यहां जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में भाकपा के राज्य सचिव डा. गिरीश ने कहा है कि कृषि उत्पादों - खाद, डीजल, बिजली, पानी, बीज की कीमतों में भारी बढ़ोतरी तथा महंगाई को देखते हुए गन्ना उत्पादन की कीमत में भारी बढ़ोतरी हुई है। लागत में हुई बढ़ोतरी तथा बढ़ती महंगाई के कारण किसानों का जीवन दूभर हो गया है। कृषि उत्पादों की कीमतों में हुई बढ़ोतरी के साथ-साथ चीनी के भावों में एक साल में हुई बढ़ोतरी को मद्देनजर रखते हुए वैसे तो गन्ने का समर्थन मूल्य रू. 350.00 प्रति क्विंटल से भी अधिक निर्धारित होना चाहिए परन्तु प्रदेश का किसान रू. 350.00 प्रति क्विंटल पर संतोष कर सकता है।
भाकपा राज्य सचिव डा. गिरीश ने कहा है कि प्रदेश की 113 चीनी मिलों में से केवल कुछ ही चीनी मिलों में पेराई अभी शुरू हुई है। आधा नवम्बर गुजर चुका है परन्तु अभी तक अधिकतर चीनी मिलों ने पेराई शुरू नहीं की है। सरकार ने सभी मिलों को पेराई शुरू करने के लिए भी कहना चाहिए जिससे खेतों में खड़ा गन्ना की कीमतें किसानों को मिलना शुरू हो सके।
भाकपा राज्य सचिव डा. गिरीश ने गन्ना मिलों पर किसानों के बकाये की अदायगी के बारे में भी सरकार के ढुलमुलपन की आलोचना करते हुए मांग की है कि सरकार को किसानों के बकाया धन की अदायगी के बारे में भी सख्ती करनी चाहिए।
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