लखनऊ 15 सितम्बर। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव मंडल ने केन्द्र सरकार द्वारा मल्टीब्रांड रिटेल में 51 फीसदी विदेशी निवेश, विमानन क्षेत्र में 49 प्रतिशत विदेशी निवेश, सार्वजनिक क्षेत्र की चार कंपनियों में विनिवेश तथा ब्राडकास्टिंग क्षेत्र में विदेशी निवेश की सीमा बढ़ा कर 74 प्रतिशत किये जाने के फैसलों को देश को विदेशी आर्थिक शक्तियों का गुलाम बनाने की संज्ञा देते हुए इन फैसलों को तत्काल वापस लेने की मांग की है।
भाकपा राज्य सचिव डा. गिरीश ने आरोप लगाया कि संप्रग-2 सरकार ने देश और देश की आम जनता के विरूद्ध घृणित युद्ध छेड़ दिया है। अब जनता को भी इस सरकार को इसी भाषा में जवाब देना होगा।
भाकपा राज्य सचिव ने कहा है कि इन फैसलों से घरेलू उद्योग एवं व्यापार बुरी तरह प्रभावित होंगे और बेरोजगारी बेतहाशा बढ़ेगी। भाकपा ने अपेक्षा जाहिर की है कि उत्तर प्रदेश सरकार इन फैसलों को प्रदेश में लागू नहीं करेगी। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि प्रदेश में इस फैसले को लागू किया गया तो भाकपा प्रदेश में विदेशी कंपनियों की घेराबंदी करेगी।
भाकपा राज्य सचिव ने बताया कि डीजल एवं रसोई गैस की मूल्यवृद्धि के विरूद्ध और खुदरा व्यापार में विदेशी निवेश के खिलाफ भाकपा की राष्ट्रीय परिषद के आह्वान पर आज प्रदेश के जिलों-जिलों में विरोध प्रदर्शन आयोजित किये गये और प्रधानमंत्री के पुतले फूंके गये। लखनऊ में विधान सभा पर प्रधानमंत्री का पुतला फूंका गया। आगरा में तो भाकपा ने इस आन्दोलन को ग्रामीण क्षेत्रों तक फैला दिया है और कई गांवों और कस्बों में प्रधानमंत्री के पुतले दहन किये गये। भाकपा का यह आन्दोलन आगे भी जारी रहेगा और गांव और शहरों में सभायें, नुक्कड़ सभायें, साईकिल मार्च और पद यात्रायें लगातार जारी रहेंगी।
भाकपा ने अपनी जिला कमेटियों को निर्देश दिया है कि वे इस सम्बंध में व्यापारिक एवं सामाजिक संगठनों द्वारा चलाये जा रहे आन्दोलनों का पुरजोर समर्थन करें और एकजुटता कार्रवाईयां आयोजित करें।
कार्यालय सचिव
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