जातिगत जनगणना
से मुकरने से भाजपा सरकार का असली चेहरा सामने आया
भाकपा ने 2021 की जनगणना में जाति को शामिल करने
की मांग को पुनः दोहराया
लखनऊ- 24 सितंबर 2021, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने कहाकि कठिन और बोझिल प्रक्रिया बता कर जातिगत
जनगणना को टालने के निर्णय से भाजपा की केन्द्र सरकार का असली चेहरा सामने आगया है।
ज्ञात हो कि सर्वोच्च न्यायालय को केन्द्र सरकार ने सूचित किया है कि 2011 की जनगणना
में जाति को जोड़ने को लेकर अनेक कठिनाइयां आयी थीं, अतएव जातिगत
जनगणना न कराये जाने का नीतिगत निर्णय लिया गया है।
यहां जारी एक प्रेस बयान में भाकपा राज्य सचिव मंडल
ने अपनी इस मांग को जोरदार शब्दों में दोहराया कि 2021 की जनगणना में जाति को शामिल
किया जाये। इससे सामाजिक संरचना पर पड़े रहस्य के पर्दे हटेंगे और अवसरों के न्यायपूर्ण
वितरण के आधार मजबूत होंगे।
भाकपा राज्य सचिव मंडल ने कहा कि अपने कारपोरेटपरस्त, तानाशाह और सांप्रदायिक एजेंडे को लागू करने और सत्ता शिखर तक पहुँचने को
भाजपा और उसकी सरकार जिन जातियों को ईंधन की तरह इस्तेमाल करती है, उन्हीं को न्याय से वंचित रखने में उसे जरा भी गुरेज नहीं होता। वह धड़ल्ले
से जाति को जनगणना में शामिल करने के सवाल से भाग रही है। भाकपा इसे बर्दाश्त नहीं
करेगी और उसके कार्यकर्ता इस सवाल को जनता के बीच ले जायेंगे।
भाकपा ने कहा कि उत्तर प्रदेश की विपक्षी पार्टियों
को इस सवाल पर एकजुट हो आवाज उठानी चाहिये और भाजपा सरकार को अपने इस तुगलकी फैसले
को वापस लेने को बाध्य करना चाहिये।
डा॰ गिरीश, राज्य सचिव
भाकपा, उत्तर प्रदेश
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