फ़ॉलोअर
शुक्रवार, 25 जून 2010
at 9:21 pm | 0 comments |
भाकपा के प्रदेशव्यापी आन्दोलन के कारण अस्पतालों के निजीकरण से पीछे हटी सरकार
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव मंडल ने प्रदेश सरकार द्वारा चार जनपदों के सरकारी अस्पतालों के निजीकरण को रद्द करने के फैसले को भाकपा के आन्दोलन का नतीजा बताते हुए भाकपा की प्रदेश में सभी जिला इकाइयों को बधाई दी है। ज्ञात हो कि भाकपा ने अस्पतालों के निजीकरण पर आन्दोलन छेड़ रखा था।
यहां जारी एक प्रेस बयान में भाकपा के राज्य सचिव डॉ. गिरीश ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा अस्पतालों के निजीकरण, विद्युत वितरण व्यवस्था को विदेशी एवं निजी कम्पनियों को सौंपने शिक्षा के व्यवसायीकरण, उपजाऊ भूमि के अधिग्रहण को बढ़ावा देने एवं महंगाई को काबू करने में राज्य सरकार के स्तर से की जाने वाली कार्यवाही में उदासीनता बरतने जैसे ज्वलंत सवालों पर 1 जून से ही आन्दोलन चलाने का बिगुल फूंक दिया था। 1 जून को ही उन चारों जिलों में जहां अस्पतालों का निजीकरण किया जाना है भाकपा ने विरोध प्रदर्शन करते हुए राज्यपाल महोदय के नाम ज्ञापन जिलाधिकारियों को सौंपे थे। अन्य जिलों में भी उपर्युक्त सभी सवालों पर धरना, प्रदर्शनों, सभाओं, नुक्कड़ सभाओं तथा पद यात्राओं का सिलसिला जारी है जो 30 जून तक जारी रहेगा।
भाकपा राज्य सचिव ने अस्पतालों के निजीकरण के फैसले को रद्द करने पर गहरा संतोष जताया क्योंकि इन अस्पतालों के निजीकरण से गरीब जनता इलाज के अभाव में तड़प कर रह जाती और निजी अस्पतालों को जनता की और निरंकुश लूट का मौका मिलता।
लेकिन भाकपा ने राज्य ऊर्जा निगम के शनैः शनैः निजीकरण पर घोर आपत्ति दर्ज करायी है। डॉ. गिरीशने इस बात पर भी अफसोस जताया कि इसके लिये स्वयंः सरकार एवं उसके मंत्री जिम्मेदार रहे हैं। क्या वजह है कि एक साल के भीतर हरदुआगंज एवं परीक्षा में निर्माणधीन परियोजनाओं की चिमनियां ध्वस्त हो गई? क्या इसके लिये भारी भ्रष्टाचार और निर्माण कार्य की फ्रैंचाइजी निजी हाथों को सौंपने के सरकार के फैसले पर नहीं जाती? उन्होंने आरोप लगाया कि आगरा की विद्युत वितरण व्यवस्था निजी कंपनी ‘टोरंट’ को सौंपने के बाद वहां की विद्युत व्यवस्था तहस-नहस हो गयी है और सरकार वहां रामराज्य आने के थोथे दावे कर रही है।
भाकपा इन सभी सवालों पर आपना आन्दोलन जारी रखेगी और उसको और मजबूत बनाने पर विचार भी किया जायेगा, डॉ. गिरीश ने कहा है।
यहां जारी एक प्रेस बयान में भाकपा के राज्य सचिव डॉ. गिरीश ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा अस्पतालों के निजीकरण, विद्युत वितरण व्यवस्था को विदेशी एवं निजी कम्पनियों को सौंपने शिक्षा के व्यवसायीकरण, उपजाऊ भूमि के अधिग्रहण को बढ़ावा देने एवं महंगाई को काबू करने में राज्य सरकार के स्तर से की जाने वाली कार्यवाही में उदासीनता बरतने जैसे ज्वलंत सवालों पर 1 जून से ही आन्दोलन चलाने का बिगुल फूंक दिया था। 1 जून को ही उन चारों जिलों में जहां अस्पतालों का निजीकरण किया जाना है भाकपा ने विरोध प्रदर्शन करते हुए राज्यपाल महोदय के नाम ज्ञापन जिलाधिकारियों को सौंपे थे। अन्य जिलों में भी उपर्युक्त सभी सवालों पर धरना, प्रदर्शनों, सभाओं, नुक्कड़ सभाओं तथा पद यात्राओं का सिलसिला जारी है जो 30 जून तक जारी रहेगा।
भाकपा राज्य सचिव ने अस्पतालों के निजीकरण के फैसले को रद्द करने पर गहरा संतोष जताया क्योंकि इन अस्पतालों के निजीकरण से गरीब जनता इलाज के अभाव में तड़प कर रह जाती और निजी अस्पतालों को जनता की और निरंकुश लूट का मौका मिलता।
