एक हथौड़े वाला घर में और हुआ !
हाथी सा बलवान,
जहाजी हाथों वाला और हुआ !
सूरज-सा इंसान,
तरेरी आँखों वाला और हुआ !!
एक हथौड़े वाला घर में और हुआ!
माता रही विचार:
अँधेरा हरने वाला और हुआ !
दादा रहे निहार:
सबेरा करने वाला और हुआ !!
एक हथौड़े वाला घर में और हुआ !
जनता रही पुकार:
सलामत लाने वाला और हुआ !
सुन ले री सरकार!
कयामत ढाने वाला और हुआ !!
एक हथौड़े वाला घर में और हुआ !
- केदार नाथ अग्रवाल
1 comments:
कहाँ वो हथोड़े वाला, सब नकली हैं कहीं नहीं
एक टिप्पणी भेजें