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गुरुवार, 7 मई 2015

सोंख और शामली की घटनाओं पर भाकपा ने राज्य सरकार की आलोचना की

लखनऊ 7 मई। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव मंडल ने आरोप लगाया है कि सोंख (मथुरा) और शामली में कानून-व्यवस्था के मामलों को हल न करने के कारण उन्होंने उग्र रूप ले लिया और यह घटनायें साम्प्रदायिकता का रूप लेते लेते बचीं। भाकपा ने इसके लिए राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन की लापरवाही और निष्क्रियता को जिम्मेदार ठहराया है।
यहां जारी एक प्रेस बयान में भाकपा के राज्य सचिव डा. गिरीश ने कहा कि सोंख में गत एक सप्ताह से एक मामले को लेकर तनाव व्याप्त था और उसकी खबरें समाचार पत्रों में भी लगातार आ रहीं थीं। इसी तरह शामली में जमातियों पर हुए हमलों के बाद तनाव पैदा हो गया था। लेकिन स्थानीय प्रशासन और राज्य सरकार ने अपरिहार्य कदम नहीं उठाये। शामली में तो सपा के विधायक ही लोगों को भड़काने में अगुआ थे। सरकार, प्रशासन और शासक पार्टी की वजहों से इन स्थानों पर तनाव पैदा हुआ और उन्होंने आपसी मुठभेड़ों का रूप ले लिया। अगर समय रहते जरूरी प्रशासनिक कदम उठाये गये होते तो शायद यह वारदातें नहीं हो पातीं। 
भाकपा ने इस बात पर गहरी चिन्ता व्यक्त की है कि इन छोटी-छोटी वारदातों का लाभ साम्प्रदायिक शक्तियां और दूसरे निहित स्वार्थी तत्व बड़े पैमाने पर साम्प्रदायिकता भड़काने को उठा सकते हैं जैसाकि उन्होंने लोक सभा चुनावों के पहले किया था। अतएव भाकपा राज्य सरकार से मांग करती है कि ऐसे मामलों में ठोस राजनैतिक पहल और प्रशासनिक कार्यवाही करने की आदत डाले वरना उत्तर प्रदेश की शान्ति और सौहार्द को ठेस पहुंच सकती है।



कार्यालय सचिव

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