भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी एवं अन्य वामपंथी दलों के राष्ट्रीय आह्वान पर उत्तर प्रदेश के समस्त जनपदों में आम जनता के लिये खाद्य सुरक्षा के मुद्दे पर आज ‘राष्ट्रीय मांग दिवस’ मनाया गया।
विभिन्न जनपदों की पार्टी इकाइयों ने मांग दिवस मनाने के लिए धरने, प्रदर्शनों एवं जुलूसों का आयोजन किया। राष्ट्रीय नेतृत्व ने निर्णय किया था कि मांग दिवस पर विरोध प्रदर्शन जिला मुख्यालयों अथवा शहर की सीमाओं में एफसीआई के गोदामों के समक्ष कार्यक्रम आयोजित किया जाये।
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी एवं अन्य वाम दलों ने आम जन की खाद्य सुरक्षा की प्राप्ति के लिये मांग की है कि बीपीएल एवं एपीएल के बटवारे के स्थान पर समस्त जनता के लिये सार्वजनिक वितरण प्रणाली लागू की जाये। खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अधिकतम दो रूपये प्रति किलो के हिसाब से कम से कम 35 कि.ग्रा. अनाज हर परिवार को उपलब्ध कराया जाये, योजना आयोग के गरीबी पर जारी किये गये फर्जी आंकडे खारिज किये जायें तथा इन आंकड़ों को कल्याणकारी योजनाओं के आबंटन का आधार न बनाया जाये, किसानों की उपज की लाभकारी कीमतें दी जायें और उनकी जरूरतों की सामग्री कम दामों पर उपलब्ध कराई जाये तथा इस विषय में स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू किया जाये, समस्त जनता के लिए राशन की गारंटी की जाये, कैश कूपन देने का फैसला निरस्त किया जाये तथा सार्वजनिक वितरण प्रणाली को सार्वभौमिक और भ्रष्टाचारमुक्त बनाया जाये। इन मांगों के साथ-साथ मंहगाई, भ्रष्टाचार एवं काले धन के सवालों को भी उठाया गया।
12 सितम्बर के पूर्व इन मुद्दों को आम जनता के बीच ले जाने के लिए पूरे प्रदेश में 27 अगस्त से 11 सितम्बर तक पूरे पखवाडे व्यापक प्रचार अभियान चलाया गया तथा इस अभियान में पद यात्रायें, आम सभायें, नुक्कड़ सभायें, साईकिल मार्च और संवाददाता सम्मेलन आयोजित किये गये।
समाचार भेजे जाने तक भाकपा राज्य कार्यालय पर 60 जिलों से सूचनायें प्राप्त हो चुकी हैं। लखनऊ, सीतापुर, कानपुर, कानपुर (देहात), वाराणसी, गोरखपुर, इलाहाबाद, फैजाबाद, आगरा, हाथरस, अलीगढ़, मेरठ, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, गाजियाबाद, मऊ, आजमगढ़, गाजीपुर, बलिया, जौनपुर, बागपत, मैनपुरी, देवरिया, चंदौली, बांदा, अलीगढ़, गाजियाबाद, बलरामपुर आदि जिलों में असरदार कार्यक्रम सम्पन्न हुए। उरई में हजारों की संख्या में जनता ने भागीदारी की तथा कलेक्ट्रेट में पुलिस घेरे को तोड़ कर बड़ी आम सभा की। कार्यक्रम को सम्पन्न करने के बाद प्रधानमंत्री के नाम सम्बोधित ज्ञापन जिलाधिकारियों को दिये गये।
इस अवसर पर पार्टी की राज्य मंत्रिपरिषद के साथियों एवं पदाधिकारियों ने विभिन्न जिलों में उपस्थित रहकर कार्यकर्ताओं का उत्साहवर्धन किया। हाथरस में राज्य सचिव डा. गिरीश ने, लखनऊ में राज्य सह सचिव अरविन्द राज स्वरूप, अशोक मिश्र तथा आशा मिश्रा ने, मऊ में राज्य सह सचिव इम्तियाज अहमद, पूर्व विधायक ने कार्यक्रमों में भागीदारी की। राज्य कार्यकारिणी के सदस्यगण भी विभिन्न जिलों के कार्यक्रमों में व्यस्त रहे।
धरनों एवं प्रदर्शनों के बाद सम्पन्न हुई सभाओं में वक्ताओं ने कहा कि मई 2012 को सरकारी गोदामों में गेहूं और चावल का 7 करोड 70 लाख टन का बड़ा भण्डार भरा पड़ा है परन्तु इस इनाज को सरकार बर्बाद अथवा चूहों के खाने के लिये देने को तत्पर है परन्तु आम जनता को बांटने में उसको मजबूरी दिखाई देती है। किसान आत्महत्यायें करते हैं पर खाद्यान्न नीति बड़े पूंजीपतियों तथा अमरीका और यूरोप के देशों को प्रसन्न करने के उद्देश्य से बनाई गयी हैं। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी इन नीतियों के खिलाफ आन्दोलन कर रही है और आम जनता की खाद्य सुरक्षा मांग रही है। नेताओं ने कहा कि यह संघर्ष ऐतिहासिक है और एक-आध करोड़ को छोड़ कर देश की 120 करोड जनता का आन्दोलन है।
कार्यालय सचिव
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