बदायूं में मन्दिर में हुये सामूहिक बलात्कार और हत्या
की घटना के लिये ज़िम्मेदारी वहन करे राज्य सरकार
भाकपा ने कड़े शब्दों
में निन्दा की। कहा यूपी में कोई भी कहीं भी सुरक्षित नहीं।
लखनऊ- 6 जनबरी 2020, भारतीय कम्युनिस्ट
पार्टी के राज्य सचिव मण्डल ने जनपद- बदायूं
में पति के स्वास्थ्य के लिये मन्नत मांगने
गयी 50 वर्षीय महिला के साथ सामूहिक बलात्कार और उसकी जघन्य हत्या की कड़े शब्दों में
निन्दा की। हद तो तब हो गयी जब पुलिस ने पहले मुकदमा तक दर्ज करने से मना कर दिया।
भाकपा ने इस सबके लिये योगी सरकार की कार्यप्रणाली को सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहराया
है।
भाजपा और संघ का ये कैसा रामराज्य है जिसमें मंदिरों
तक में महिलाओं से दरिंदगी हो रही है? हाथरस, बलरामपुर और बलात्कार के अन्य दर्जनों मामलों की यादें जहन को अब भी झकझोर
रहीं थीं कि मन्दिर में हुये इस राक्षसी क्रत्य ने लोगों की आस्था पर चोट की है। धर्म
की दुहाई देकर वोट बटोरने वाली पार्टी का घिनौना और क्रूर चेहरा सामने आ गया है।
भाकपा ने कहा कि यदि यही घटना अन्य किसी धर्म के स्थल
में हुयी होती तो भाजपाइयों ने उसकी एक एक ईंट उखाड़ दी होती। लेकिन मन्दिर में हुये
इस कुक्रत्य पर भाजपा मुंह खोलने को तैयार नहीं। मुद्दों पर दोगलेपन की ये इंतिहाँ
है।
भाकपा का आरोप है कि उत्तर प्रदेश के जंगलराज में कोई
भी सुरक्षित नहीं। महिलाएं न घर में सुरक्षित हैं न मंदिरों में। किसान खेतों में सुरक्षित
नहीं और उन्हें आवारा पशु मार रहे हैं। आंदोलनो में जाने पर उन्हें पुलिस पीट रही है।
अन्त्येष्टि करने जाने वालों की लाशें शमशान घाट से घरों को पहुँच रही हैं। रोटी रोजगार
मांगने वाले और कर्ज में डूबे किसान आत्महत्या कर रहे हैं अथवा पुलिस प्रशासन द्वारा
दबोचे जा रहे हैं। ढेरों यात्री राजमार्गों पर दुर्घटनाओं में मारे जा रहे हैं। लूटपाट
और हर अपराध की बढ़ोत्तरियों ने आम नागरिकों का जीना मुश्किल कर दिया है।
हर मामले में राज्य सरकार कुछ अफसरों- कर्मचारियों पर
कार्यवाही कर अपनी वाहवाही लूट लेती है। जबकि इस सबके लिये सरकार की असफलता सबसे बड़ा
कारण है। सरकार को इनकी ज़िम्मेदारी कबूल करनी चाहिए।
भाकपा ने पीड़िता के परिवार के परिवार के प्रति संवेदना
जताते हुये उसे न्याय दिलाने और सरकार द्वारा ज़िम्मेदारी वहन करने की मांग की।
डा॰ गिरीश, राज्य सचिव
भाकपा, उत्तर प्रदेश
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