फ़ॉलोअर
शनिवार, 10 अप्रैल 2010
at 2:31 pm | 0 comments | प्रदीप तिवारी
सरकारों की संवेदनहीनता के परिणामस्वरूप अब गेहूं किसानों के लूटने की बारी
किसी खाद्यान्न का न्यूनतम समर्थन मूल्य वह कीमत होती है जिस पर केन्द्र एवं राज्य सरकारें अपनी-अपनी एजेंसियों की मार्फत किसानों से सीधे उस खाद्यान्न की खरीदारी करती हैं। लेकिन अगर सरकार केवल न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित करें परन्तु उस मूल्य पर खाद्यान्न की खरीदारी न करें तो निश्चित रूप से बाजार कीमतों को निर्धारित करता है। बाजार में छोटे एवं मझोले किसानों तथा उन किसानों जिन्होंने साहूकारों या बैंकों से ऋण लेकर फसल उगाई है, के पास अपने कृषि उत्पाद को बेचने के अलावा कोई विकल्प नहीं होता। वणिक वर्ग जितनी कीमतें कम कर सकता है, करता है और किसानों को लूटता है। ऐसा ही कुछ आज कल उत्तर प्रदेश के गेहूं किसानों के साथ हो रहा है। गेहूं का घोषित समर्थन मूल्य रू. 1,100.00 प्रति क्विंटल है।उत्तर प्रदेश की जनता के प्रति केन्द्रीय सरकार का सौतेलापन जारी है। उत्तर प्रदेश का भौगोलिक क्षेत्रफल पंजाब एवं हरियाणा जैसे राज्यों से बहुत ज्यादा है। पूरे प्रदेश में गेहूं की खेती होती है। प्रदेश के कुछ इलाकों की पैदावार पंजाब एवं हरियाणा जैसे राज्यों के बराबर है। राज्य में इस वर्ष गेहूं का अनुमानित उत्पादन 29.5 मिलियन टन हुआ है जो पूरे देश के गेहूं उत्पादन का लगभग 35 प्रतिशत होता है। केन्द्र सरकार इस साल उत्तर प्रदेश के किसानों से केवल 1 लाख टन गेहूं खरीदेगी जबकि संवेदनहीन राज्य सरकार केवल 39 लाख टन यानी दोनों सरकारें कुल मिला कर केवल 4.00 मिलियन टन गेहूं की खरीदारी करेंगी जबकि केन्द्र सरकार पंजाब से 115 लाख टन और हरियाणा से 70 लाख टन गेहूं की खरीदारी करेगी। उत्तर प्रदेश में कुल 71 जिलें हैं जबकि एफसीआई ने अब तक केवल 48 खरीद केन्द्र स्थापित किये हैं और राज्य सरकार ने क्या किया है, इसका पता उसे खुद नहीं है।परिणाम सामने है। पंजाब, हरियाणा एवं राजस्थान में खुले बाजार में किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य रू. 1100.00 प्रति क्विंटल या इससे ज्यादा मिल रहा है जबकि गेहूं का आज का बाजार भाव सीतापुर, लखीमपुर, शाहजहांपुर, बरेली, हरदोई आदि स्थानों पर रू. 900.00 प्रति क्विंटल से रू. 950.00 प्रति क्विंटल है। पंजाब एवं हरियाणा की आटा मिलों के मालिक वहां पर गेहूं खरीदने के बजाय उत्तर प्रदेश का रूख कर चुके हैं जिसके कारण कीमतें कुछ अच्छी है वरना उत्तर प्रदेश सरकार और यहां के वणिकों का बस चलता तो इन कीमतों को कुछ और गिरा देते। पंजाब और हरियाणा की आटा मिलों के मालिकों को फायदा यह है कि ढुलाई की कीमत जोड़ने के बाद भी उन्हें लगभग रू. 200.00 प्रति क्विंटल की बचत हो रही है। किसान लुट रहा है। राज्य सरकार संवेदनहीन है। केन्द्र सरकार का सौतेलापन जारी है। क्या किसान इसके लिए खुद जिम्मेदार हैं? यह एक सवाल है जिसका जवाब तलाशना होगा।दूसरी ओर शहरों में ब्रांडेड आटा रू. 18.00 प्रति किलो से अधिक कीमत पर बिक रहा है जबकि स्थानीय आटा चक्कियों या आटा मिलों का आटा रू. 16.00 प्रति किलो या इससे अधिक कीमत पर ही बिक रहा है। उनकी कीमतों में कोई विशेष गिरावट नहीं आयी है।उत्तर प्रदेश के किसानों के सामने एक समस्या है। आखिर वे क्या करें? जिस प्रकार तापमान ऊंचा उठ रहा है, आग लगने की घटनायें बढ़ती जा रही हैं। उच्च तापमान से गेहूं के खराब होने का भी खतरा है। स्टोरेज की कोई व्यवस्था उनके पास है नहीं। न बेचें तो कैसे ऋण अदा करें और कैसे अन्य खर्चों को पूरा करें।यह कोई नई बात नहीं है। उत्तर प्रदेश की जनता के साथ ऐसा सलूक बहुत सालों से होता आ रहा है। सवाल उठता रहा है, आज भी उठ रहा है - ”कोई तो सूद चुकाये, कोई तो जिम्मा ले, उस इंकलाब का जो आज तक उधार सा है।“
