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गुरुवार, 10 जून 2010
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गाजीपुर किसान सभा द्वारा बिजली विभाग के खिलाफ जन-पंचायत
उत्तर प्रदेश किसान सभा गाजीपुर इकाई सतत् संघर्षों के माध्यम, आन्दोलनों की निरन्तरता बनाये रखने एवम् संगठन को बुलन्दियों तक पहुंचाने में लगातार अग्रसर है। 25 फरवरी को का. सरजू पाण्डे पार्क में हुई पंचायत में लिये गये निर्णयों के अनुसार कि किसान समस्याओं के हर बिन्दु पर पंचायत करके सम्बन्धित विभाग के अधिकारियों से जवाब तलब किया जायेंगा। दिनांक 17 मई को लाल दरवाजा, विद्युत वितरण खण्ड प्रथम पर विशाल धरना/पंचायत का आयोजन किया गया, जिसमें जिले के विभिन्न भागों से दलगत प्रतिबद्धताओं को छोड़कर हजारों किसान 10 बजे डट गये और सूर्यनाथ सिंह, राजेन्द्र राय तथा भूप नारायन यादव के अध्यक्ष मण्डल की अध्यक्षता में पंचायत शुरू हुई। कार्यक्रम की शुरूआत में ही कार्यक्रम के संयोजक गाजीपुर किसान सभा के अध्यक्ष साथी राजेन्द्र यादव पूर्व विधायक ने घोषणा कर दी कि बिजली विभाग के दोनों अधिशासी अभियन्ताओं को पंचायत में उपस्थित होकर प्रत्येक बिन्दु पर जवाब देना होगा और ऐसा न होने पर पंचायत अगले कदम का निर्णय लेगी।इस धरना/पंचायत की प्रमुख मांग थी कि ग्रामीण क्षेत्रों में कम से कम 18 घण्टे विद्युत आपूर्ति की गारण्टी हो, जर्जर विद्युत तारों को बदला जायें, बिजली की शार्ट सर्किट से भॅवरी, इंगलिशपुर, कमरौरा, सवना, बेनीपुर, ऊंचाडीह, विश्वम्भरपुर, लट्ठडीह आदि ग्रामों में हुई आगजनी के कारण जली फसलों, खलिहानों, घरों तथा पशुओं तथा किसानों की मौत का मुआवजा दिया जाय, पम्प कैनालों के फीडर स्वतंत्र तथा 24 घण्टे चलाये जाये, कृषि कार्य हेतु बिजली कनेक्शन प्राथमिकता के आधार पर दिये जायें, किसानों पर अधिभार न लगाया जायें, बिजली बिलों में पारदर्शिता हो, बिजली विभाग के निजीकरण को रोका जायें, बिजली विभाग में भ्रष्टाचार समाप्त किया जायें, बिजली विभाग के निजीकरण को रोका जायें, बिजली विभाग में भ्रष्टाचार समाप्त किया जायें, बिजली का बढ़ा रेट वापस लिया जायें और किसानों को सस्ती बिजली दी जायें, बिल भुगतान के बाद रिकनेक्शन के लिये धन न लिया जायें आदि। धरना पंचायत को सम्बोधित करते हुये भारतीय खेत मजदूर यूनियन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष साथी विश्वनाथ शास्त्री पूर्व सांसद ने कहा कि प्रदेश सरकार की किसान विरोधी नीति के कारण ग्रामीण आबादी तबाह हो रही है और न के बराबर विद्युत आपूर्ति के कारण कृषि उत्पादन पर विपरीत असर पड़ रहा है जिसके कारण नकारात्मक वृद्धि हो रहा है, इसमें सुधार नहीं हुआ तो भुखमरी बढ़ेगी।उ.प्र. किसान सभा के महामंत्री राम प्रताप त्रिपाठी ने कहा कि प्रदेश सरकार की ऊर्जा नीति नकारात्मक होने के कारण पिछले पच्चीस सालों में कोई नया बिजली कारखाना नहीं लगाया गया जिसका परिणाम है कि मांग की अपेक्षा आपूर्ति आधे से भी कम होने के कारण चारों तरफ हाहाकार है। उपलब्ध बिजली से शहरों की भी संतुष्टि नहीं हो पा रही है और गांव की तरफ नाम मात्र की बिजली जा रही है। जिससे अराजकता की स्थिति उत्पन्न हो गई है। इसमें यदि तत्काल सुधार नहीं हुआ तो अप्रिय घटनाओं की प्रबल सम्भावना है। साथ ही निजी ठेकेदारी के खिलाफ भी किसानों मंे तीव्र आक्रोश पनप रहा है।भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के जिलामंत्री साथी अमेरिका सिंह यादव ने पंचायत को आश्वस्त किया कि गाजीपुर की कम्युनिस्ट पार्टी गांव किसान की हिफाजत के लिये उनकी हर लड़ाई में सहयोग और कुर्बानी देने के लिये सदैव तत्पर रहेगी। अन्त में 4 बजे शाम विद्युत वितरण खण्ड प्रथम के अधिशासी अभियन्ता पंचायत में हाजिर हुये जिन्हें अपने बीच पाकर किसानों की उत्तेजना को काबू किया गया और उन्हांेंने पंचायत में उठाये गये सवालों का बिन्दुवार जवाब दिया और आश्वासन दिया कि विद्युत वितरण में सुधार हेतु प्रयास करेंगे। लेकिन विद्युत वितरण खण्ड द्वितीय की हठधर्मिता को देखते हुए और पंचायत की बार-बार चेतावनी पर भी न आने की जिद पर 6 बजे शाम किसान सभा गाजीपुर के अध्यक्ष राजेन्द्र यादव पूर्व विधायक ने उनके आने तक रास्ता जाम का प्रस्ताव रखा जो सर्वसम्मति से पारित हुआ और सभी किसानों ने जुलूस बनाकर राष्ट्रीय राजमार्ग 29 पर मुख्य बाजार विश्वेश्वरगंज चौराहा को जाम कर दिया। विवश होकर सम्बन्धित अधिशासी अभियन्ता जाम स्थल पर आये तो पंचायत ने उनसे बात करने से इन्कार कर दिया और ज्ञापन उपजिलाधिकारी को देकर शासन को चेतावनी दी कि यदि इनके आचरण में सुधार नहीं हुआ तो गाजीपुर के किसान इन्हें बर्दाश्त नहीं करेंगे। पंचायत में प्रमुख रूप से उ.प्र. किसान सभा के संरक्षक जय राम सिंह, जनार्दन राम, रामकेर यादव, जीउत बंधन राय, वैजनाथ सिंह, चंचल सिंह, राजदेव यादव, ओम प्रकाश सिंह, रामजी सिंह, सुबचन यादव, राम भुवन दूबे, जमुना कवि, अंगद यादव, सीताराम यादव, सूरज राम बागी, शमीम, राम परीखा यादव, बच्चे लाल, राम अवध, रामायादव, कैलाश यादव, दीनानाथ सिंह, हरिहर यादव, नन्हकू राय, झल्लू यादव, बलवन्त सिंह, बाबूराम प्रधान, सूर्यनाथ बिन्द ने बहस में हिस्सा लिया।
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गाजीपुर में सीपीआई अपनी चमक खो चुकी है. मुद्दे, तेवर और कार्यकर्ताओं की घोर कमी है. एेसे इसका भला नहीं हो पायेगा. बहुत अधिक आत्म मूल्यांकन की जरूरत है.
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