फ़ॉलोअर
शुक्रवार, 10 जनवरी 2014
at 11:09 am | 0 comments | - प्रदीप तिवारी
बिजली के दामों में बढ़ोतरी जनविरोधी कदम
उत्तर प्रदेश में बिजली कंपनियों ने राज्य विद्युत नियामक आयोग को जो प्रस्ताव सौंपा है, उसकी मंजूरी मिलने के बाद आम उपभोक्ताओं के बिजली के बिल कम से कम दो गुने अवश्य हो जायंेगे। सभी बिजली कंपनियों ने हो रहे बिजली के दामों में बढ़ोतरी का कारण हो रहे घाटे को बताया है। उत्तर प्रदेश में बिजली की दरें पहले से ही पड़ोसी राज्यों बिहार, दिल्ली, पंजाब आदि से बहुत ज्यादा हैं।
प्रति किलो वाट फिक्स चार्ज जो इस समय रू. 50/- प्रतिमाह है, उसे बढ़ाकर डेढ़ गुना करने की बात कही गयी है। यह वह चार्ज है जो केवल कनेक्शन ले लेने पर देना पड़ता है, आप बिजली का उपभोग करें या न करें। इतनी शीत लहरी में अगर कहीं आपने हीटर लगा लिया तो आपका मीटर 1 किलो वॉट से ज्यादा का उपभोग दर्शा देगा और आप पर एक बड़ी राशि स्वीकृत लोड से अधिक लोड का उपभोग करने के नाम पर लगा दी जायेगी।
लाईफ लाईन कहे जाने वाले गरीब लोगों के घरों पर लगे 1 किलो वॉट के कनेक्शन के लिए अब 150 यूनिट के बजाय 50 यूनिट कर देने का प्रस्ताव है। 50 यूनिट से तो आज के जमाने में किसी का काम चलता ही नहीं है। इस प्रकार न्यूनतम बिजली की दरें तो किसी पर लागू नहीं होने वाली। 50 यूनिट से ज्यादा खर्च करने पर बिजली कंपनियों की प्रस्तावित दरों के अनुसार 100 यूनिट तक 4 रूपये प्रति यूनिट, 101 से 300 यूनिटों पर 4.50 पैसे प्रति यूनिट, 301 से 500 यूनिट पर 5 रूपये प्रति यूनिट और इससे अधिक पर 5.50 रूपये प्रति यूनिट दाम लिये जायेंगे।
घाटे का कारण होने वाली कथित लाईन हानियां, बिजली कंपनियों में व्याप्त भ्रष्टाचार और निजी बिजली कंपनियों से ज्यादा कीमत पर बिजली खरीदना है। निजी बिजली कंपनियां अधिक कीमत पर बिजली बेचने के लिए अपनी बैलेन्स शीटों में हेरा-फेरी कर रही हैं। इसी तरह पॉवर कारपोरेशन और उसकी तमाम कंपनियां बिजली चोरी तो करवाती ही हैं और भी अनाप-शनाप तरीके से पैसा व्यय किया जाता है जिसको व्यय करने की जरूरत नहीं है। वितरण निगमों का रू. 29,325 करोड़ रूपये बकाया है, इसमें केवल 2600 करोड़ रूपये वसूल लिये जायें तो बिजली कंपनियों का घाटा खतम हो जायेगा। 10 हजार करोड़ रूपये तो केवल उत्तर प्रदेश सरकार पर बकाया हैं। सरकार को इस बकाये को खुद तुरन्त अदा कर देना चाहिए। अगर लाइन हानियों को केवल 11 प्रतिशत कम कर दिया जाये तो कहा जाता है कि 4 हजार करोड़ रूपये की बचत हो जायेगी।
जनता के तमाम तबकों में उत्तर प्रदेश पॉवर कारपोरेशन, उसके उत्पादन एवं वितरण कंपनियों के साथ-साथ निजी उत्पादन कंपनियों के ऑडिट की मांग उठने लगी है। यानी जनता जानना चाहती है कि बही खातों में जो ब्यौरा दिखाया जा रहा है, वह कितना वास्तविक है और इसमें किसी तरह की गड़बड़ी तो नहीं है। सन 2010 से बिजली कंपनियों के बही खातों का ऑडिट नहीं हुआ है। सनदी लेखाकारों यानी सी.ए. से यह ऑडिट करवाने में कुछ निकलने वाला नहीं है। हमें इन सभी कंपनियों का आडिट सीएजी यानी कैग से करवाने की मांग जोर-शोर से करनी चाहिए। कुछ ही दिनों पहले टेलीकॉम कंपनियों के मामले में दिल्ली उच्च न्यायालय ने एक महत्वपूर्ण फैसला देते हुए कहा था कि कैग को निजी टेलीकॉम कंपनियों के खातों की जांच करने का हक है। उच्च न्यायालय का कहना है कि चूंकि उनके राजस्व को सरकार के साथ साझा करना होता है इसलिए जनहित में कैग को उनका आडिट करने का अख्तियार उचित है। इस फैसले के अनुसार निजी बिजली कंपनियों का भी कैग से आडिट करवाया जा सकता है जिससे यह पता चल सके कि यह अपनी उत्पादन लागत जितनी दिखा रही हैं, क्या वास्तव में लागत उतनी ही है या ये कंपनियां हेरा-फेरी करके अधिक कीमत पर बिजली बेच रही हैं। खबर है कि उत्पादकों से बिजली खरीद कर उपभोक्ताओं तक पहुंचाने में वितरण कंपनियां खेल करती हैं। बाजार में सस्ती बिजली उपलब्ध होने के बावजूद कुछ खास लोगों से महंगी बिजली खरीदी जाती है। बाद में इसका बोझ दरों के रूप में जनता पर डाला जाता है।
इस बात की भी मांग होनी चाहिए कि सरकार जहां से भी सस्ती बिजली मिले, वहीं से बिजली खरीदे। महंगी बिजली निजी क्षेत्र से खरीदने की कोई जरूरत नहीं है। प्रदेश में 6 रूपये से लेकर पौने आठ रूपये प्रति यूनिट तक की दर से बिजली खरीदने की तैयारी है। शायद ही पूरे देश में किसी राज्य में इस दर पर बिजली खरीदी जा रही हो। आडिट से यह भी पता चलेगा कि इसके पीछे किसका हित है और किसका खेल चल रहा है।
