बालिकाओं
के साथ दरिंदगी और यौन अपराधों की बढ़ती वारदातों पर भाकपा ने गहरा क्षोभ और रोष जताया
जघन्य वारदातों
की नैतिक ज़िम्मेदारी ले सरकार, नहीं तो गद्दी छोड़े: भाकपा
लखनऊ- 18 नवंबर 2020, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव मण्डल ने उत्तर प्रदेश में अबोध बालिकाओं, महिलाओं के साथ दरिंदगी और उनकी जघन्य हत्याओं और बच्चों के यौन शोषण की घटनाओं
पर गहरा क्षोभ और रोष व्यक्त किया और इसके लिए राज्य सरकार की संगीन अपराधों के प्रति
मुजरिमाना उपेक्षा को जिम्मेदार ठहराया है।
यहाँ जारी एक प्रेस बयान में भाकपा ने कहा कि योगीराज
भोगीराज बन चुका है। एक के बाद एक हो रही वीभत्स वारदातों से दिल कांप उठता है। दीवाली
की रात प्रदेश के मुख्यमंत्री अयोध्या में जब 6 लखिया दीपालिका मना रहे थे, जनपद- कानपुर महानगर के घाटमपुर में उसी रात एक 6 वर्षीय बालिका के साथ बलात्कार
के बाद हत्या, उसका दिल, किडनी खा जाने
और आँखें फोड़ने की वारदात से पूरा प्रदेश हिल कर रह गया।
गत दिन जब प्रदेश के मुख्यमंत्री बद्रीनाथ- केदारनाथ
में घूम घूम कर पुण्य कमा रहे थे, बुलंदशहर जनपद में बलात्कार पीड़िता
दलित किशोरी को पेट्रोल छिड़क कर जला दिया जिसने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। चित्रकूट
में एक JE वर्षों से बच्चों- बच्चियों के
साथ दुष्कर्म कर वीडियो बना लाखों कमाता रहा और योगी सरकार अपने विभाजनकारी एजेंडे
में मस्त रही। सच तो यह है कि गत साल में बच्चों के साथ यौन शोषण की वारदातों में 22
फीसदी की बदोत्तरी हुयी है। यह प्रदेश में हर माह घट रही ऐसी हजारों वारदातों के चंद
उदाहरण हैं।
चोरी, छिनेती, लूट एवं हत्या आदि की वारदातों में भी भारी इजाफा हुआ है। दीवाली के दिनों
में ही नकली शराब के सेवन, पटाखा गोदामों में लगी आग और धनाढ्यों
द्वारा मनहूस तरीके से की गयी पटाखेबाजी के प्रदूषण से सैकड़ों की जानें चली गयीं और
भाजपा और उसकी सरकार जश्न में डूबी रही। सहिष्णुता की स्वस्थ भारतीय संस्क्रति को जहर
में बुझा कर संघ परिवार ने उसे हिन्दू संस्क्रति में बदल दिया है जो हमारे समाज और
उसके ताने बाने को तहस नहस कर रहे हैं। ये सरकार लोगों को तिल तिल कर मरने को मजबूर
कर रही है।
अफसोस तो इस बात का है कि अंधे युग की इन जघन्यतम वारदातों
की नैतिक ज़िम्मेदारी लेने के बजाय राज्य सरकार अपने कुशासन को जायज ठहरा रही है और
अपने इस रावणराज को रामराज्य साबित करने की असफल कोशिश कर रही है।
भाकपा सरकार से मांग करती है कि या तो जनता द्वारा सौंपी
ज़िम्मेदारी का निर्वाह करो नहीं तो त्यागपत्र दो।
डा॰ गिरीश, राज्य सचिव
भाकपा, उत्तर प्रदेश
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