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शनिवार, 16 मई 2015

डीजल, पेट्रोल की कीमतों में वृद्धि की भाकपा ने की निन्दा - सरकार से उत्पाद कर हटाने की मांग की

लखनऊ 16 मई। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने राज्य सचिव मंडल ने एक महीने में तीसरी बार पेट्रोल और डीजल के दामों में हुई बेतहाशा वृद्धि को आम और गरीब जनता पर एक भारी बोझ बताया है। इन बढ़ोत्तरियों की निन्दा करते हुए भाकपा ने कहा कि इससे हाल ही के दिनों में बढ़ी मंहगाई और भी कुलांचे भरेगी और इससे जनता का जीवनयापन कठिन से कठिनतर हो जायेगा।
भाकपा ने कहा है कि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में क्रूड आयल के दामों में इस दौरान कोई ऐसी बढ़ोतरी नहीं हुई है और न ही रूपये की कीमत में कोई विशेष गिरावट आई है जिससे एक माह में ही तीन बार बहुत ज्यादा कीमतों में इजाफे की जरूरत होती। फिर भी रिलायंस जैसी निजी पेट्रोलियम कम्पनियों को फायदा पहुंचाने के लिए सरकार द्वारा एक माह के अन्दर पेट्रोल और डीजल की कीमतों में इतनी अधिक बढ़ोतरी की गई है।
यहां जारी एक बयान में भाकपा राज्य सचिव डा. गिरीश ने कहा कि जब पेट्रोल और डीजल की कीमतें घट रहीं थी तो सरकार ने उत्पाद कर लगा कर घटती हुई कीमतों का लाभ जनता को मिलने से वंचित कर दिया था लेकिन अब जब कीमतें बढ़ाई जा रही हैं तो उस बढ़े हुए उत्पाद कर वापस लेने की जरूरत है। भाकपा मांग करती है कि विगत माहों में पेट्रोलियम पदार्थों पर अतिरिक्त रूप से बढ़ाए गए उत्पाद करों को वापस ले और साथी ही इन बढ़ी हुई कीमतों को वापस लें।
भाकपा ने अपनी सभी जिला कमेटियों को निर्देशित किया है कि वे पेट्रोल डीजल के दामों में हुई इस बढ़ोतरी के खिलाफ और उत्पाद कर को घटाने के लिए सोमवार 18 मई को राष्ट्रपति के नाम सम्बोधित ज्ञापन जिलाधिकारियों को सौंपे।

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