यहां पर जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में भाकपा के राज्य सचिव मंडल ने कहा है कि इस बढ़ोतरी से महंगाई की मार से पहले से ही व्यथित जनता एवं आम उपभोक्ता और भी तबाह हो जायेंगे। उपभोक्ताओं पर यह भारी भार इसलिए भी असहनीय हो जाता है कि उनको बहुत ही कम मात्रा में बिजली मिल रही है। बिजली की अंधाधुंध कटौती से लघु उद्योग और खेती तो प्रभावित हो ही रहे हैं, इतनी भीषण गर्मी ने आम नागरिक भी बेहद त्रस्त है। जितना खर्च राज्य सरकार ने लैपटॉप वितरण पर किया है, उससे कई गुना ज्यादा वसूलने का इंतजाम कर दिया है।
केन्द्र सरकार की जनविरोधी नीतियों के चलते डीजल एवं पेट्रोल की कीमतों में एक बार फिर हुई बढ़ोतरी की भी निन्दा करते हुए भाकपा ने राज्य सरकार से मांग की है कि उसे उ.प्र. में पेट्रोल एवं डीजल पर कम से कम 2 प्रतिशत वैट कम करे ताकि पेट्रोल और डीजल की कीमतें उत्तर प्रदेश में दिल्ली एवं हरियाणा जैसे पड़ोसी राज्यों के समकक्ष राज्य की जनता को मिल सकें। भाकपा ने कहा है कि समाजवाद लाने की बात करने वाली सपा सरकार को कम से कम इतना समाजवाद तो लाना ही चाहिए।
भाकपा ने ऐलान किया है कि बिजली तथा पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी के साथ-साथ प्रदेष की बद से बदतर हुई कानून-व्यवस्था को पटरी पर लाने, साम्प्रदायिक शक्तियों को षिकस्त दिये जाने, सभी बैंकों से लिये गये किसानों के कर्जे माफ किये जाने, महंगाई एंव भ्रष्टाचार पर अंकुष लगाने, चीनी मिलों पर गन्ने के समस्त बकायों का मय ब्याज के तत्काल भुगतान कराने, भुगतान में आनाकानी कर रहे मिल मालिकों के विरूद्ध मुकदमा दर्ज कराने, मनरेगा में व्याप्त भ्रष्टाचार रोकने तथा मजदूरी बढ़ाकर रू. 300.00 प्रतिदिन किये जाने तथा साल में 200 दिन काम की व्यवस्था किये जाने, खाद्य सुरक्षा कानून - जिसमें 35 किलो अनाज प्रति माह हर परिवार को रू. 2.00 प्रति किलो की दर से दिये जाने की गारंटी हो, शीघ्र से शीघ्र पारित कराने, महारानी लक्ष्मी बाई योजना के अंतर्गत समस्त पात्रों को बीपीएल दर पर 35 किलो अनाज देने के आदेष की धज्जियां बिखेर कर जनवरी, फरवरी और मार्च महीने में प्रदेष भर में हुये खाद्यान्न घोटाले की जांच सतर्कता अधिष्ठान से कराने आदि मुद्दों को लेकर भाकपा कार्यकर्ता पूरे प्रदेश में जिला मुख्यालयों पर धरना-प्रदर्शन आयोजित करेंगे।
कार्यालय सचिव