उत्तर प्रदेश विधान सभा उपचुनाव परिणामों पर भाकपा की
प्रतिक्रिया-
जीत के लिये
भाजपा नहीं प्रमुख विपक्षी दलों की अहममन्यता जिम्मेदार
लखनऊ- 11 नवंबर 2020, भारतीय कम्युनिस्ट
पार्टी उत्तर प्रदेश के राज्य सचिव मंडल ने प्रदेश विधान सभा के चुनाव परिणामों पर
प्रतिक्रिया जताते हुये कहाकि यह भाजपा और उसकी नीतियों की जीत नहीं जैसा कि भाजपा
दावा कर रही है।
सच तो यह है कि यह उत्तर प्रदेश के मुख्य विपक्षी दलों
की मगरूरियत, जनवादी ताकतों की उनके द्वारा की गयी उपेक्षा और
अहंकारी नेताओं के आपसी टकराव की देन है। इससे प्रदेश की धर्मनिरपेक्ष लोकतान्त्रिक
ताकतों को तात्कालिक तौर पर धक्का लगा है और भाजपा को अनायास लाभ पहुंचा है।
भाकपा ने कहा कि भाजपा की केन्द्र और राज्य सरकार की
नीतियों और क्रियाकलापों से लोग नाराज हैं। किसान विरोधी तीन अधिनियम, श्रम क़ानूनों में बदलाव, पलायन और बेरोजगारी, कानून व्यवस्था की दुर्दशा और महिलाओं और कमजोर तबकों के उत्पीड़न, राशन वितरण, मनरेगा और किसान सम्मान निधि के वितरण में
धांधली, कोविड से निपटने में दोनों सरकारों की विफलता एवं लाकड़ाउन
के पालन कराने के नाम पर हुयी ज़्यादतियों, शिक्षा नीति में बदलाव
और कमजोर वर्गों को आनलाइन शिक्षा से वंचित रह जाना, महंगाई और
भ्रष्टाचार, आतंकवाद रोकने में असफलता और सुरक्षा बलों की लगातार
हो रही शहादतों, सीमाओं की रक्षा न कर पाना, संविधान और जनवादी अधिकारों पर हमले और राष्ट्रीय संपत्तियों की बिक्री तथा
अर्थव्यवस्था में ऐतिहासिक गिरावट से लोग बेहद नाराज थे और भाजपा को सबक सिखा सकते
थे।
परंतु अहममन्य और अकर्मण्य विपक्ष ने सभी लोकतान्त्रिक
शक्तियों और भाजपा विरोधी मतों को एकजुट करने का कोई प्रयास नहीं किया। यहाँ तक कि
लाकड़ाउन में भी जनता के सवालों पर सर्वाधिक मुखरित भाकपा, वामपंथ और अन्य लोकतान्त्रिक दलों से कोई संपर्क तक नहीं किया। फलतः इन दलों
के हजारों कार्यकर्ता और समर्थक सरकार की कुनीतियों और जनविरोधी क्रत्यों को उजागर
कर उसे शिकस्त देने की मुहिम का हिस्सा नहीं
बन सके।
इसलिये भाजपा की जीत के लिये भाजपा कम उत्तर प्रदेश
के प्रमुख विपक्षी दल अधिक जिम्मेदार हैं। वे अपनी इस ऐतिहासिक चूक से मुंह नहीं छिपा
सकते। वे जनता और लोकतान्त्रिक शक्तियों की भावनाओं को ठेस पहुँचाने के दायित्व से
मुकर नहीं सकते।
भाकपा ने कहा कि अभी भी समय है कि ये दल अपनी कार्यनीतियों
का पुनरीक्षण कर भूल सुधार की दिशा में कदम उठायेँ।
डा॰ गिरीश, राज्य सचिव
भाकपा, उत्तर प्रदेश
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