भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी का प्रकाशन पार्टी जीवन पाक्षिक वार्षिक मूल्य : 70 रुपये; त्रैवार्षिक : 200 रुपये; आजीवन 1200 रुपये पार्टी के सभी सदस्यों, शुभचिंतको से अनुरोध है कि पार्टी जीवन का सदस्य अवश्य बने संपादक: डॉक्टर गिरीश; कार्यकारी संपादक: प्रदीप तिवारी

About The Author

Communist Party of India, U.P. State Council

Get The Latest News

Sign up to receive latest news

फ़ॉलोअर

रविवार, 5 जून 2022

बुलडोजरवाद पुलिसराज के तले कराह रहा है उत्तर प्रदेश


हापुड़ में फैक्ट्री मजदूरों की दर्दनाक मौत पर भाकपा ने गहरी वेदना प्रकट की

भाकपा की मेरठ मंडल की इकाइयों को आवश्यक कदम उठाने और 8 जून को

ज्ञापन दिये जाने का निर्देश दिया

लखनऊ- 5 जून 2022, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी उत्तर प्रदेश के राज्य सचिव मंडल ने जनपद- हापुड़ के धौलाना में एक फैक्ट्री में हुये हादसे में अब तक हुयी 13 मजदूरों की दर्दनाक मौत पर गहरी वेदना व्यक्त की। घायलों के प्रति गहरी सहानुभूति जताते हुये उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की तथा आशा जतायी कि लापता मजदूर शीघ्र अपने परिवारों को वापस मिल जायेंगे। घायलों के संपूर्ण और समुचित इलाज की मांग करते हुये प्रत्येक म्रतक परिवार को रुपये 50 लाख की  आर्थिक सहायता तथा घायलों को इलाज और आजीविका खर्च अलग से दिये जाने की मांग की।

भाकपा ने घटना की उच्च स्तरीय जांच कराये जाने और उत्तर प्रदेश के उद्योगों में मजदूर वर्ग के शोषण उनके उत्पीड़न और उनकी असुरक्षा जैसे सवालों पर न्यायिक आयोग बैठाये जाने की मांग की।

यहां जारी एक प्रेस बयान में भाकपा राज्य सचिव मंडल ने कहा कि उत्तर प्रदेश का कथित विकास का माडल मजदूर वर्ग की यातनाओं, शोषण और उनकी जान की नींव पर खड़ा है। श्रम क़ानूनों को चार लेबर कोड्स में बदले जाने के बाद से तो मजदूरों की हालत कीड़े मकोड़ों जैसी हो गयी है। उन्हें बेहद कम वेतन, ठेके या दैनिक मजदूरी पर हर तरह से असुरक्षित और अमानवीय वातावरण में काम करना होता है। बिजली के खंभों में करेंट आ जाने, बिना सुरक्षा उपकरणों के सीवर लाइनों में काम करने, सड़कों और पुलों के जोखिमपूर्ण कामों में बिना सुरक्षा इंतज़ामों के लगाने और भाजपा की इंस्पेक्टर राज समाप्त करने की सनक के चलते हर रोज मजदूर जान से हाथ धो रहे हैं और सरकार की अनदेखी उनके परिवारों को असुरक्षित भविष्य की अन्धी गली में धकेल रही है।

वैसे भी बुलडोजरवाद और पुलिसराज के तहत कशमशा रहे उत्तर प्रदेश का हर दिन बेहद पीड़ादायक होता है। आज की ही खास खबरों पर नजर डालें तो मथुरा जनपद के गाँव नवादा में भाजपा नेता की फैक्ट्री में चौकीदार को चारपाई से बांध ट्रेक्टर चड़ा कर उसकी न्रशंस हत्या कर दी गयी। इसी जनपद के विद्यापति नगर थाने के मऊ बाज़ार में गरीबी और आर्थिक तंगी से आजिज़ आकर मनोज झा ने बूढ़ी माँ और परिवार के 5 सदस्यों सहित आत्महत्या कर ली। बदायूं में थर्ड डिग्री देकर पुलिसकर्मियों ने एक युवक को मरणासन्न हालत में पहुंचा दिया तो जनपद जौनपुर में होमगार्ड को पीट पीट कर मार डाला गया। कहीं ट्यूशन टीचर के पति ने छात्रा से मुंह काला किया तो कहीं बलात्कार पीड़िता ने न्याय न मिलने पर फांसी पर लटका लिया। हत्या लूट अपहरण और बलात्कार तो यहां रामराज्य के आभूषण बन चुके हैं।

पर यह खबरें कानपुर की पत्थरबाजी और ज्ञानवापी की नक्काशी की तरह भक्तों को उद्वेलित नहीं करतीं। नहीं साधुवेशधारी श्रीमानों का खून खौलता है। गरीबों के हितैषी होने का करोड़ों रुपये वाला विज्ञापन चलवाने वाले पीएम और सीएम के कार्यालयों के अफसर उनके नाम से घड़ियाली आँसू बहाने वाला ट्वीटर जारी कर कर्तव्य की इतिश्री कर लेते हैं। ऐसे में गरीबों को न्याय की उम्मीद कैसे की जाये। प्रदेश के ऐसे हालातों पर जितना अफसोस जताया जाये कम है।

भाकपा पुनः मांग करती है कि हापुड़ के मजदूरों को न्याय दिलाने को हर संभव और पारदर्शी कदम उठाये जायें। जांच के दायरे में श्रम/ उद्योग विभागों और प्रशासन की ज़िम्मेदारी को शामिल किया जाये। भाकपा ने अपनी मेरठ मंडल की इकाइयों को आवश्यक कदम उठाने और इस संबंध में 8 जून को मंडल भर में ज्ञापन दिये जाने के निर्देश दिये हैं।

डा॰ गिरीश, राज्य सचिव

भाकपा, उत्तर प्रदेश   

0 comments:

एक टिप्पणी भेजें

Share |

लोकप्रिय पोस्ट

कुल पेज दृश्य