किसानों के भारतबंद के समर्थन में उत्तर प्रदेश के
वामपंथी दलों की अभूतपूर्व कार्यवाहियाँ
रास्ते जाम किए, पुतले जलाये, प्रदर्शनों से रहीं सड़कें लाल
गिरफ्तार नेताओं और कार्यकर्ताओं की तत्काल रिहाई
की मांग उठाई
वाम नेताओं ने सभी आंदोलनकारियों को लाल सलाम पेश
किया
लखनऊ- 8 दिसंबर 2020, योगी सरकार
के भारी आतंक और दमन के बावजूद किसानों के भारत बंद के समर्थन में उत्तर प्रदेश में
वामपंथी दलों एवं जनसंगठनों ने अभूतपूर्व एकजुटता का इजहार किया। यद्यपि गत रात से
ही अनेक जिलों में वामपंथी दलों के नेताओं और कार्यकर्ताओं की ताबड़तोड़ गिरफ्तारियाँ
शुरू कर दी थीं, फिर भी वामपंथी दलों ने हर जिले में संयुक्त
रूप से अनेक जुझारू कार्यवाहियों को अंजाम दिया।
प्रदेश में हजारों की संख्या में कार्यकर्ताओं ने रास्ते
जाम किये, मोदी, योगी और कार्पोरेट्स के पुतले जलाये, जुलूस निकाले, धरने दिये और किसानों नौजवानों की मांगों
से संबंधित ज्ञापन दिये। इन कार्यवाहियों में चारों वामपंथी दलों- भारतीय कम्युनिस्ट
पार्टी, भारत की कम्युनिस्ट पार्टी- मार्क्सवादी, भाकपा, माले- लिबरेशन एवं फारबर्ड ब्लाक तो थे ही, संबंधित किसान सभाएं, ट्रेड यूनियनें, नौजवान और छात्र फेडरेशनें, महिला संगठन, इप्टा जलेस जसम आदि सान्स्क्रतिक संगठन, खेत मजदूर यूनियनें
आदि भी सड़कों पर उतरे।
ट्रांसपोर्टर्स, अधिवक्ता, बिजली कर्मी आशा, आंगनबाड़ी, आदि
भी कार्यवाहियों में शामिल हुये। मंडियाँ और अनेक जगह बाजार भी बन्द रहे। आज समूचा
उत्तर प्रदेश लाल नजर आ रहा था। कई विपक्षी दलों के नेता/ कार्यकर्ताओं ने भी सड़कों
पर उतर कर किसानों के प्रति समर्थन का इजहार किया। वामपंथी दलों ने किसानों के समर्थन
में उतरने वाले सभी को क्रांतिकारी अभिनंदन पेश किया है। संघर्षों में उपजी वाम एकता
और जनवादी एकता को आगे भी बनाये रखने पर ज़ोर दिया।
वामदलों ने कहाकि यह किसानों का भारत बन्द था, व्यापारियों का नहीं। बाजार बन्द होने न होने से इसका मूल्यांकन नहीं किया
जाना चाहिए। खुदरा व्यापार में कार्पोरेट्स के आधिपत्य के विरोध में यदि व्यापारी भी
विरोध में शामिल रहते तो उचित ही रहता। जो बन्द से अनभिज्ञ रहे वह उनकी बड़ी चूक है।
भाकपा राज्य सचिव डा॰ गिरीश, माकपा राज्य सचिव डा॰ हीरालाल यादव, भाकपा माले सचिव
का॰ सुधाकर यादव एवं फारबर्ड ब्लाक के संयोजक अभिनव कुशवाहा ने सभी आंदोलनकारियों की
बिना शर्त तत्काल रिहाई की मांग की है।
जारी द्वारा-
डा॰ गिरीश, राज्य सचिव
भाकपा, उत्तर प्रदेश
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