल मंत्रालय द्वारा कुछ ट्रेनों के किराये को बुकिंग के आधार पर बढाते चले जाने के कदम ...9 वर्ष पहले
Side Feed
Hindi Font Converter
Are you searching for a tool to convert Kruti Font to Mangal Unicode?
Go to the link :
https://sites.google.com/site/technicalhindi/home/converters
Go to the link :
https://sites.google.com/site/technicalhindi/home/converters
लोकप्रिय पोस्ट
-
New Delhi : Communist Party of India(CPI) on August 20,2013 squarely blamed the Prime Minister and the F...
-
लाक डाउन के औचित्य- अनौचित्य पर दुनियां में गंभीर बहस छिड़ी हुयी है। यह बहस भारत में अभी भले ही शैशवकाल में हो पर दुनियां अन्य हिस्सों...
-
लखनऊ 6 दिसम्बर। बैंक कर्मचारियों की सबसे बड़ी यूनियन - एआईबीईए के आह्वान पर यू.पी. बैंक इम्पलाइज यूनियन की स्थानीय इकाई ने यूनियन बैंक आफ...
-
अलीगढ- आल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन (एआईएसएफ) का पश्चिमी उत्तर प्रदेश का क्षेत्रीय सम्मेलन 23मई, सोमवार को अलीगढ में संपन्न होने जारहा है....
-
हाशिमपुरा पर न्यायपालिका का फैसला संवैधानिक मूल्यों के प्रति उम्मीद जगाने वाला है भाकपा ने फैसले का किया स्वागत लखनऊ- 1 नवंबर 2018 ...
-
The Central Secretariat of the Communist Party of India has issued following statement to the press today: When the Government is conte...
-
पेट्रोल , डीजल की कीमतों में निरंतर और असहनीय उछाल के विरूध्द- उत्तर प्रदेश भर में वामपंथी दलों के व्यापक और जुझारू प्रदर्शन ल...
-
लखनऊ- भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी उत्तर प्रदेश के राज्य सचिव मंडल ने बाराबंकी में जहरीली शराब पीने से दर्जन भर नागरिकों की मौत पर गहरा दुःख...
-
कांबड़ियों की मौत प्रशासनिक अव्यवस्थाओं का परिणाम: भाकपा आस्थावानों को उकसा कर उन्हें राम भरोसे छोड़ देती है सरकार लखनऊ- 24 जुलाई ,2022,...
-
Claiming that anti- Congress and anti- BJP mood is prevailing in the country, CPI today said an alternative front of Left and regional p...


1 comments:
We shall fight. We shall win.
एक टिप्पणी भेजें