लेकिन भाकपा ने राज्य ऊर्जा निगम के शनैः शनैः निजीकरण पर घोर आपत्ति दर्ज करायी है। डॉ. गिरीशने इस बात पर भी अफसोस जताया कि इसके लिये स्वयंः सरकार एवं उसके मंत्री जिम्मेदार रहे हैं। क्या वजह है कि एक साल के भीतर हरदुआगंज एवं परीक्षा में निर्माणधीन परियोजनाओं की चिमनियां ध्वस्त हो गई? क्या इसके लिये भारी भ्रष्टाचार और निर्माण कार्य की फ्रैंचाइजी निजी हाथों को सौंपने के सरकार के फैसले पर नहीं जाती? उन्होंने आरोप लगाया कि आगरा की विद्युत वितरण व्यवस्था निजी कंपनी ‘टोरंट’ को सौंपने के बाद वहां की विद्युत व्यवस्था तहस-नहस हो गयी है और सरकार वहां रामराज्य आने के थोथे दावे कर रही है।
भाकपा इन सभी सवालों पर आपना आन्दोलन जारी रखेगी और उसको और मजबूत बनाने पर विचार भी किया जायेगा, डॉ. गिरीश ने कहा है।
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
मेरी ब्लॉग सूची
-
CUT IN PETROL-DIESEL PRICES TOO LATE, TOO LITTLE: CPI - *The National Secretariat of the Communist Party of India condemns the negligibly small cut in the price of petrol and diesel:* The National Secretariat of...5 वर्ष पहले
-
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी का चुनाव घोषणा पत्र - विधान सभा चुनाव 2017 - *भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी का चुनाव घोषणा पत्र* *- विधान सभा चुनाव 2017* देश के सबसे बड़े राज्य - उत्तर प्रदेश में राज्य सरकार के गठन के लिए 17वीं विधान सभा क...7 वर्ष पहले
-
No to NEP, Employment for All By C. Adhikesavan - *NEW DELHI:* The students and youth March to Parliament on November 22 has broken the myth of some of the critiques that the Left Parties and their mass or...7 वर्ष पहले
Side Feed
Hindi Font Converter
Are you searching for a tool to convert Kruti Font to Mangal Unicode?
Go to the link :
https://sites.google.com/site/technicalhindi/home/converters
Go to the link :
https://sites.google.com/site/technicalhindi/home/converters
लोकप्रिय पोस्ट
-
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की राष्ट्रीय परिषद के सदस्य और उत्तर प्रदेश राज्य काउंसिल के सचिव डा0 गिरीश ने 17 से 21 सितंबर तक काठमांडू में संपन...
-
भाकपा की राज्य कौंसिल बैठक शुरू भाकपा राष्ट्रीय सचिव शमीम फैजी ने जारी किया आन्दोलन का पोस्टर लखनऊ 18 अप्रैल। भारतीय कम्युनिस्ट पार्...
-
देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश की 16वीं विधान सभा का चुनाव हो रहा है। यह चुनाव स्वतंत्र भ...
-
MANIFESTO OF PROGRESSIVE WRITERS ASSOCIATION ADOPTED IN THE FOUNDATION CONFERENCE 1936 Radical changes are taking place in India...
-
लखनऊ- भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव मंडल ने रायबरेली के पावर प्लांट में हुयी ह्रदयविदारक घटना पर गहरा दुःख व्यक्त किया है. ...
-
चले चलो दिलों में घाव ले के भी चले चलो चलो लहूलुहान पांव ले के भी चले चलो चलो कि आज साथ-साथ चलने की जरूरतें चलो कि ख़त्म हो न जाएं जिन्द...
-
हरिशंकर परसाई की कहानियों में पात्र-वैविध्य की बात हम कर चुके हैं, इस वैविध्य का बहुत बड़ा कारण परिस्थितियां, उनसे जूझते चरित्र का निर्मित हो...
-
लखनऊ- भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार के अब तक के कार्यकाल को 'असफलता के सौ दिन' शीर्षक से नवाजा है. ...
-
भारतीय खेत मजदूर यूनियन की केन्द्रीय कार्यकारिणी समिति की बैठक 23 एवं 24 अगस्त 2010 को नई दिल्ली में यूनियन के अध्यक्ष अजय चक्रवर्ती पूर्व स...
-
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के वरिष्ठ सदस्य डा॰ गिरीश का प्रेस बयान- हड़ताली चालकों पर दमन बंद करे सरकार! काले का...
0 comments:
एक टिप्पणी भेजें