लखनऊ 22 जून। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी केन्द्र एवं उड़ीसा सरकार द्वारा जगतसिंहपुर जिले में पॉस्को के संयंत्र की स्थापना के लिए दी गयी मंजूरी के खिलाफ संघर्षरत है। सरकारों द्वारा इस मामले में अब तक उठाये गये सभी कदम देश के कानूनों का उल्लंघन हैं। पुराने एमओयू की अवधि समाप्त हो चुकी है। कोई नया एमओयू अस्तित्व में नहीं है। फिर भी सरकार आगे बढ़ती जा रही है। भूमि के अधिग्रहण के लिए उड़ीसा की राज्य सरकार बदतर पुलिस उत्पीड़न का सहारा ले रही है। सरकार पॉस्को को संयंत्र लगाने के लिए जिस भूमि को देना चाहती है वह महानदी डेल्टा में एक अति उपजाऊ भूमि है। विदेशी प्रत्यक्ष निवेश को आकर्षित करने के बहाने बदनाम पॉस्को को हर सम्भव मदद मुहैया कराने के लिए प्रतिबद्ध है और उसे पर्यावरण, सागर तट की प्रतिरक्षा, बड़ी संख्या में जनता के प्रतिस्थापन की रंचमात्र चिन्ता नहीं है।
अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय पूंजी के बढ़ते राजनीतिक दवाब में वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने अपनी खुद की विशेषज्ञ कमेटी की अनुशंसा के विपरीत सभी अनुमतियां जारी कर दी हैं। लेकिन अभय साहू के नेतृत्व में पॉस्को प्रतिरोध संग्राम समिति के बैनर तले वहां की जनता पिछले छः सालों से भूमि के अधिग्रहण के खिलाफ संघर्षरत है। प्रतिरोध की अगुआ कतारों में महिलायें एवं बच्चे के शामिल होने के तथ्य ने पूरे देश एवं पूरी दुनियां का ध्यान इस आन्दोलन की ओर खींचा है।
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी पॉस्को विरोधी जन आन्दोलन की अगुआ कतारों में रही है। अब यह केवल उड़ीसा की जनता का संघर्ष नहीं रह गया है। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की उत्तर प्रदेश राज्य परिषद अपने सभी सदस्यों एवं शुभचिंतकों के साथ उत्तर प्रदेश की जनता का आह्वान करती है कि जगतसिंहपुर की संघर्षरत जनता के साथ एकजुटता प्रकट करने के लिए 24 जून को पॉस्को विरोधी दिवस मनायें।
1 comments:
पास्को विरोधी दिवस मानाने हेतु किसी कार्यक्रम का उल्लेख इस आलेख या अन्यत्र न मिलने के कारण २४ जून हेतु 'पास्को का विरोध जायज है'शीर्षक से एक आलेख क्रान्तिस्वर पर पोस्ट कर देंगे.
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