कहा- ईवेंटफुल कारगुजारियों पर समय जाया करने के बजाय
लोगों के जीवन की रक्षा करे राज्य सरकार
लखनऊ- 3 सितंबर 2021, भारतीय कम्युनिस्ट
पार्टी के राज्य सचिव मंडल ने कहाकि राज्य सरकार की मुजरिमाना लापरवाही और स्वास्थ्य
सेवाओं की उपेक्षा के चलते आज डेंगूनुमा जानलेवा बुखार का प्रदेश में दायरा बढ़ता ही
जारहा है और यदि अब भी तत्काल कारगर कदम नहीं उठाये गये तो यह भी कोरोना की दूसरी लहर
की तरह प्रदेश में हा हाकार मचा देगा। भाकपा ने राज्य सरकार को आगाह किया कि वो अपने
नाटकीय क्रत्यों का परित्याग कर महामारी से लोगों को बचाने को युद्ध स्तर पर कार्यवाही
करे।
एक प्रेस बयान में भाकपा राज्य सचिव मंडल ने कहाकि आगरा
मंडल के मथुरा और फीरोजाबाद जनपदों में एक माह में बच्चों एवं बड़ों की सैकड़ों जान लेचुकी
बीमारी आज आगरा, अलीगढ़, मेरठ, सहारनपुर, मुरादाबाद, बरेली, कानपुर आदि मंडलों में पाँव पसार चुकी है और हजारों लोगों को अपनी चपेट में
लेचुकी है। हालात यह हैं कि सीएचसी, पीएचसी एवं अन्य सरकारी अस्पतालों
में पलंग न मिल पाने से लोग बेंचों और बराण्डों में इलाज कराने को मजबूर हैं अथवा निजी
अस्पतालों में लुटने- पिटने और जान गँवाने को अभिशप्त है। अकेले फीरोजाबाद में ही सत्तर
से अधिक लोगों की जानें जा चुकी हैं और वहां का मेडिकल कालेज और कई निजी अस्पताल मरीजों
से अटे पड़े हैं।
कोरोना की दूसरी लहर जैसी भयावह स्थिति आ उपस्थित होने
के बावजूद न तो प्रदेश में कहीं फागिंग होती दिख रही है न कीटनाशकों का छिड़काव। अधिकांश
नगर निकायों और विविध पंचायतों को जबरिया हथियाए बैठी भाजपा का ध्यान साज सफाई पर भी
नहीं है। कोविडकाल से ही भाकपा और वामपंथी पार्टियां स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार और
उन्हें प्रभावी बनाने की मांग कर रहीं थीं, मगर उस ओर ध्यान देने
के बजाय राज्य सरकार वोट बटोरने की गरज से ईवेंटफुल कारगुजारियों में जुटी रही।
परिणाम यह है कि एक और महामारी ने प्रदेश को अपनी गिरफ्त
में लेलिया और सरकार बयानों, विजिट्स और कुछ तबादलों पर लटक
कर रह गयी है। भले ही राज्य सरकार कोरोना को हराने के दंभपूर्ण दावे करे लेकिन अभी
भी प्रदेश में कोरोना उपस्थिती दर्ज करा रहा है। विगत 24 घंटों में ही राजधानी लखनऊ
में कोरोना के सात मरीजों सहित 18 जनपदों में कोरोना पाजिटिव केस मिले हैं। लापरवाहियों
के चलते यह कभी भी छलांग भर सकता है।
सरकार और सत्ताधारी दल न केवल लोगों के स्वास्थ्य के
प्रति उपेक्षा बरत रहे हैं अपितु बीमारियों के प्रसार की राह हमवार कर रहे हैं। विपक्ष
की जहां लोकतान्त्रिक और प्रोटोकाल पालन करने वाली कार्यवाहियाँ बाधित की जारही हैं, वहीं शासक दल की कथित जन आशीर्वाद यात्राओं में प्रोटोकाल की धज्जियां उड़ाई
जारही हैं। एक नेता के स्म्रति भोज में एकत्रित लाखों भोजनार्थियों जिनमें 90 प्रतिशत
भाजपायी थे, ने सारे नियम कानूनों और कोविड प्रोटोकाल को हवा
में उड़ा दिया। आश्चर्य की बात है कि तबलीगी जमात पर चीख चीख कर कोरोना फैलाने के आरोप
लगाने वाले टीवी चेनलों ने वहाँ हुयी मारामारी की एक झलक तक नहीं दिखाई।
भाकपा ने सरकार से मांग की कि तत्काल प्रदेश के ग्रामीण
क्षेत्रों में कारगर सफाई अभियान चलवाये, व्यापक पैमाने पर
फागिंग और कीटनाशक छिड़कवाए, अस्पतालों में मानवीय गरिमा के अनुकूल
इंडोर वार्ड्स और पलंगों की व्यवस्था कराये, दवाओं और जांच की
माकूल व्यवस्था कराये तथा स्वास्थ्य विभाग की सक्षम और संसाधनों से युक्त टीमें गांवों
और शहरी आबादियों में पहुंच कर छानबीन, जांच और इलाज को अंजाम
दें।
वोटों की लालसा में सामाजिक विभाजन के लिये नाम बदलने
और आस्था के दोहन के लिये शराब और मीट बंदी जैसे कामों में लिप्त सरकार से अपेक्षा
की जाती है कि वह उन लोगों के जीवन बचाने और जीवनयापन को प्राथमिकता दे जिनके कि वोटों
से चुन कर वह सत्तारूढ़ हुयी है, भाकपा ने कहा है।
डा॰ गिरीश, राज्य सचिव
भाकपा, उत्तर प्रदेश
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