भाकपा के प्रतिनिधिमंडल ने अलीगढ़ के गांव किवलाश पहुंच
दलित बिटिया की हत्या के संबंध में गांववासियों से भेंट की, घटनास्थल का निरीक्षण किया
पुलिस द्वारा गढ़ी गयी कहानी को संदेहास्पद बताते हुये
घटना की सीबीआई से जांच की मांग की
लखनऊ/ अलीगढ़- 3 मार्च 2021, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, उत्तर प्रदेश के राज्य सचिव
डा॰ गिरीश के नेत्रत्व में भाकपा का एक प्रतिनिधि मंडल आज अलीगढ़ जनपद के थाना- अकराबाद
अंतर्गत किवलाश गांव पहुंचा। प्रतिनिधि मंडल में राज्य काउंसिल सदस्य एवं जिला सचिव
अलीगढ़ का॰ सुहेव शेरवानी, सहसचिव का॰ इरफान अंसारी, का॰ हरीश लोदी, भाकपा हाथरस के कार्यकारी सचिव का॰ संजय
खान, सहसचिव का॰ सत्यपाल रावल, मोहम्मद
मुकीम एवं आल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन ( एआईएसएफ़ ) हाथरस के जिला सचिव हितेश अंबेडकर
आदि शामिल थे।
प्रतिनिधि मंडल ने घटनास्थल का बारीकी से निरीक्षण किया।
घटना के संबंध में गांववासी स्त्री- पुरुषों से जानकारी ली। पीड़िता के परिवार को पुलिस
ने थाना- अकराबाद बुला लिया था, प्रतिनिधि मंडल जब उनसे मिलने
थाना पहुंचा तो वे वहाँ से जा चुके थे। अतएव उनसे भेंट न हो सकी। गांव में स्थित डा॰
भीमराव अंबेडकर प्रतिमा के समक्ष उपस्थित गांववासियों को डा॰ गिरीश ने संबोधित किया।
प्रतिनिधि मंडल ने अकराबाद थाने के समीप मौजूद पत्रकारों के साथ वार्ता की, और घटना के संबंध में भाकपा का पक्ष रखा।
किवलाश गांव में गांववासियों और अकराबाद में मीडियाकर्मियों
को संबोधित करते हुये भाकपा राज्य सचिव डा॰ गिरीश ने कहाकि नाबालिग और वह भी कम विकसित
ज्ञानेन्द्रियों वाली बालिका के साथ दुष्कर्म करने की कोशिश और असफल रहने पर बहशी तरीके
से की गई हत्या रोंगटे खड़े करने वाली है। घटनास्थल के निरीक्षण से पता लगता है कि जहां
हत्या की गयी वहां से लाश को घसीट कर कई मीटर दूर ला कर पटक दिया गया। इतनी जघन्य वारदात
को शातिरों का कोई ग्रुप ही अंजाम दे सकता है। लेकिन पुलिस ने पड़ोसी गांव के एक अवयस्क
युवक पर आरोप निरूपित कर मामले से पल्ला झाड लिया है। पुलिस द्वारा गड़ी गयी कहानी में
कई झोल हैं और उस पर सहज विश्वास नहीं किया जा सकता। गत दिनों उन्नाव में तीन बहिनों
की जहरखुरानी, जिसमें दो की घटनास्थल पर ही मौत हो गयी थी के बारे
में भी पुलिस ने ऐसी ही कहानी गड़ी थी।
सुहेव शेरवानी ने पत्रकारों को बताया कि पुलिस की इस
कहानी पर न तो गांववासियों को विश्वास हो रहा है और थाने के बाहर मौजूद जनसमुदाय भी
इस कहानी को नकार रहा है। अतएव घटना की सचाई सामने आनी चाहिए।
डा॰ गिरीश ने कहाकि पीड़िता के परिवार को न्याय मिलना
चाहिये, और सचाई को उजागर करने को घटना की जांच सीबीआई को सौंपनी चाहिये। उन्होने
आरोप लगाया कि भाजपा शासन में बालिकायेँ, महिलाएं और आम नागरिक
कोई भी सुरक्षित नहीं हैं। अपराधी बेखौफ हो वारदातों को अंजाम देरहे हैं और मुख्यमंत्री
विपक्ष को प्रताड़ित करने में जुटे हैं। गत दिनों विधान सभा में उनके द्वारा विपक्ष
को अशिष्ट भाषा में धमकी दी गयी जो कि लोकतन्त्र के लिये खतरा है। मुख्यमंत्री को बंगाल
की नहीं यूपी की फिक्र करनी चाहिये- जो कि जंगलराज बन चुका है।
भाकपा ने किवलाश की दलित बिटिया को न्याय दिलाने और
शातिर अपराधियों को जेल के सींखचों के पीछे पहुंचाने के लिये घटना की सीबीआई जांच करने
की मांग की।
डा॰ गिरीश, राज्य सचिव
भाकपा, उत्तर प्रदेश
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