फ़ॉलोअर
मंगलवार, 12 अगस्त 2014
at 4:29 pm | 0 comments |
शिक्षा का राष्ट्रीयकरण करो - एआईएसएफ
लखनऊ 12 अगस्त। ”शिक्षा के बाजारीकरण के फलस्वरूप शिक्षा नितान्त महंगी हो गई और उसके स्तर में भारी गिरावट आई है। शिक्षा व्यवस्था में भारी भ्रष्टाचार व्याप्त है और वे परचून की दुकान बन गये हैं। शिक्षा आम विद्यार्थी की पहुंच से बाहर होती जा रही है। गरीब छात्र अपने टैलेन्ट के अनुसार शिक्षा ग्रहण नहीं कर पा रहे हैं और उनके सपने चकनाचूर हो रहे हैं। अतएव आज शिक्षा को गरीब और आम छात्रों के लिए सुलभ बनाने के लिए और उसको रोजगार परक बनाने के लिए शिक्षा का राष्ट्रीयकरण किया जाना जरूरी है।“ यह निष्कर्ष था आल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन (एआईएसएफ) द्वारा अपने 78वें स्थापना दिवस पर ”शिक्षा का बाजारीकरण और आज का छात्र“ विषय पर आयोजित विचारगोष्ठी का। विचारगोष्ठी का आयोजन एआईएसएफ की लखनऊ इकाई ने किया था।
विचार गोष्ठी में विद्यार्थियों ने शिक्षा पर जीडीपी का 6 प्रतिशत खर्च करने, निजी शिक्षण संस्थाओं का राष्ट्रीयकरण करने, सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों को अपने बच्चों को सरकारी एवं अनुदानित स्कूलों में ही पढ़ाने का कानून बनाने जिससे इन विद्यालयों में शिक्षण का स्तर ऊंचा उठ सके, अनुसूचित जातियों-जनजातियों की तरह ही पिछड़ी जातियों एवं अल्पसंख्यक तबकों के विद्यार्थियों से भी दाखिलों के वक्त फीस न वसूल किये जाने, और अब तक ली जा चुकी फीस का रिफंड तत्काल करने तथा सिविल सर्विसेज परीक्षा में सीसैट समाप्त करने की मांगे भी उठाई गयीं।
विचार गोष्ठी में अपने विचार प्रकट करते हुए भाकपा राज्य सचिव डा. गिरीश ने कहा कि आज शिक्षा के निजीकरण के परिणामस्वरूप वह बेहद महंगी हो गई है और उसमें व्याप्त भारी भ्रष्टाचार के चलते उसकी गुणवत्ता में भी भारी गिरावट आई है, जिसका सीधा खामियाजा गरीब और आम समाज से आये हुए विद्यार्थियों को भुगतना पड़ रहा है। भूमंडलीकरण की नीतियों ने शिक्षा को सामाजिक लूट के औजार के रूप में विकसित किया है जिसमें संपन्न तबकों के लोग उच्च एवं महंगे शिक्षण संस्थानों में शिक्षा हासिल कर अपनी धन की हविश को पूरा करने का औजार बनाये हुए हैं। आज शिक्षा प्रणाली में आमूल-चूल परिवर्तन की जरूरत है ताकि वह गरीब और सामान्य तबकों को समाज में उनका हक दिलाने का औजार बन सके। एआईएसएफ को अपनी कार्यवाहियां इस लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए संगठित करनी चाहिए।
इस अवसर पर बैंक कर्मियों के नेता प्रदीप तिवारी ने कहा कि एआईएसएफ का जन्म स्वतंत्रता संग्राम के गर्भ से हुआ था लेकिन बाद में तमाम राजनीतिक दलों ने अपने-अपने दलों के छात्र संगठन गठित कर लिये और इस तरह निजी स्वार्थों को पूरा करने के लिए पूरे छात्र आन्दोलन को विघटित कर दिया। भूमंडलीकरण के दौर में शिक्षा संस्थानों में छात्र राजनीति में अराजकता और राज नेताओं की दलाली इन्हीं राजनैतिक ताकतों के द्वारा पैदा की गई। इस कारण उत्तर प्रदेश में छात्र आन्दोलन से छात्रों का मोह भंग सा हो गया। छात्र आन्दोलन की अनुपस्थिति में शिक्षा का बाजारीकरण सभी सरकारों के लिए आसान हो गया और हालात बद से बदतर हो गये।
विद्यार्थियों को सम्बोधित करते हुए प्रो. अहमद अब्बास ने छात्रों का आह्वान किया कि वे अपने साथ हो रही तमाम नाइंसाफियों के खिलाफ एकजुट होकर संघर्ष करें और इसे व्यवस्था परिवर्तन के संघर्ष से जोड़े। विचार गोष्ठी में विचार व्यक्त करने वाले अन्य वक्ता थे - डा. ए.के.सेठ, डा. बी.जी. वर्मा और मधुराम मधुकर।
