सीएजी रिपोर्ट और विधान सभा में हुये भ्रष्टाचार के
खुलासों पर संज्ञान लें महामहिम राज्यपाल
भाकपा ने कड़ी कार्यवाही की मांग की: मुद्दे को जनता
के बीच लेजाने की चेतावनी दी
लखनऊ- 20 अगस्त 2021, भारतीय कम्युनिस्ट
पार्टी के राज्य सचिव मण्डल ने कहाकि भारत के नियंत्रक महालेखापरीक्षक ( सीएजी ) की रिपोर्टों और अल्पकालीन विधायी सत्र में हुये कुछेक खुलासों से
भाजपा सरकार का भ्रष्टाचारी और जनपीड़क चेहरा सामने आगया है। अभी चंद मामले सामने आए
हैं और आगे कई और मामले सामने आ सकते हैं। भ्रष्टाचार पर जीरो टोलरेंस की बात करने
वाली सरकार आज भ्रष्टाचार की हीरो नजर आरही है। इन खुलासों की बिना पर भाकपा ने राज्य
सरकार के सत्ता में बने रहने का नैतिक सवाल उठाया है।
उजागर हुये घोटालों में से एक है बिल्डर्स घोटाला। इसके
तहत चहेते और भगवा रंग में रंगे बिल्डर्स को जनता के गाड़े पसीने की कमाई में से 170
करोड़ से अधिक लुटा दिये गये। सीएजी की रिपोर्ट के अनुसार लखनऊ विकास प्राधिकरण द्वारा
हाईटेक टाउनशिप योजना में बिल्डरों को मनमाने तरीके से लाभ पहुंचाने की गरज से अधिक
ऊंची बिल्डिंग बनाने के नाम पर फ्लोर एरिया रेशियो में छूट दी गयी और इसके लिए शुल्क
में छूट दे दी गयी। इससे जनराजस्व का 170॰ 99 करोड़ का नुकसान हुआ है।
सीएजी ने मार्च 2020 में ही इस मामले को शासन को भेज
दिया था, लेकिन राज्य सरकार ने आज तक इस पर कोई कार्यवाही नहीं की। इसी तरह के कई और
मामले भी प्रकाश में आए हैं जिनमें चहेतों को लाभ मिला और सरकारी राजस्व को करोड़ों
की चपत लगी। इसी तरह गाजियाबाद विकास प्राधिकरण जीडीए में भी बिल्डरों को 2. 51 करोड़
का लाभ पहुँचने का खुलासा भी सीएजी ने किया है।
सीएजी जांच में 11 जिलों में बरती गयी अनियमितता के
जरिये दवा सप्लायरों को 6. 17 करोड़ का लाभ पहुँचाने का भी खुलासा हुआ है। सप्लायरों
ने दवाओं और अन्य चिकित्सा उपकरणों की आपूर्ति तय समय पर नहीं की। स्वास्थ्य विभाग
के अधिकारियों को ऐसे सप्लायरों पर अर्थ दंड लगाना था, मगर उन्होने ऐसा नहीं किया। इस लापरवाही के चलते दवा सप्लायरों को 6. 17 करोड़
का अनुचित लाभ पहुंचाया गया जबकि दवाओं की उपलब्धता न होने से बीमार लोगों को बाजार
से दवा खरीदने के लिये मजबूर होना पड़ा।
जांच के अनुसार
4 सालों में 374 दवा आपूर्तिकताओं को 37. 37 करोड़ के 3339 आपूर्ति आदेश दिये गये। सप्लाई
आर्डर मिलने के 60 दिन बाद भी इन सप्लायरों ने दवा की आपूर्ति नहीं की। ऐसे में नियमानुसार
यह सप्लाई आदेश स्वतः निरस्त हो जाना चाहिए था। अन्य तमाम नियमों की अवहेलना वाले इस
घोटाले की शासन ने जांच कर कार्यवाही करने का आश्वासन 2019 में सीएजी को दिया था, मगर जनवरी 2021 तक ऐसी किसी कार्यवाही की जानकारी सीएजी तक नहीं पहुंची। तो
ऐसे चल बन रहा है मोदी जी का आयुष्मान भारत।
यहाँ तक कि छात्रों को बैग बांटना भी सरकार को गवारा
नहीं था। बैग न बांटे जाने से 5. 33 करोड़ का नुकसान तो हुआ ही 1. 55 करोड़ विद्यार्थी
इससे वंचित रह गये। ये कैसा ‘सबका साथ और सबका विकास’ है इस सरकार का।
टोल कंपनियों द्वारा सरकार को 287 करोड़ का चूना लगाने
और सरकार द्वारा इससे आँखें मूँदने का मामला भी विधान सभा में प्रश्नोत्तर के दौरान
सामने आया है। एक तो वाहन चालन पर कई कई टैक्स सरकार द्वारा बसूलने के बाद भी उपभोताओं
पर टोल टैक्स थोपा गया है। वह भी टूटी फूटी सड़कों पर। अब सरकार की चहेती इन टोल बसूलने
वाली कंपनियों ने सरकार से होने वाले एग्रीमेंट्स पर कम स्टांप लगा कर जनता के राजस्व
को 287 करोड़ का चूना लगाया गया है। बानगी देखिये कि अलीगढ़ गाजियाबाद के बीच टोल बसूली
के 1141 करोड़ का अनुबंध मात्र 100 रूपये के स्टांप पर किया गया है। घोटालों से संबंधित
वाद 10- 10 वर्षों से लटके पड़े हैं, पर सरकार चहेतों के
हित में आंख मूँदे हुये है।
भ्रष्टाचार के ये चंद खुलासे ही सरकार के स्वच्छ और
भ्रष्टाचार मुक्त शासन देने के दावों को तार तार कर देते हैं। जब अन्य निर्मित और निर्माणाधीन
योजनाओं और विभागों में व्याप्त भ्रष्टाचार के मामले उजागर होंगे तो इस सरकार का असली
चेहरा और खुल कर सामने आ जायेगा।
भाकपा ने आश्चर्य व्यक्त किया है कि इन महाघोटालों के
मीडिया में उजागर होजाने के बाद भी इस सरकार ने इस पर कोई सक्रियता नहीं दिखायी। इसको
छिपाने को वह तमाम विभाजनकारी और जनता को गुमराह करने के हथकंडे अपना रही है। बचने
के लिये सरकार ने विधान मंडल का सत्र बहुत ही छोटा रखा और मुद्दों पर बात करने के बजाय
मुख्यमंत्री अब्बाजान, तालिबान और अफगानिस्तान पर उलट्बांसियां
करते रहे।
भाकपा ने महामहिम राज्यपाल महोदय से मांग की कि वे इन
घोटालों का तुरंत संज्ञान लें और ठोस दंडात्मक कार्यवाही करें। सीएजी की रिपोर्ट और
विधान सभा में सरकार की स्वीकारोक्ति के इन मामलों में किसी भी जांच की आवश्यकता भी
नहीं है। भाकपा ने चेतावनी दी है कि वह इन सवालों को जनता के बीच ले जायेगी।
डा॰ गिरीश, राज्य सचिव
भाकपा, उत्तर प्रदेश
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