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
मेरी ब्लॉग सूची
-
CUT IN PETROL-DIESEL PRICES TOO LATE, TOO LITTLE: CPI - *The National Secretariat of the Communist Party of India condemns the negligibly small cut in the price of petrol and diesel:* The National Secretariat of...5 वर्ष पहले
-
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी का चुनाव घोषणा पत्र - विधान सभा चुनाव 2017 - *भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी का चुनाव घोषणा पत्र* *- विधान सभा चुनाव 2017* देश के सबसे बड़े राज्य - उत्तर प्रदेश में राज्य सरकार के गठन के लिए 17वीं विधान सभा क...7 वर्ष पहले
-
No to NEP, Employment for All By C. Adhikesavan - *NEW DELHI:* The students and youth March to Parliament on November 22 has broken the myth of some of the critiques that the Left Parties and their mass or...7 वर्ष पहले
Side Feed
Hindi Font Converter
Are you searching for a tool to convert Kruti Font to Mangal Unicode?
Go to the link :
https://sites.google.com/site/technicalhindi/home/converters
Go to the link :
https://sites.google.com/site/technicalhindi/home/converters
लोकप्रिय पोस्ट
-
सहारनपुर की स्थिति को शीघ्र काबू में करे राज्य सरकार: भाकपा लखनऊ- 10 मई 2017, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव मंडल ने आरोप लगाया है क...
-
कर्जमाफी: एक बार फिर ठगे गये किसान – भाकपा लखनऊ- 4 अप्रेल 2017, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव मंडल ने कहा है कि उत्तर प्रदेश के कि...
-
भारतीय खेत मजदूर यूनियन की केन्द्रीय कार्यकारिणी समिति की बैठक 23 एवं 24 अगस्त 2010 को नई दिल्ली में यूनियन के अध्यक्ष अजय चक्रवर्ती पूर्व स...
-
लखनऊ- उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की पीसीएस(प्री) परीक्षा का परचा लीक होने, और उससे संबंधित मांगों पर आन्दोलन कर रहे अभ्यर्थियों को इलाहाबाद...
-
कामेरड अजय घोष द्वारा पार्टी संविधान में परिवर्तन के लिए अमृतसर में विशेष पार्टी महाधिवेशन बुलाया था जिसमें पार्टी ने घोषित किया था- ‘‘कम्य...
-
लखनऊ 12 सितम्बर। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की राज्य मंत्रिपरिषद की ओर से जारी प्रेस बयान में पार्टी के राज्य सह सचिव अरविन्द राज स्वरूप न...
-
लखनऊ- उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जनपद में 3 दिसंबर को हुये अराजकता के नाच को जिसमें कि एक कर्तव्यनिष्ठ पुलिस इंस्पेक्टर की हत्या और एक ...
-
लखनऊ- २६ अप्रैल २०१४. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव मंडल ने कल लखनऊ में बाबा रामदेव द्वारा दलितों, दलित लड़कियों और महिलाओं के प्रत...
-
लखनऊ 22 जून। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी केन्द्र एवं उड़ीसा सरकार द्वारा जगतसिंहपुर जिले में पॉस्को के संयंत्र की स्थापना के लिए दी गयी मंजूरी...
-
इक्कीसवाँ सम्मेलन ए0आई0एस0एफ0 का इक्कीसवाँ सम्मेलन त्रिची, तमिलनाडु में 28-31 जनवर 1983 को हुआ। मार्च 1983 को दिल्ली में 7वाँ ...
0 comments:
एक टिप्पणी भेजें