गोष्ठी का संचालन एआईएसएफ की लखनऊ इकाई के संयोजक अमरेश चौधरी ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन फेडरेशन के प्रांतीय संयोजक ओंकार नाथ पाण्डेय ने किया। गोष्ठी में विषय पर हुई चर्चा में कु. उजरा अजीम, निकेतन सिंह, सुरेन्द्र यादव, संजय मोहन श्रीवास्तव, कुशेन्द्र सिंह, कु. सुधा पाल, दीपक शर्मा, कु. शालू मौर्या, दुर्गेश, कु. शिवानी मौर्या, मेराज अख्तर, शोभम प्रजापति, निर्मल गौतम, विकास चन्द्राकर और आदित्य मौर्या ने भाग लिया।
गोष्ठी के बाद एआईएसएफ कार्यकर्ताओं ने राज्य सरकार द्वारा लैपटॉप, टैबलेट और कन्या विद्या धन दिये जाने के वायदों को याद दिलाते हुए पोस्ट कार्ड पर मांगें दर्ज कर मुख्यमंत्री को भेजने के अभियान का शुभारम्भ किया।
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
मेरी ब्लॉग सूची
-
CUT IN PETROL-DIESEL PRICES TOO LATE, TOO LITTLE: CPI - *The National Secretariat of the Communist Party of India condemns the negligibly small cut in the price of petrol and diesel:* The National Secretariat of...6 वर्ष पहले
-
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी का चुनाव घोषणा पत्र - विधान सभा चुनाव 2017 - *भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी का चुनाव घोषणा पत्र* *- विधान सभा चुनाव 2017* देश के सबसे बड़े राज्य - उत्तर प्रदेश में राज्य सरकार के गठन के लिए 17वीं विधान सभा क...7 वर्ष पहले
-
No to NEP, Employment for All By C. Adhikesavan - *NEW DELHI:* The students and youth March to Parliament on November 22 has broken the myth of some of the critiques that the Left Parties and their mass or...7 वर्ष पहले
Side Feed
Hindi Font Converter
Are you searching for a tool to convert Kruti Font to Mangal Unicode?
Go to the link :
https://sites.google.com/site/technicalhindi/home/converters
Go to the link :
https://sites.google.com/site/technicalhindi/home/converters
लोकप्रिय पोस्ट
-
The question of food security is being hotly discussed among wide circles of people. A series of national and international conferences, sem...
-
HUNDRED YEARS OF INTERNATIONAL WOMEN'S DAY (8TH MARCH) A.B. Bardhan Eighth March, 2010 marks the centenary of the International Women...
-
Something akin to that has indeed occurred in the last few days. Sensex figure has plunged precipitately shedding more than a couple of ...
-
Political horse-trading continued in anticipation of the special session of parliament to consider the confidence vote on July 21 followed b...
-
अयोध्या- सर्वोच्च न्यायालय ने फैसला सुनाया है , समाधान अभी बाकी है सर्वोच्च न्यायालय की विशिष्ट पीठ द्वारा राम जन्मभूमि- बाबरी मस्...
-
( 5 फरबरी 2019 को जिला मुख्यालयों पर होने वाले आंदोलन के पर्चे का प्रारूप ) झूठी नाकारा और झांसेबाज़ सरकार को जगाने को 5 फरबरी 2019 को...
-
(कामरेड अर्धेन्दु भूषण बर्धन) हाल के दिनों में भारत में माओवादी काफी चर्चा में रहें हैं। लालगढ़ और झारखंड की सीमा से लगे पश्चिमी बंगाल के मिद...
-
लखनऊ- भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी उत्तर प्रदेश के राज्य सचिव मण्डल ने उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा विशेष सुरक्षा बल SSF के गठन को जनतंत्र ...
-
लखनऊ- 13 अगस्त- भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की उत्तर प्रदेश राज्य कमेटी ने गोरखपुर की ह्रदय विदारक घटना जिसमें कि अब तक 60 से अधिक बच्चों...
0 comments:
एक टिप्पणी भेजें