लाईन हानियां दिखाने से लेकर सामानों की खरीद फरोख्त, ठेकों के आबंटन, परिचालन व्यय आदि की गड़बड़ियां भी सामने आ सकती है, इसलिए कंपनियां आडिट से कतराती हैं। आगरा में बिजली के निजीकरण पर महालेखाकार की रिपोर्ट से यह साबित हो चुका है। महालेखाकार ने आगरा में टोरेंट पावर के साथ हुए करार से सरकार को 5348 करोड़ रूपये की चपत लगने का खुलासा किया था। नोएडा में भी बिजली वितरण निजी हाथों में है। वहां भी खेल चल रहा है। आश्चर्य का विषय है कि आगरा में बिजली आपूर्ति करने वाली निजी कंपनी टोरेंट को केवल 2.20 रूपये प्रति यूनिट बिजली दी जा रही है। महंगी बिजली खरीद कर टोरेंट को सस्ते में देना भी बड़ा भ्रष्टाचार का मामला है। आगरा में टोरेंट लाईन हानियों को 48.62 प्रतिशत बता रहा है जोकि पूरे देश का उच्चतम स्तर है। इसके पीछे के खेल को भी उजागर करना जरूरी है।
अब समय आ गया है जब जनता को सड़कों पर उतर कर बिजली की कीमतों में किसी भी बढ़ोतरी का विरोध करने के बजाय सड़कों पर उतर पर बिजली की वर्तमान दरों में कमी की मांग करनी चाहिए और सभी बिजली कंपनियों का आडिट कैग से करवाने पर जोर देना चाहिए।
- प्रदीप तिवारी
सदस्यता लें
संदेश (Atom)
मेरी ब्लॉग सूची
-
CPI Condemns Attack on Kanhaiya Kumar - *The National Secretariat of the Communist Party of India issued the following statement to the Press:* The National Secretariat of Communist Party of I...6 वर्ष पहले
-
No to NEP, Employment for All By C. Adhikesavan - *NEW DELHI:* The students and youth March to Parliament on November 22 has broken the myth of some of the critiques that the Left Parties and their mass or...8 वर्ष पहले
-
रेल किराये में बढोत्तरी आम जनता पर हमला.: भाकपा - लखनऊ- 8 सितंबर, 2016 – भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव मंडल ने रेल मंत्रालय द्वारा कुछ ट्रेनों के किराये को बुकिंग के आधार पर बढाते चले जाने के कदम ...8 वर्ष पहले
Side Feed
Hindi Font Converter
Are you searching for a tool to convert Kruti Font to Mangal Unicode?
Go to the link :
https://sites.google.com/site/technicalhindi/home/converters
Go to the link :
https://sites.google.com/site/technicalhindi/home/converters
लोकप्रिय पोस्ट
-
वामपंथी एवं जनवादी दलों का राज्य स्तरीय ‘ सम्मिलन ’ संपन्न बुलडोजरवाद , पुलिस उत्पीड़न , वामपंथी कार्यकर्ताओं पर हमले , संविधान और लो...
-
# सरकारी स्तर पर धार्मिक क्रियायेँ आयोजित कराने संबंधी मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश के आदेश को तत्काल निरस्त किया जाये # सर्वोच्च न्यायालय के...
-
हापुड़ में फैक्ट्री मजदूरों की दर्दनाक मौत पर भाकपा ने गहरी वेदना प्रकट की भाकपा की मेरठ मंडल की इकाइयों को आवश्यक कदम उठाने और 8 जून को ...
-
‘ अग्निपथ ’ योजना को फौरन रद्द किया जाये , रिक्तियों को मौजूदा प्रक्रिया से तत्काल भरा जाये: भाकपा लखनऊ- 17 जून 2022 , भारतीय कम्युनि...
-
साम्राज्यवाद का दुःस्वप्नः क्यूबा और फिदेल आइजनहावर, कैनेडी, निक्सन, जिमी कार्टर, जानसन, फोर्ड, रीगन, बड़े बुश औरछोटे बुश, बिल क्लिंटन और अब ...
-
उत्तर प्रदेश में निरंतर सामने आ रहे भ्रष्टाचार के मामलों पर केंद्र और राज्य सरकार की चुप्पी हैरान करने वाली भाकपा ने घोटालों की ज़िम्मेदा...
-
उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव 2019- आर्थिक और अन्य सहयोग हेतु भाकपा राज्य काउंसिल की अपील। प्रिय मित्रो , उत्तर प्रदेश विधान सभा क...
-
The Central Secretariat of the Communist Party of India (CPI) has issued the following statement to the press: The Communist Party of India ...
-
इंडो एशियन न्यूज़ ने आज छापा है कि : "Waving cricket bats, hundreds of Congress activists gave a roaring welcome to former minister of ...
-
रेल मंत्री और उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री की बर्खास्तगी तथा घटनाओं की न्यायिक जांच आदि मांगों को लेकर प्रदेश भर में सड़कों पर उतरे वा...