भाकपा ने आंदोलनकारियों की गिरफ्तारी एवं लोकतान्त्रिक
आंदोलनों को कुचलने की निन्दा की
लखनऊ- 28 सितंबर 2020, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव मण्डल ने राज्य सरकार पर तीखे आरोप
लगाये कि वह महामारी का लाभ उठा कर जनवादी आंदोलनों को कुचल रही है, जबकि भाजपा और और संघ परिवार सहित तमाम संगठनों को हर तरह की गतिविधियों की
छूट दी हुयी है। भाकपा ने इन कार्यवाहियों की कड़े शब्दों में निन्दा की।
आज ही सरकार ने विपक्षी ताकतों के तमाम कार्यक्रमों
मे बाधा उत्पन्न की। निजीकरण के विरोध में मशाल जुलूस निकाल रहे बिजली कर्मचारी संघ
एवं अन्य सभी संगठनों के नेताओं को अभी शाम गिरफ्तार कर लिया। बहराइच में आज शहीद भगत
सिंह के जन्म दिवस पर रोजगार मार्च निकाल रहे भाकपा, नौजवान सभा
एवं स्टूडेंट्स फेडरेशन के कार्यकर्ताओं को बलपूर्वक रोका गया जबकि कई दिनों पहले कार्यक्रम
की अनुमति के लिये आवेदन कर दिया गया था। गत दिनों मऊ में क्रषि बिल की प्रतियाँ जला
रहे भाकपा जिला सचिव और किसान सभा के नेताओं को संगीन दफाओं में बन्द कर दिया। 25 सितंबर
को क्रषि बिल के खिलाफ प्रदर्शन करने वाले वामदलों, भाकपा एवं
अन्य दलों के प्रतिरोध प्रदर्शनो को ना केवल रोका गया अपितु मुकदमे तक दर्ज किये गये।
आज भी प्रदेश भर में विपक्षी दलों और कर्मचारी नेताओं की जगह जगह गिरफ्तारियाँ की गईं।
भाकपा ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार और केन्द्र सरकार
की जन विरोधी नीतियों और दमनकारी कारगुजारियों से जनता त्राहि त्राहि कर उठी है। राजनीतिक
दल और विभिन्न वर्गीय संगठन जनता का साथ दे रहे हैं और सड़क पर उतर रहे हैं। योगी सरकार
पुलिस के बल पर इन आंदोलनों को कुचलने पर आमादा है। वे ये भी भूल गये हैं कि वे उसी
लोकतान्त्रिक व्यवस्था के तहत सत्ता में आये हैं जिसको कि वे कुचलने का कुचक्र रच रहे
हैं। ये लोकतन्त्र और लोकतान्त्रिक संस्थाओं की हत्या का प्रयास है जिसमें उन्हें मुंह
की खानी पड़ेगी। न तो आंदोलनकारी पीछे हटेंगे न लोकतन्त्र को वे समाप्त कर पाएंगे।
डा॰ गिरीश, राज्य सचिव
भाकपा, उत्तर प्रदेश
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